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चाइल्ड पोर्न देखना या डाउनलोड करना अपराध नहीं, जानें मद्रास हाईकोर्ट की टिप्पणी के मायनें!

चाइल्ड पोर्न देखना या डाउनलोड करना अपराध नहीं, जानें मद्रास हाईकोर्ट की टिप्पणी के मायनें!

  • मद्रास हाई कोर्ट ने बच्चों में चाइल्ड पोर्नोग्राफी की बढ़ती लत को लेकर चिंता व्यक्त किया.
  • मद्रास उच्च न्यायालय : बच्चों से जुड़े अश्लील वीडियो डाउनलोड करना या उसे अकेले में देखना अपराध नहीं.
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Watching or Downloading Child Porn is not a Crime:पास्को एक्ट पोनोग्राफी से संबंधित एक मामले को लेकर मद्रास उच्च न्यायालय का एक फैसला देश भर में चर्चा का विषय बन गया है। मद्रास हाई कोर्ट के फैसले को लेकर कुछ लोगों ने समर्थन जताया है वही कुछ लोग ऐसे भी है,जो इस फैसले को लेकर आलोचना जाहिर कर रहे है।

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दरअसल मद्रास उच्च न्यायालय में एक युवक को चाइल्ड पोर्नोग्राफी डाउनलोड करने और देखने के आरोप में पेश किया गया था,उक्त मामले में सुनवाई के दौरान जज ने सबंधित पक्षों की दलील सुनने के बाद 28 साल के व्यक्ति के खिलाफ कार्यवाही निरस्त कर दी, जिस पर अपने मोबाइल फोन पर बच्चों से जुड़ी अश्लील सामग्री डाउनलोड करने का आरोप था।

मद्रास उच्च न्यायालय के जज एन आनंद वेंकटेश ने अपने फैसले में हरीश नाम के आरोपी को POSCO और आईटी के तहत दर्ज मामले में कार्यवाही को रद्द करते हुए टिप्पणी कि, सिर्फ बच्चों से जुड़े अश्लील वीडियो डाउनलोड करना या उसे अकेले में देखना अपराध नहीं हो सकता।

Watching or Downloading Child Porn is not a Crime: बच्चों से संबंधित अश्लील सामग्री देखना सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 67-बी के तहत अपराध नहीं

सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 67-बी के तहत अपराध साबित करने के लिए व्यक्ति को बच्चों के यौन कृत्य या आचरण से संबंधित सामग्री तैयार करने, प्रकाशित अथवा प्रसारित करने में लिप्त होना चाहिए। इस प्रावधान को सावधानीपूर्वक पढ़ने से यह स्पष्ट होता है कि बच्चों से संबंधित अश्लील सामग्री देखना सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 67-बी के तहत अपराध नहीं है। ऐसे में उक्त व्यक्ति के ऊपर कार्यवाही का कोई औचित्य नहीं बनता हालांकि मद्रास हाई कोर्ट ने बच्चों में चाइल्ड पोर्नोग्राफी की बढ़ती लत को लेकर चिंता व्यक्त किया गया है।

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जस्टिस एन आनंद वेंकटेश ने सुनवाई के दौरान कहा, जनरेशन जेड के बच्चे इस गंभीर समस्या से जूझ रहे है,उन्हे दंडित करने के बजाय, समाज को उन्हे उचित शिक्षा और जागरूक करने में परिपक्वता दिखानी पड़ेगी, जिससे वह इस बुरी लत से बाहर निकल सकें।

गौरतलब है, भारत में नाबालिक बच्चियों के ऊपर बढ़ने वाले यौन अपराधो को लेकर कही न कही एक बड़ी वजह पोर्नोग्राफी या अश्लील वीडियो को भी माना जाता है। जिसमें देश में विभिन्न प्रकार की ऑनलाइन साइट के माध्यम से बच्चों से जुड़ी वीडियो क्लिप उपलब्ध है, ऐसे मामलों को रोकने के लिए सरकार ने घोषणा की कि नाबालिगों की अश्लील तस्वीरें डाउनलोड करना और देखना कानून के तहत अपराध है। इसके चलते युवाओं से लेकर वयस्कों तक कई लोगों को गिरफ्तार किया जाता रहा है।

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