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देशभर में मिलेगी 24 घंटे बिजली, भारत सरकार ने तय की मार्च 2025 तक की डेडलाइन

देशभर में मिलेगी 24 घंटे बिजली, भारत सरकार ने तय की मार्च 2025 तक की डेडलाइन

  • सरकार अपने तय सीमा में हर घर बिजली 24 घंटे उपलब्ध करवाने के लिए कार्य कर सकती है.
  • ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की औसत उपलब्धता बढ़कर 20.6 घंटे और शहरी क्षेत्रों में 23.8 घंटे हुई।
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24 Hours Electricity From 2025:देश में सबसे बड़ी पार्टी का तमगा हासिल कर चुकी भाजपा की नेतृत्व वाली नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार ने देश के हर घर में 24 घंटे बिजली प्रदान करने की कार्ययोजना में लगी हुई है।

पिछले एक दशक से केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली मोदी सरकार ने देश के हर गांव शहर में बसें घरों को बिजली कनेक्शनों से जोड़ने के लिए काम किया है,अब निकलकर आ रही जानकारी के अनुसार केंद्र की मोदी सरकार इन घरों में 24 घंटे बिजली उपलब्ध हो या सुनिश्चित करने के लिए 2025 तक की समय सीमा तय की है।

बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट में सूत्रों के आधार में कहा गया है,यदि भाजपा आम चुनावों के बाद सत्ता में लौटती है तो यह कार्यक्रम भी उसकी योजना में शामिल ‘लगातार चल रहे सुधारों’ का हिस्सा होगा।

केंद्र सरकार के देश के प्रत्येक घरों तक बिजली ग्रिड से जोड़ने के बाद अब 24 घंटे ग्राम हो या शहर समान रूप से बिजली उपलब्ध करवाना इसका उद्देश्य होगा। विद्युत मंत्रालय की वार्षिक समीक्षा (नवंबर 2023 तक) के रिकॉड के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की औसत उपलब्धता बढ़कर 20.6 घंटे और शहरी क्षेत्रों में 23.8 घंटे हुई।

केंद्र सरकार की और से राज्यों और बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) को इन्हें बढ़ाकर 24 घंटे करने के लिए कहा जा रहा है। यह काम आखिरी चरण में है। विद्युत मंत्रालय डिस्कॉम को चलाने वाले कायदों में इसके लिए प्रावधान शामिल करने की भी सोच रहा है।

24 Hours Electricity From 2025: चुनौतियाँ

पिछले पांच वर्षो से हर घर बिजली उपलब्ध करवाने वाली केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं में दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के जरिये केंद्र ने सभी गांवों और घरों को ग्रिड की बिजली से जोड़ दिया है।

परंतु विभागीय डेटा के अनुसार कनेक्टविटी बढ़ने के बाद भी बिहार, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश जैसे प्रमुख राज्यों के ग्रामीण इलाकों में बिजली आपूर्ति के घंटे काफी कम हुए हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों में हालात

केंद्र सरकार की महत्त्वाकांक्षी योजना के लिए चुनौतियां ग्रामीण क्षेत्रों में खासकर खेती आधारित हिस्सों के आसपास है, जहा कृषि आधारित कामों के सब्सिडी बिजली के कनेक्शनों और घरेलू उपभोक्ताओं के फीडर कनेक्शन वर्गीकृत करने होगे साथ ही सब्सिडी को घटाकर ही योजना को सफल किया जा सकता है।

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फीडर अलग करने का मतलब है ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू इस्तेमाल की बिजली और सिंचाई के लिए बिजली अलग-अलग फीडरों से देना है। इससे सब्सिडी वाली बिजली किसानों तक ही पहुंचेगी और उसका दुरुपयोग नहीं हो सकेगा।

गौरतलब है, केंद्र सरकार इन सभी चुनौतियों साथ ही डिस्कॉम के सुधार की प्रक्रियाके लिए बीते वर्षों से काम कर रहा है, इन चुनौतियों से निपटने के पश्चात केंद्र सरकार अपने तय सीमा में हर घर बिजली 24 घंटे उपलब्ध करवाने के लिए कार्य कर सकती है।

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