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रेलवे: वेटिंग लिस्ट का सिस्टम होगा खत्म? केंद्रीय मंत्री ने बताया ये प्लान

रेलवे: वेटिंग लिस्ट का सिस्टम होगा खत्म? केंद्रीय मंत्री ने बताया ये प्लान

  • सरकार की रेल सेवा को लेकर दूरदर्शी सोच.
  • 40 हजार किमी. रेलवे ट्रैक का निर्माण किया जाएगा-रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव
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Railways Waiting list system will end!: भारतीय रेल का इतिहास अंग्रेजो के जमाने से धीरे धीरे प्रगति करते हुए आज एक बेहतर सुगम यात्रा साधन की ओर बढ़ रहा है। पहले के वर्षो से अब तक रेलवे ने काफ़ी कुछ बदलाव किया है। रेल भारत में यात्रा के लिए हर वर्ग के लिए एक बेहतर साधन है, ख़ासकर निचले और मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए इसलिए सरकार भी इस ओर अधिक प्रयासरत रहती है।

इसी क्रम में अब सरकार हर व्यक्ति तक रेलवे संसाधन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए इसके विस्तार में काम कर रही है। ट्रेनों में वेटिंग लिस्ट कन्फर्म टिकट के चक्कर में परेशान रहने वाले यात्रियों के लिए सरकार एक बड़ी योजना में कार्य कर रही है।

रेल में यात्रा करने की वजह से देश में यात्रियों की संख्या अधिक होती है, ऐसे में लोगों को ट्रेन में टिकिट के लिए महीनों पूर्व से आवदेन देना होता है। ऐसी स्थिति से निपटने के लिए केंद्र सरकार का रेल मंत्रालय एक बड़ी योजना में काम कर रहा है, जिसकी जानकारी स्वयं रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने दी। उन्होंने बताया कि कैसे एक तय डेडलाइन में रेलवे वेटिंग लिस्ट खत्म की तैयारी कर रहा है।

दरअसल केंद्र सरकार ने बजट में तीन रेलवे कॉरिडोर की घोषणा की थी इसी घोषणा को वेटिंग टिकट सुविधा को बेहतर बनाने वाली बात से जोड़ते हुए केंद्रीय मंत्री ने बताया कि, बजट में तीन कॉरिडोर की घोषणा वेटिंग टिकट खत्म करने दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। भारतीय रेलवे साल में 700 करोड़ यात्रियों का परिवहन करती है, इस क्षमता को 1000 करोड़ यात्री प्रतिवर्ष ले जाना है। इसके लिए नए रेलवे ट्रैक का निर्माण किया जाएगा और नई गाड़ी चलाई जाएंगी, जिससे वेटिंग लिस्ट खत्म हो जाएगी।

Railways Waiting list system will end!

केंद्रीय मंत्री ने सरकार की रेल सेवा को लेकर दूरदर्शी सोच का जिक्र किया जिसमें उन्होंने कहा, तीनों कॉरिडोर को मिलाकर लगभग 40 हजार किमी. रेलवे ट्रैक का निर्माण किया जाएगा, यह ट्रैक जर्मनी जैसे विकसित देश के कुल रेलवे ट्रैक के बराबर होगा। नई रेल ट्रैक के निर्माण के साथ मौजूदा रेलवे ट्रैक पर जरूरत के अनुसार डबलिंग या उससे अधिक ट्रैक बिछाए जाएंगे। इसके अलावा ट्रेनों के लिए फ्लाईओवर,अंडरपास का भी निर्माण कराया जायेगा।

सरकार की 2030 तक की योजना

इसके साथ वंदे भारत ट्रेन जैसे नए ट्रेन के डिब्बे तैयार किए जाने है, 40 हजार से ज्यादा वन्दे भारत जैसी सुविधाओं के कोच निर्माण किए जाना है। इसके लिए करीबन 9 वर्ष का समय लगेगा सरकार का मानना है, 2030 में भारत की रेलवे एक सशक्त रेलवे सेवा होगी जिसमें मल्टी ट्रैक,ट्रेनों की अतिरिक्त उपलब्धता यात्रियों को वेटिंग लिस्ट के चक्कर से छुटकारा प्रदान करेंगी।

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रेल मंत्री के अनुसार वेटिंग लिस्ट को खत्म करने के लिए इस ओर कदम उठाने के लिए मंत्रालय दो से अधिक वर्ष पहले से तैयारी कर रहा था, बजट में तीन कॉरिडोर के निर्माण की घोषणा अचानक नहीं की गयी है। 18 मंत्रालयों, सभी राज्‍यों और उद्यमियों से विचार विमर्श कर कॉरिडोर की रूपरेखा तय की गयी है।

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गौरतलब है, लोकसभा में अपने अंतरिम बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तीन प्रमुख रेलवे कॉरिडोर को लागू करने की घोषणा की है, जिसमें एनर्जी, मिनरल और सीमेंट कॉरिडोर, पोर्ट कनेक्टिविटी कॉरिडोर और हाई ट्रैफिक डेंसिटी कॉरिडोर शामिल है।

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