संपादक, न्यूज़NORTH
India To Block Binance And 8 Other Crypto Exchanges: भारत में क्रिप्टोकरेंसी और इससे संबंधित कंपनियों के भविष्य को लेकर आज भी तस्वीर साफ नहीं है। सरकार द्वारा भारी भरकम टैक्स लगाए जाने के बाद, अब एक नए मामले के तहत देश में Binance समेत 9 क्रिप्टो एक्सचेंजों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, जिसके चलते एक बार फिर भारत में क्रिप्टो से जुड़े कानूनों की स्पष्टता को लेकर चर्चा शुरू हो गई है।
असल में वित्तीय लेनदेन की जांच करने वाली भारतीय सरकारी एजेंसी फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (FIU) की ओर से 9 विदेशी क्रिप्टो एक्सचेंज कंपनियों को कारण बताओ (शो-कॉज) नोटिस भेजे गए हैं। खबरों के मुताबिक, इन कंपनियों में Binance, Kucoin, Huobi, Kraken, Gate.io, Bittrex, Bitstamp, MEXC Global और Bitfinex शामिल हैं।
क्यों भेजा गया नोटिस?
इस संबंध में वित्त मंत्रालय की ओर से गुरुवार (28 दिसंबर) को यह बताया गया कि इन कंपनियों को मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानूनों (PMLA) के तहत ये नोटिस भेजे गए हैं। फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट का कहना है कि जिन 9 कंपनियों को नोटिस भेजे गए हैं वह मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम का अनुपालन किए बिना देश में “अवैध रूप से” काम कर रही हैं।
India To Block Binance And 8 Other Crypto Exchanges
सामने आ रही जानकारी के अनुसार, फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट ने लेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्रालय से इन कंपनियों की वेबसाइटों (URLs) को ब्लॉक करने की भी सिफारिश की है। इस बीच मंत्रालय ने यह भी साफ किया कि संबंधित 9 विदेशी क्रिप्टो कंपनियों के ऊपर जिस तरह की कार्रवाई की सिफारिश की गई है, वह भारत में उनकी भौतिक उपस्थिति के बजाए ‘गतिविधियों’ से संबंधित है।
इस सरकारी एजेंसी का कहना है कि
“वैश्विक क्रिप्टो एक्सचेंजों को भारत के प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA), 2002 के प्रावधानों का पालन करना होगा। ये कंपनियाँ PMLA संबंधित दिशानिर्देशों से सिर्फ इसलिए नहीं बच सकती क्योंकि यह देश में भौतिक रूप से उपस्थित नहीं हैं।”
फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट ने यह भी बताया कि कुछ क्रिप्टो एक्सचेंज भारतीय उपयोगकर्ताओं के एक बड़े आधार को सेवाएँ प्रदान करने के बावजूद खुद को पंजीकृत नहीं कर रहे हैं और ना ही वह एंटी मनी लॉन्ड्रिंग और काउंटर फाइनेंसिंग ऑफ़ टेररिज्म ढांचे के तहत अनुपालन सुनिश्चित कर रहे हैं।
क्या हैं नियम?
याद दिला दें मार्च 2023 में ही भारत ने क्रिप्टोकरेंसी को एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग/काउंटर फाइनेंसिंग ऑफ टेररिज्म फ्रेमवर्क के दायरे में लाने का फैसला किया था। इसके बाद मार्च में ही वित्त मंत्रालय की ओर से भारत में सेवाएँ प्रदान करने वाली सभी क्रिप्टो कंपनियों को एफआईयू (FIU) के पास पंजीकृत होना अनिवार्य कर दिया गया।
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इस महीने की शुरुआत में सरकार ने जानकारी दी थी कि फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट के साथ 28 घरेलू क्रिप्टो सर्विस प्रोवाइडर कंपनियां खुद को पंजीकृत (रजिस्टर) कर चुकी हैं। लेकिन अब सामने आ रही लेटेस्ट अपडेट के अनुसार, FIU के साथ पंजीकृत कंपनियों की यह संख्या बढ़कर 31 हो गई है।
असल में भारत ने पिछले साल ही वर्चूअल करेंसी पर टैक्स लगाने की शुरुआत करते हुए, लाभ पर 30% टैक्स और प्रत्येक क्रिप्टो लेनदेन पर 1% की कटौती जैसे नियम जारी किए। इसके बाद पिछली कुछ तिमाहियों से कई भारतीय ट्रेडर्स टैक्स से बचने के लिए वैश्विक क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफार्मों पर स्विच करते नजर आए।