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युवा वीडियो गेमर्स में ‘सुनने की क्षमता खोने’ का खतरा अधिक: स्टडी

युवा वीडियो गेमर्स में ‘सुनने की क्षमता खोने’ का खतरा अधिक: स्टडी

  • गेमिंग सेंटर में निकलने वाली ध्वनियों का स्तर 80-89 डेसिबल तक पहुंच गया.
  • वीडियो गेम से निकलने वाला ध्वनि एक्सपोजर दैनिक स्तर में सुनने वाले अधिकतम स्वीकार्य स्तर के करीब.
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Video Gamers at Risk of ‘Hearing Loss’: वैज्ञानिकों ने वीडियो गेम उपभोक्ता और खिलाड़ियों के लिए चेतावनी जारी की है। रिपोर्ट के अनुसार यह चेतवानी सुनने की क्षमता को लेकर वैश्विक स्तर में वीडियो गेमर्स के लिए जारी की गई है। रिपोर्ट में बताया गया है, दुनिया भर के वीडियो गेम यूजर्स के सुनने की क्षमता या उन्हें टिनिटस होने की संभावना बढ़ रही है।

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विशेषज्ञों के अनुसार सुनने की क्षमता को प्रभावित करने वाले गैजेट में हेडफोन, ईयरबर्ड्स जैसे चीजों के बारे में तो अक्सर चेतवानी जारी की जाती है, मगर ई- स्पोर्ट सहित वीडियो गेम से पड़ने वाले प्रभावों को अपेक्षाकृत कम ध्यान दिया गया है।

हाल की रिसर्च में पाया गया है, कि वीडियो गेम से निकलने वाला ध्वनि एक्सपोजर दैनिक स्तर में सुनने वाले अधिकतम स्वीकार्य स्तर के करीब है।

Video Gamers at Risk of ‘Hearing Loss’:गेम की ध्वनियों से होने वाले संभावित खतरों के लिए सार्वजनिक प्रयास और जागरूकता बढ़ाने की आवश्कता

यह विश्व भर के लिए चिंता का विषय है,चूंकि वीडियो गेम की लोकप्रियता किसी से छुपी नहीं है, गेमर्स अक्सर उच्च तीव्रता वाली ध्वनि स्तर में घंटो तक खेलते है,ऐसे में इन गेम की ध्वनियों से होने वाले संभावित खतरों के लिए सार्वजनिक प्रयास और जागरूकता बढ़ाने की आवश्कता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन और विश्वविधालय साउथ कैरोलिना की संयुक्त रिपोर्ट में कहा गया है, 50000 से अधिक लोगों के साथ अध्ययन में निकलकर आया स्कूल के विद्यार्थियों में गेमिंग सेंटर का उपयोग गंभीर टीनिटस और कानों में उच्च ध्वनि आवृति से क्षति होने वाले जोखिमों को बढ़ाया है।

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शोध में निकलकर आई जानकारी में गेमिंग सेंटर में निकलने वाली ध्वनियों का स्तर 80-89 डेसिबल तक पहुंच गया है,जो खेल के दौरान 119 डेसिबल तक पहुंच जाता है जबकि कानों के लिए 60 डेसीबल तक की आवाज सामान्य होती है। इससे अधिक मात्रा में ध्वनि श्रवण क्षमता के लिए खतरनाक साबित होती है।

COVID 19 महामारी के बीच गेमिंग उद्योग में अत्याधिक उछाल देखने को मिला एक अनुमान के मुताबिक 2026 तक यह उद्योग $320 बिलियन प्रति वर्ष पहुंचने का अनुमान है,अकेले भारत का गेमिंग बाजार वित्त वर्ष 2022-23 में 3.1 अरब डॉलर तक पहुंच गया और 2027-28 तक इसके 7.5 अरब पर पहुंचने का अनुमान है,ऐसे में इससे जुड़े जोखिमों को लेकर भी ध्यान देने की आवश्कता है।

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