संपादक, न्यूज़NORTH
Death Penalty Using Nitrogen Gas: दुनिया में पहली बार गंभीर अपराध के दोषी को मौत की सजा देने के लिए एक बिल्कुल नया तरीका इस्तेमाल किया गया। हम बात कर रहे हैं अमेरिका के अलबामा कि जहाँ हत्या के एक मामले के दोषी एक व्यक्ति को नाइट्रोजन गैस सुंघाकर मौत की सजा दी गई। जैसा हमनें कहा यह दुनिया में अपने तरीके का पहला मामला है और इसको लेकर तमाम तरह की प्रतिक्रियाएँ सामने आ रही हैं।
अमेरिका की स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एक ओर अलबामा के गवर्नर का कहना है कि यह मृत्युदंड की सजा देने का तुलनात्मक रूप से अधिक दर्द रहित व मानवीय तरीका है। वहीं दूसरी ओर कई लोगों ने इस तरह की मौत की सजा को प्रयोगात्मक और क्रूर बता रहे हैं।
Death Penalty Using Nitrogen Gas: क्या है मामला?
जानकारी के अनुसार, 58 वर्षीय केनेथ यूजीन स्मिथ को 1988 के मामले में पैसे लेकर हत्या करने का दोषी पाया गया था। बताया जा रहा है कि वह पहले एक बार मौत की सजा से बच गया था। असल में नवंबर 2022 में यह सजा दी जानी थी, लेकिन संबंधित अधिकारियों को उसके शरीर में घातक सुई डालने के लिए घंटों मशक़्क़त करनी पड़ी, जिसके बाद उस सजा को रद्द कर दिया गया।
इसके बाद स्मिथ को एक व्यक्ति की पत्नी की हत्या का दोषी पाया गया। उसने उस महिला के पति से ही महिला की हत्या की सुपारी ली थी। इसी गंभीर अपराध के चलते उसे फिर एक बार मौत की सजा सुनाई गई।
इस बार नया प्रयोग
इस बार मौत की सजा के लिए नया प्रयोग किया गया। यह सजा गुरुवार (25 जनवरी 2024) को शाम 7:53 बजे दी गई और इसके बाद 8:25 बजे स्मिथ को आधिकारिक रूप से मृत घोषित कर दिया गया।
सामने आई जानकारी के मुताबिक, केनेथ यूजीन स्मिथ को एक फेस मास्क के जरिए नाइट्रोजन गैस सुंघाई गई। इसके बाद उसके शरीर में ऑक्सीजन की कमी होना शुरू हो गई। हालाँकि प्रक्रिया शुरू होने के कई मिनटों तक स्मिथ सचेत रहा। लेकिन कुछ समय बाद ऑक्सीजन की कमी के चलते उसकी मौत हो गई। इस सजा की गवाही के रूप में वहाँ लगभग 5 पत्रकारों की मौजूदगी की भी बात सामने आई है। उनके अनुसार, पूरी प्रक्रिया देख वह भी दंग रहे।
अब तक क्या है तरीका
अमेरिका में साल 1982 के बाद से ही मौत की सजा देने के लिए घातक इंजेक्शन का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन इसको लेकर अब कुछ समस्याएँ भी सामने आई हैं। पहला तो इंजेक्शन में उपयोग होने वाली दवा की आपूर्ति एक चुनौती बनती जा रही है। साथ ही इस प्रक्रिया पर भी कुछ लोग सवाल उठाते रहे हैं।
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अदालत में की गई थी प्रयोग को रोकने की अपील
यह भी सामने आया है कि संयुक्त राष्ट्र के कुछ मानवाधिकार विशेषज्ञों ने और स्मिथ के वकील ने इस तरह की मौत की सजा रोकने की माँग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। उनका तर्क था कि राज्य की ओर से इस सजा के लिए जिस तरीके का इस्तेमाल किया जा रहा है वह उसे किसी टेस्टिंग ऑब्जेक्ट की तरह प्रयोग कर रहे हैं। यह दंड देने का क्रूर तरीका तो है ही, साथ ही साथ यह इस संबंध में तय संवैधानिक प्रतिबंधों का भी उल्लंघन हो सकता है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनकी इस अपील को खारिच कर दिया।