Children not allowed election campaigns and rallies: बच्चों को चुनाव प्रचार या किसी भी प्रकार से चुनाव में अपने प्रचार में उपयोग में लेने वाले नेताओं और प्रत्याशियों के लिए भारत निर्वांचन आयोग ने सख़्त हिदायत जारी किया है। यादि कोई प्रत्याशी या नेता इस नियम का पालन नहीं करता है, तो उसके खिलाफ़ कार्यवाई की जा सकती है।
दरअसल आगामी कुछ महिनों बाद देश में लोकसभा चुनावों की घोषणा होनी है, उसके बाद प्रत्याशी और विभिन्न पार्टियों के नेता अपने प्रचार प्रसार में जुट जाएंगे। हाल के समय में देखा गया है, छोटे बच्चे या नाबालिक उम्र के बच्चों को झंडे, प्रचार तख्ती कविता पाठ, गीत, बोले गए शब्द, नारों के लिए राजनीतिक दल या उम्मीदवारो द्वारा इन कामों के लिए उपयोग में लिया जाता है।
अब ऐसे कामों के लिए बच्चों का उपयोग करने वाले दल प्रत्याशियों के लिए चुनाव आयोग ने हिदायत जारी की है। राजनीतिक दलों को भेजे परामर्श में निर्वाचन आयोग ने दलों और उम्मीदवारों द्वारा चुनावी प्रक्रिया के दौरान किसी भी तरीके से बच्चों का इस्तेमाल किए जाने के प्रति अपनी ‘कतई बर्दाश्त नहीं करने’ की नीति से अवगत कराया।
चुनाव आयोग ने एक बयान में कहा,
‘किसी भी तरीके से राजनीतिक प्रचार अभियान चलाने के लिए बच्चों के इस्तेमाल पर भी यह प्रतिबंध लागू है, जिसमें कविता, गीत, बोले गए शब्द, राजनीतिक दल या उम्मीदवार के प्रतीक चिह्न का प्रदर्शन शामिल है।’
Children not allowed election campaigns and rallies
हालांकि चुनाव आयोग ने अपने इस निर्देश में एक बात और जोड़ते हुए कही, यदि कोई नेता जो किसी भी राजनीतिक दल की चुनाव प्रचार गतिविधि में शामिल नहीं है और कोई बच्चा अपने माता-पिता या अभिभावक के साथ उसके समीप केवल मौजूद होता है तो इस परिस्थिति में यह दिशानिर्देशों का उल्लंघन नहीं माना जाएगा।
Political Parties and candidates should refrain from using children in political campaigns and rallies in any manner, says Election Commission of India pic.twitter.com/jFqNmdhR7i
— ANI (@ANI) February 5, 2024
बाल श्रम निषेध अधिनियम के तहत कार्रवाई
चुनाव आयोग ने इस नीति के उल्लंघन करने वाले राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों के लिए कहा, यादि कोई इसका पालन नहीं करता पाया जाता तो उस प्रत्याशी या नेता के खिलाफ़ बाल श्रम निषेध अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा सकती है।
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मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने निर्वाचन आयोग के प्रमुख हितधारकों के रूप में राजनीतिक दलों की महत्वपूर्ण भूमिका पर लगातार जोर दिया है। उन्होंने खासकर, आगामी संसदीय चुनावों के मद्देनजर लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने में उनसे सक्रिय भागीदार बनने का सभी राजनैतिक दलों से आग्रह किया है।
गौरतलब है, चुनावों के दौरान बच्चो को प्रत्याशी या पार्टियों द्वारा प्रचार में खूब प्रयोग में लिया जाता है,कई बार ये चुनाव की बाइक रैलियों में तो कभी पार्टी विशेष की तख्तियों के साथ देखे जाते है। स्टेज शो में भी इनका उपयोग भाषण या नारे लगवाने के लिए देखा जा सकता है। कोई भगवा वस्त्र में किसी का प्रतिरूप लेते दिखता है तो कोई झाड़ू और मफलर के साथ अब ऐसे काम के लिए चुनाव आयोग ने पाबंदी लगाई है।