IIT Delhi and Jamia will open campuses in foreign : देश में नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद उच्च शिक्षा संबंधित विश्वविधालयो में नए प्रयोग लागू किए जाने लगे है, जिससे छात्रों के लिए बेहतर शिक्षा व्यवस्था उपलब्ध करवाया जा सकें।
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2024 में आने वाले नव वर्ष में आईआईटी दिल्ली और जामिया विदेशो में नए कैम्पस बनाने की योजना में कार्य कर रहे है। मिली जानकारी के अनुसार आईआईटी के आबुधावी कैम्पस में जनवरी से कक्षाएं शुरू हो जायेंगी वही दूसरी ओर जामिया मेडिकल कॉलेज और कैम्पस खोलने के लिए खाड़ी देशों की ओर रुख करेगा।सब कुछ ठीक रहा तो खाड़ी देशों में जामिया के नए कैम्पस की शुरुआत हो जायेंगी।
दिल्ली के आईआईटी के सऊदी अमीरात कैंपस में छात्रों को मिलेंगे विभिन्न कोर्स
आईआईटी दिल्ली के संयुक्त अरब अमीरात इंटरनेशनल कैम्पस में छात्रों के लिए यूजी, पीजी और डॉक्टोरल लेवल पर डिग्री मिलेंगी। यहां बहुत से विषयों को कवर करने की योजना है जैसे एनर्जी, सस्टेनेबिलिटी, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, कंप्यूटर साइंस, हेल्थ केयर, मैथेमेटिक्स, कंप्यूटिंग वगैरह. इसके अलावा भी इंजीनियरिंग, मैथ्स, साइंस, मैनेजमेंट और ह्यूमैनिटीज की बहुत सी ब्रांच में कोर्स ऑफर किए जाएंगे। प्राप्त जानकारी के अनुसार जनवरी से कैम्पस में नियमित कक्षाएं शुरू की जाएगी।
जामिया का भी खाड़ी देशों में कैम्पस खोलने का है, विचार
NEP शिक्षा नीति के नए नियमों में शिक्षा का अंतर्राष्ट्रीयकरण (internationalisation) करने वाले विचार में जोर दिया गया है,जिसके बाद से ही जामिया अपना विदेशी कैम्पस खोलने में विचार कर रही है, जानकारी के अनुसार 2023 अगस्त माह में हुई एक बैठक में इस बात को लेकर काफी चर्चा की गई।
TOI की एक रिपोर्ट के आधार में खाड़ी देशों में कैम्पस के लिए जामिया को सबसे उपयुक्त स्थान दुबई लगा है, जिसके पीछे की वजह दुबई में 50% आबादी या तो इंडियन है या इंडियन ओरिजन की ऐसे में योजना मूल रूप लेती है तो जल्द जामिया के विदेशी कैम्पस खाड़ी देश में देखने को मिल सकता है।
IIT Delhi and Jamia will open campuses in foreign : नए वर्ष में डीयू और जेएनयू की रूपरेखा
दिल्ली के दो अन्य विश्वविधालय दिल्ली यूनिवर्सिटी और जेएनयू अपनी शिक्षा के आधारभूत ढांचा को मजबूत करने के लिए कार्य करती नजर आ सकती है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार डीयू नई शिक्षा नीति के तहत छात्रों को एक साथ दो डिग्री लेने वाले प्रोगाम की इस वर्ष से शुरुआत कर सकती है, जिसके बाद छात्र डीयू नियमित कोर्स के साथ दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से पढ़ाए जाने वाले विदेशी कोर्स की डिग्री कोर्स भी कर पाएंगे। आगामी नए सत्र से छात्रों को सुविधा प्रदान की जा सकती है।