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भारत के इस राज्य में भूकंप के झटके किए गए महसूस, रिएक्टर पैमाना में 3.3 तीव्रता हुई दर्ज

भारत के इस राज्य में भूकंप के झटके किए गए महसूस, रिएक्टर पैमाना में 3.3 तीव्रता हुई दर्ज

  • सरगुजा जिले के अंबिकापुर के पास रिक्टर पैमाने पर 3.3 तीव्रता का वाला भूकंप दर्ज.
  • राज्य में अंडर ग्राउंड माइनिंग के कारण भूकंप का खतरा बढ़ा.
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Earthquake Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ का सरगुजा जिले का अंबिकापुर तब दहल गया जब क्षेत्र में भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप के झटके से क्षेत्र के लोगों में दहशत फैल गई जिसके बाद लोग अपने घरों से बाहर निकल कर सुरक्षित स्थान में जाने की कोशिश करने लगे।

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प्राप्त जानकारी के अनुसार सरगुजा जिले के अंबिकापुर के पास रिक्टर पैमाने पर 3.3 तीव्रता का वाला भूकंप दर्ज किया गया। जिसका केंद्र 131 किमी दूर मध्यप्रदेश का सिंगरोली जिला बताया जा रहा है। भूकंप जमीन के 4 किमी नीचे की ओर आया था। हालंकि भूकंप के बारे में लोग कुछ समझ पाते तब तक भूकंप के झटके का प्रभाव खत्म हो चुका था।

Earthquake Chhattisgarh:उत्तरी छत्तीसगढ़ भूकंप के लिहाज से अति संवेदनशील

उत्तरी छत्तीसगढ़ भूकंप के लिहाज से अति संवेदनशील है। उत्तरी छत्तीसगढ़ भूकंप के फॉल्ट जोन में है। इसी वर्ष अगस्त में अंबिकापुर में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे तब इसका केंद्र 4 किमी के दायरे में बताया गया था। साथ ही उस समय भूकंप की तीव्रता रिएक्टर स्केल पर 4.9 बताई गई थी।

सरगुजा जिला फाल्ट जोन में है जो कोरबा से सरगुजा के लखनपुर, अंबिकापुर, सूरजपुर जिले के शिवप्रसादनगर क्षेत्र से होकर कोरिया जिले के सोनहत तक है। यह फाल्ट लाइन मध्यप्रदेश के शहडोल से होकर जबलपुर तक है।इसी वजह से आए दिन यहां भूकंप की आशंका बनी रहती है।

गौरतलब हो, छत्तीसगढ़ भूकंप दृष्टि से विशेषज्ञों की राय में सुरक्षित राज्य है, राज्य का अधिकतर हिस्सा जोन 2 में आता है कुछ ही हिस्सा जोन 3 में आता है जबकि भूकंप के लिए जोन 4 और 5 वाले क्षेत्र में अधिक खतरा होता है। इन सब बातों के बाद भी भू-गर्भ विशेषज्ञों की राय में राज्य में अंडर ग्राउंड माइनिंग के कारण भूकंप का खतरा धीरे- धीरे बढ़ रहा है। अंडर ग्राउंड माइनिंग में जमीन अंदर ही अंदर खोखली हो जाती है। माइनिंग के दौरान बड़े- बड़े ब्लॉस्ट किए जाते हैं इससे उस हिस्से में भूकंप का खतरा बना रहता है।

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