लद्दाख: सोनम वांगचुक का अनशन 16वें दिन भी जारी, माँगों को लेकर ये कहा?

  • सोनम वांगचुक के अनशन को 16 दिन होने जा रहे हैं
  • वह लगातार लद्दाख से जुड़ी तमाम माँगों को उठा रहे हैं
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Sonam Wangchuk Hunger Strike In Ladakh: लद्दाख के जाने-माने पर्यावरण-सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के आमरण अनशन को लगभग 16 दिन पूरे होने जा रहे हैं। वह 6 मार्च से ही लद्दाख से जुड़ी विभिन्न माँगों को लेकर को 21 दिनों का आमरण अनशन कर रहे हैं। उन्होंने ‘सेव लद्दाख’ और सेव हिमालय’ अभियान के तहत इसकी शुरुआत की।

वह कई बार यह कह चुके हैं कि अगर समाय रहते तामम माँगों पर गौर नहीं किया गया, तो वह अपने इस अनशन की अवधि को आगे भी बढ़ा सकते हैं। इस दौरान 18 मार्च को उनके साथ लगभग 1,500 लोगों ने भी एकदिवसीय भूख हड़ताल की।

Sonam Wangchuk Hunger Strike

मशहूर शिक्षा सुधारवादी सोनम वांगचुक पिछले कुछ सालों में लगातार लद्दाख से जुड़े कई गंभीर मुद्दों को उठाते रहे हैं। उन्हें लोग एक इंजीनियर, इनोवेटर और शिक्षा व पर्यावरण रिफॉर्मिस्ट के तौर पर पहचानते हैं। रेमन मैग्सेसे अवार्ड समेत देश विदेश में तमाम पुरस्कारों से सम्मानित किए जा चुके सोनम वांगचुक ने लद्दाख के पर्यावरण आदि की रक्षा के लिए कई माँगे रखी हैं।

आपमें से बहुत से लोग उन्हें शायद इस वजह से भी जानते होंगे कि उनके ऊपर बेहद लोकप्रिय रही ‘3 इडियट्स’ फिल्म बन चुकी है। इस फिल्म में आमिर खान द्वारा निभाया गया ‘रेंचो’ का किरदार सोनम वांगचुक से ही प्रेरित बताया जाता है।

सोनम वांगचुक के अनशन का कारण

सोनम वांगचुक की सबसे बड़ी माँग ये है कि फिलहाल केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को भारत सरकार पूर्ण राज्य का दर्जा दे। याद दिला दें साल 2019 में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को हटाने के बाद, जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख को अलग करते हुए, लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया।

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इसके साथ ही सोनम की माँग राज्य को संविधान की छठवीं अनुसूची में शामिल किया जाए, ताकि यहाँ के पर्यावरण, स्थानीय विशेषताओं का संरक्षण सुनिश्चित किया जा सके। साथ ही लद्दाख को खनन व अन्य व्यवसाय के लिए खुले तौर पर बाजार को ना सौंपा जा सके।

देखा जाए तो सोनम वांगचुक का ये अनशन मुख्य तौर पर 4 माँगों को लेकर किया जा रहा है, जो कुछ इस प्रकार हैं –

1) लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा

2) राज्य को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करना

3) लेह और कारगिल जिलों के लिए अलग-अलग लोकसभा सीटें और राज्यसभा में प्रतिनिधित्व

4) लद्दाख के लिए एक अलग लोक सेवा आयोग

क्या निकलेगा समाधान

अपनी इन्ही तमाम माँगों को लेकर माइनस डिग्री तापमान में सोनम वांगचुक आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं। लेह स्थित शीर्ष निकाय और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस के संयुक्त प्रतिनिधियों के साथ उन्होंने ये आंदोलन शुरू किया है।

इन तमाम माँगों को लेकर वांगचुक पहले भी कई बार आवाज़ उठा चुके हैं। यहाँ तक कि वह केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों के साथ भी इनको लेकर चर्चा कर चुके हैं। लेकिन सोनम के अनुसार, उन्हें इस दिशा में कोई भी ठोस कदम देखनें को नहीं मिला और इन मुद्दों का समाधान फिलहाल निकलता दिखाई नहीं दे रहा है।

इस बीच सोनम वांगचुक आमरण अनशन के हर रोज वीडियो जारी करते हुए, अपनी स्थिति की जानकारी साझा करते हैं और पुनः अपनी माँगों को भी दोहराते हैं। आज भी उन्होंने सुबह-सुबह पोस्ट करते हुए लिखा;

“#CLIMATEFAST के 16वें दिन की शुरुआत

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120 लोग साफ आसमान के नीचे बाहर सो रहे हैं। तापमान 8°C है। 16 दिनों तक सिर्फ पानी और नमक का सेवन आखिरकार नुकसान पहुंचाने लगा है। काफी कमजोर महसूस हो रहा है। लेकिन मैं अभी भी 25 दिन और खींच सकता हूं और शायद खींचूंगा।”

“मुझे यकीन है कि सच्चाई का हमारा मार्ग जीतेगा। अन्ना हजारे के मामले में संसद ने उनके अनशन के 13वें दिन सर्वसम्मति से लोकपाल विधेयक पारित कर दिया। वहीं महात्मा गांधी को 21 दिनों तक बैठना पड़ा था। देखते हैं हमें कितना समय लगता है…हम होंगे कामयाब एक दिन।”

 

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