Punctuality system implemented in Rajasthan:राजस्थान में भाजपा के चुनाव जीतने के बाद नई भजन लाल शर्मा की सरकार ने राज्य में एक आदेश पारित किया है। ओल्ड पेंशन स्कीम में सरकार का स्टेंड क्लियर करने वाली मांग करने वाले सरकारी कर्मचारियों के लिए भजन लाल शर्मा की सरकार ने राज्य में “पीएस-पंक्चुअलिटी सिस्टम” लागू किया है।
शनिवार को पारित आदेश में चिकित्सा विभाग निदेशालय के अधिकारी कर्मचारियों को भी ऑफिस में नियत समय पर उपस्थित होने के निर्देश जारी किए गए हैं।
इन सभी अधिकारी और कर्मचारियों को राज्य में लागू ‘पीएस-पंक्चुअलिटी सिस्टम’ नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा नियमों के अनदेखी करने में संबंधित व्यक्ति के ऊपर सख्त कार्रवाई की जायेगी। प्रदेश सरकार के आदेश से एक कदम और आगे बढ़ते हुए जयपुर सीएमएचओ द्वितीय ने सरकारी अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टर्स, नर्सिंग ऑफिसर और अन्य कार्मिक भी दूसरे सरकारी कर्मचारियों की तरह सुबह 9:30 से 6:00 तक सेवाएं देने के आदेश जारी कर दिए।
नई सरकार और उसके मुखिया भजनलाल शर्मा का यह कदम राज्य में सरकारी कार्यप्रणाली के लचर व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए उठाए गए कदमों में बताया जा रहा है,जिससे कि राज्य में आम जनता को इसका लाभ पहुंचाया जा सकें।
नए आदेशों के बाद अब चिकित्सा स्वास्थ्य महकमे के अधिकारियों और कर्मचारियों डॉक्टर और नर्स सहित सभी को अब निर्धारित समय सीमा सारणी का पालन करना होगा।
Punctuality system implemented in Rajasthan
ऐसे में आदेश के मुताबिक नियम के तहत सुबह में टाइम में आना और देर शाम नियत समय में ही घर जाने की अनुमति होगी। दूसरे कार्यालयों के समान ही अस्पताल में भी 1:30 से 2 के बीच लंच टाइम होगा। यदि किसी अस्पताल में स्टॉफ या डॉक्टर को किसी विशेष परिस्थिति में कही जाने पड़ जाए तो उसे अस्पताल के उपस्थिति रजिस्टर में इस बात का मेंशन करना होगा।
किसी भी अकारण वजह से यदि कोई कर्मचारी अधिकारी चिकित्सक यदि नियमों और आदेश की अवेहलना करता पाया गया तो उसके ऊपर अनुशानात्मक कार्रवाई की जायेंगी।
तर्क वितर्क को लेकर चेतावनी
आदेशों में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया कि इस संबंध में किसी भी तरह का तर्क-वितर्क न करते हुए निर्देशों की पालना सुनिश्चित की जाए, साथ ही बिना सक्षम स्वीकृति के अवकाश पर जाने वाले अधिकारी कर्मचारी और चिकित्सकों को भी निर्देशित किया गया कि स्वीकृति लेकर ही अवकाश ले अन्यथा उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
इन सभी शासकीय कार्मिकों को उपस्थिति रजिस्टर के साथ बायोमेट्रिक उपस्थिति भी दर्ज करनी होगी। अगर निरीक्षण के दौरान किसी भी संस्था में बायोमेट्रिक उपस्थिति मशीन न होने की स्थिति में इसकी ज़िम्मेदारी प्रभारी अधिकारी की होगी।
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हालांकि यह बात भी निकलकर आई है, राज्य सरकार की ओर से ये आदेश सिर्फ निदेशालय मुख्यालय पर कार्यरत कर्मचारी और अधिकारियों को मद्देनजर रखते हुए निकाला गया था, लेकिन सीएमएचओ ने इसे अस्पतालों के डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ पर भी लागू कर दिया. ऐसे में संशोधित आदेश आने की संभावनाएं भी जताई जा रही हैं।