संपादक, न्यूज़NORTH
FIR Against YouTuber Manish Kashyap Again: यूट्यूबर मनीष कश्यप एक बार फिर मुश्किलों में घिरे नजर आ रहे हैं। बिहार के मोतिहारी जिले में मनीष के ख़िलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। मनीष पर चुनाव के चलते देश भर में लगाई गई आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने के आरोप लगा है।
आपको बता दें, देश भर में आम चुनाव 2024 की घोषणा के बाद से ही आदर्श आचार संहिता लागू है। इसी का पालन ना करने के चलते उनके खिलाफ पूर्वी चंपारण जिले के दरपा थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। यह शिकायत 19 मार्च को दर्ज की गई।
FIR Against YouTuber Manish Kashyap: क्या है मामला?
सामने आ रही जानकारी के अनुसार, दरपा थाना क्षेत्र के नरकटिया बाजार में एक चुनावी सभा का आयोजन किया गया। इस सभा में मनीष कश्यप अपने कुछ सहयोगियों के साथ शमिल हुए। पुलिस का कहना है कि इस दौरन मनीष ने नरकतिया बाजार में एक व्यक्ति के घर के बरामदे में खड़े होकर चुनाव में खुद के लिए वोट माँगा। कहा जा रहा है इस सभा के लिए अनुमति नहीं ली गई थी। और ऐसे में इसे आचार संहिता का उल्लंघन बताया गया।
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इस मामले में एक पुलिस पदाधिकारी के लिखित बयान पर ही मनीष कश्यप के ख़िलाफ मामला दर्ज किया गया है। इस एफ़आईआर में मनीष कश्यप के अलावा 1 नामजद और 10 अज्ञात लोगों को भी आरोपी बनाया गया है।
लोकसभा चुनाव लड़ेंगे मनीष कश्यप?
अब तक सामने आई स्थिति के अनुसार, मनीष कश्यप लोकसभा चुनाव 2024 लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। मनीष ने खुद इसके संकेत भी दिए हैं। उन्होंने कहा कि वह बिहार की जनता की माँग के आधार पर ही चुनाव में खड़े होने या ना होने का निर्णय लेंगे।
हालाँकि फिलहाल इस विषय में स्थिति स्पष्ट नहीं है। मनीष की ओर से भी अभी तक यह तय नहीं हो सका है कि वह किस पार्टी से चुनाव लड़ते नजर आएँगे? दिलचस्प रूप से मनीष कश्यप इससे पहले बिहार विधानसभा चुनाव में भी खड़े हो चुके हैं। उस वक्त वह बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव लड़े थे। लेकिन इस चुनाव में मनीष की हार हुई थी।
फिलहाल बिहार राजनीतिक रूप से एक दिलचस्प राज्य बना हुआ है। भाजपा, आरजेडी, जेडीयू समेत तमाम स्थानीय दलों ने चुनावों को लेकर अपनी कमर कस ली है। यह राज्य इसलिए भी इतना खास है क्योंकि यहाँ सत्ता और विपक्ष दोनों के पास एक व्यापक जन आधार बताया जाता है। ऐसे में बीजेपी के लिए आरजेडी क्या एक बड़ी चुनौती खड़ी कर पाएँगी, यह देखना भी दिलचस्प होगा! ऐसा इसलिए भी क्योंकि जानकारों की मानें तो विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में बिहार की जनता ने कई बार अलग-अलग रूख भी प्रकट करने के उदाहरण पेश किए हैं।