संपादक, न्यूज़NORTH
Google Employees Occupy CEO Office: टेक्नोलॉजी दिग्गज Google के कैलिफोर्निया स्थित परिसर से एक बड़ी घटना सामने आ रही हैं। कंपनी के दर्जनों कर्मचारियों ने Google Cloud प्लेटफॉर्म के सीईओ के ऑफिस पर कब्जा कर लिया। इसके पीछे कर्मचारियों की कुछ मांगे थी। दिलचस्प रूप से कर्मचारियों की ये मांगे सैलरी, छुट्टी या वर्क-कल्चर आदि से संबंधित नहीं थी, बल्कि वैश्विक हालातों से जुड़ी हुई थीं।
हुआ ये कि Google के दर्जनों कर्मचारियों ने Google Cloud के सीईओ थॉमस कुरियन के कैलिफ़ोर्निया स्थित ऑफिस कर कब्जा जमा लिया और उन्होंने ऑफिस से तब तक जाने से इनकार कर दिया जब तक कंपनी इज़राइल के साथ व्यापार बंद नहीं कर देगी। इस दौरान अपने विरोध प्रदर्शन को कर्मचारियों द्वारा लाइव-स्ट्रीम भी किया गया।
Google Employees Occupy CEO Office
शुरुआती रिपोर्ट्स के अनुसार, यह लाइव स्ट्रीमिंग मुख्यतः Twitch पर की गई। इस दौरान Google के कर्मचारियों को विशेष परिधानों में ऑफ़िस की फर्श पर बैठे देखा गया। इन कर्मचारियों के हाथों में इजराइल विरोधी बैनर भी देखनें को मिले। इन कर्मचारियों में इजराइल-हमास संघर्ष के बीच बच्चों की हो रही मौत पर भी सवाल पूछे और कंपनी की मौजूदा नीति का भी विरोध किया।
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आपको बता दें, यह विरोध प्रदर्शन न्यूयॉर्क शहर में स्थिति Google ऑफ़िस की 10वीं मंजिल पर देखनें को मिला। जानकारी यह भी सामने आ रही है कि इस विरोध प्रदर्शन के आयोजन की जानकारी व ऐलान कर्मचारियों ने इंटरनल ई-मेल के तहत की थी। इस माध्यम का इस्तेमाल करते हुए उन्होंने आपस में मांगों की एक सूची भी साझा की।
क्या थीं मांगे?
इन कर्मचारियों की बड़ी माँगो में Google द्वारा इजरायली सरकार की क्लाउड-कंप्यूटिंग प्रोजेक्ट Nimbus को लेकर वहां की सरकार से किए $1.2 बिलियन के अनुबंध को रद्द करना भी शामिल रहा। इतना ही नहीं बल्कि इन कर्मचारियों ने इजरायली रक्षा बलों के साथ क्लाउड व अन्य सेवाओं को भी स्थगित करने की मांग की।
इन कर्मचारियों की ओर से कहा गया कि Google “इजरायली रंगभेदी सरकार और सेना के साथ सभी व्यापार बंद करे”, फिलिस्तीनी और मुस्लिम कर्मचारियों के “उत्पीड़न, धमकाने और चुप कराये” जाने की प्रथा को रोके और श्रमिकों को ‘स्वास्थ्य और सुरक्षा’ समाधान उपलब्ध करवाए।
इन कर्मचारियों के हाथों में जो बैनर थे, उनमें कुछ अहम चीजें लिखी नजर आईं। कुछ में लिखा था, ‘लाभ के लिए अब और नरसंहार नहीं’, तो वहीं ‘श्रमिकों को चुप कराना बंद करो’ जैसे नारे भी लिखे दिखाई दिए। उनका कहना रहा कि यह कदम गाजा में हुए दर्दनाक घटनाक्रम को लेकर अमेरिका में कई लोगों के बीच बढ़ती निराशा का प्रतीक है।
पुलिस को देना पड़ा दख़ल
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस प्रदर्शन के बीच कंपनी के प्रशासन की ओर से कर्मचारियों को दिए गए निर्देशों का अनुपालन करने के लिए कहा गया। जब उन्होंने इससे इनकार कर दिया तो मजबूरन क़ानूनी सहारा लेने की बात कही गई। बताया जा रहा है कि कुछ समय बाद पुलिस आई और उसमें मामले में दख़ल देते हुए स्थिति को संभालने की कोशिश की।