officer who named the lions Akbar and Sita suspended: विश्व हिंदू परिषद के आपत्ति के बाद उपजे विवाद के बाद सरकार हरकत में आई है, शेर और शेरनी के नाम अकबर और सीता रखने वाले वन विभाग के अधिकारी को सस्पेंड कर दिया गया है। धार्मिक नामों का उपयोग करते हुए धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाले मामले में संज्ञान लेते हुए सरकार ने त्रिपुरा राज्य के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव और पारिस्थितिक पर्यटन) प्रबीन लाल अग्रवाल को निलंबित कर दिया है।
दरअसल पूरा मामला जब प्रकाश में आया है, जब 12 फरवरी को त्रिपुरा के सिपाहीजला प्राणी उद्यान में पांच साल के बाद दो बाघों को लाया गया था। ये बाघ उत्तरी बंगाल के सिलीगुड़ी में बंगाल सफारी से पशु आदान प्रदान कार्यक्रम के तहत लाए गए थे।
इन दोनो बाघ और बाघिन के नाम अकबर और सीता थे, जिसके बाद पश्चिम बंगाल विश्व हिंदू परिषद की उत्तर बंगाल इकाई ने इस नाम को लेकर कड़ी (officer who named the lions Akbar and Sita suspended) आपत्ति दर्ज की थी इसके साथ ही इस मामले को कोर्ट में लेकर गए थे।
इस पूरे प्रकरण बंगाल विश्व हिंदू परिषद की उत्तर बंगाल इकाई और दो अन्य व्यक्तियों की याचिकाओं की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने भी ऐसे विवाद को खड़ा करने और नामों के चयन को लेकर मौखिक रूप से हिदायत देते हुए कहा था, ऐसे नामों से बचना चाहिए जिससे किसी भी प्रकार का विवाद उत्पन्न हो।
कोलकात्ता हाईकोर्ट की हिदायत
न्यायमूर्ति सौगत भट्टाचार्य ने इस मामले में सुनवाई करते हुए कहा था, क्या किसी जानवर का नाम देवताओं, पौराणिक नायकों, स्वतंत्रता सेनानियों या नोबेल पुरस्कार विजेताओं के नाम पर रखा जा सकता है। इस पूरे प्रकरण को लेकर न्यायाधीश ने मौखिक रूप से कहा कि विवाद टालने के लिए जानवरों के इस तरह के नामकरण से बचना चाहिए था।
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उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल पहले से ही स्कूल में शिक्षकों की भर्ती में कथित घोटाले समेत कई अन्य मुद्दों को लेकर विवादों से घिरा हुआ है। इसलिए, विवेकपूर्ण निर्णय लें, इस विवाद से बचें। दोनों ही जानवरों के नाम बदलकर इस विवाद को ख़त्म करने की कोशिश करें।