संपादक, न्यूज़NORTH
BYJU’S begins March salary disbursements: संकटग्रस्त एडटेक स्टार्टअप BYJU’S ने देरी के बाद आखिरकार सैलरी बांटने की शुरुआत कर दी है। कंपनी ने बताया है कि इसने कर्मचारियों को मार्च का वेतन देना शुरू कर दिया है और उम्मीद जताई जा रही है कि वेतन बांटने की यह प्रक्रिया 18 अप्रैल तक पूरी कर ली जाएगी। जाहिर है यह सभी BYJU’S कर्मचारियों के लिय एक बड़ी राहत की खबर है।
तमाम विवादों और वित्तीय चुनौतियों से घिरा BYJU’S पिछले कई महीनों से समय पर कर्मचारियों की सैलरी देने में असमर्थ दिखाई पड़ा है। इस सिलसिले की शुरुआत इस साल जनवरी से हुई बताई जाती है। इस महीनें की शुरुआत में भी कंपनी के स्टाफ को समय पर मार्च की सैलरी नहीं मिल सकी थी, लेकिन अब इसकी शुरुआत कर दी गई है।
BYJU’S begins March salary disbursements
इस विषय पर इकोनॉमिक टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट में बताया गया कि BYJU’S ने इस बारे में अपने सभी कर्मचारियों को एक ईमेल के जरिए सूचित किया है। इस ईमेल में कथित रूप से कंपनी ने लिखा है,
“दुर्भाग्यवश हमारी तमाम कोशिशों के बाद भी चार विदेशी निवेशकों की कार्रवाई के चलते हमें अभी तक ‘राइट्स इश्यू फंड’ इस्तेमाल कर सकने की अनुमति नहीं मिली है। लेकिन हमने समय पर वेतन भुगतान सुनिश्चित करने के लिए क्रेडिट (लोन) की एक वैकल्पिक व्यवस्था की है।”
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लेकिन यह साफ कर दें कि कंपनी की ओर से अब तक आधिकारिक तौर पर इस वैकल्पिक क्रेडिट या लोन की बात नहीं कही गई है।
क्या है मामला?
फिलहाल एडटेक स्टार्टअप BYJU’S अपने कुछ दिग्गज निवेशकों जैसे Prosus, General Atlantic, Chan Zuckerberg Initiative और Peak XV के साथ एक विवाद में लिप्त है। इन निवेशकों ने देश के भीतर नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में अपील करके जनवरी में शुरू किए गए $200 मिलियन के राइट्स इश्यू को रद्द करने की मांग की है। इन चार निवेशकों के समूह ने कंपनी के ख़िलाफ कुप्रबंधन समेत कुछ अन्य बड़े आरोप लगाए हैं।
इस मामले में 27 फरवरी को NCLT की ओर से कुछ निर्देश दिए गए, जिसके तहत इस राइट्स इश्यू के जरिए BYJU’S द्वारा प्राप्त धनराशि को एक अलग एस्क्रो अकाउंट में रखने का आदेश दिया गया। लेकिन फिलहाल इस फंड से पैसा निकाल सकने की मंजूरी नहीं दी गई है।
हुआ ये था कि BYJU’S का ये $200 मिलियन का राइट्स इश्यू कंपनी के $22 बिलियन की उच्चतम वैल्यूएशन से लगभग 99% छूट पर हो रहा है। ऐसे में इसका एक मतलब यह भी निकाला जा रहा है कि इस फंडिंग में भाग न लेने वाले किसी भी निवेशक को राइट्स इश्यू के पूरा होने के बाद, कंपनी में अपनी शेयरहोल्डिंग लगभग खत्म होती नजर आएगी।