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थाईलैंड: राजा की आलोचना करने पर व्यक्ति को 50 साल की कैद, जानें पूरा मामला

थाईलैंड: राजा की आलोचना करने पर व्यक्ति को 50 साल की कैद, जानें पूरा मामला

  • राजा महा वर्जीलोंगकोर्न की आलोचना करने के लिए गिरफ्तार किया गया.
  • मोंगकोल 'बूसबास' थ‍िरकोट नाम के युवक को राजा की आलोचना मे हूई जेल.
50 years in jail for criticizing Thailand's king

50 years in jail for criticizing Thailand’s king: हिंदू देवता विष्णु के अवतार माने जाने वाले राजा की आलोचलना करना युवक को महंगा पड़ गया है,स्थानीय कोर्ट ने व्यक्ति को 50 वर्ष की कैद की सजा का आदेश दिया है।

दरअसल पूरा वाकया थाईलैंड देश के राजा महा वर्जीलोंगकोर्न के अपमान से जुड़ा हुआ है, जहा मोंगकोल ‘बूसबास’ थ‍िरकोट नाम के युवक को राजा की आलोचना करना महंगा पड़ गया है,स्थानीय कानून के हिसाब से युवक को पूर्व में दी गई सजा को बढ़ाते हुए एक अपील अदालत ने 22 वर्षो तक के लिए और बढ़ा दी है।

रिपोर्ट के अनुसार चियांग राय प्रांत में ऑनलाइन कपड़े के एक वेंडर को अप्रैल 2021 में राजा महा वर्जीलोंगकोर्न की आलोचना करने के लिए गिरफ्तार किया गया था,उसके ऊपर राजा की आलोचना के 14 अपराधो के लिए जनवरी 2024 में 28 साल की सजा सुनाई गई थी। अब इस सजा को बढ़ाते हुए अपील अदालत ने उसके आरोपों की संख्या बढ़ाकर 25 कर दी है और सजा भी बढ़ा दिया है।

 jail for criticizing Thailand’s king

थाइलैंड में शाही महल और राजा के अपमान संबधित दुनिया के सबसे सख्त कानूनों की व्यवस्था है, यादि किसी के ऊपर राजा या शाही महल के खिलाफ़ अपमान के संबंध में एक भी मामला सामने आता है, उसे तुरंत ही इन आरोपों में 15 वर्ष की कैद के रूप में सजा का प्रावधान है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आरोपी मोंगकोल जो पूर्व लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ता और ऑनलाइन कपड़ा व्यापारी है, उसके ऊपर फेसबुक पर एक विवादित पोस्ट करने के आरोप में दोषी करार दिया गया है।

2021 में भी राजनीतिक कैदियों की रिहाई की मांग को लेकर एक विरोध प्रदर्शन के दौरान मोंगकोल को गिरफ्तार किया गया था। वह थाइलैंड के लेज मैजेस्टी कानून के विरोध प्रदर्शन कर रहा था।

लेज मैजेस्टी काननू के तहत कार्यवाई

लेज मैजेस्टी वही कानून है, जिसके लिए मोंगकोल विरोध कर रहा था, उसी कानून के तहत उसे सजा सुनाई गई है। यह कानून राजा वजिरालोंगकोर्न और उनके करीबी परिवार को आलोचना से बचाता है। इस कानून को 2019 में कुछ समय के लिए निलंबित कर दिया गया था, लेकिन बाद में यह फिर बहाल कर दिया गया।

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गौरतलब है, थाइलैंड में इससे पहले सबसे बड़ी सजा साल 2021 में आंचन प्रीलर्ट नाम की एक महिला को मिली थी जिन्हें राजा का अपमान करने के 29 आरोपों के लिए 87 साल की जेल हुई थी। बाद में महिला ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को स्वीकार कर लिया था जिसके बाद उसकी सजा में कटौती करते हुए 43 साल कर दिया गया था।

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बताते चले अयोध्या की तरह थाईलैंड में भी एक अयोध्या है,न सिर्फ इस स्थान का नाम अयोध्या रखा गया है, बल्कि यहां के राजाओं के नाम में भी राम की उपाधि होती है, जो यहां की पुरानी परंपरा है। इसी परंपरा के तहत थाईलैंड के राजा को हिंदू धर्म में देवता विष्णु का अवतार माना जाता है।

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