संपादक, न्यूज़NORTH
12 Towers of Delhi Declared ‘Dangerous’, MCD Give 7 Days To Vacate: कुछ दिल्लीवासियों की मुश्किलें बढ़ने जा रही हैं। असल में नगर निगम (MCD) ने दिल्ली में 12 ऐसे टावरों की पहचान की है, जिन्हें ‘रहने के लिहाज से असुरक्षित’ करार देते हुए, वहाँ के निवासियों को सात दिन के भीतर अपने-अपने फ्लैट खाली करने के निर्देश दिए गए हैं।
हम बात कर रहे हैं, उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के मुखर्जी नगर में स्थित ‘सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट’ के 12 टावरों की, जिनमें संभावित हादसे की आशंका के चलते खाली करवाया जा रहा है।नगर निगम ने ‘सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट’ के संबंधित 12 टावरों के निवासियों को नोटिस जारी करते हुए, यह कहा है कि उनकी सोसायटी ‘इंसानों के रहने के लिए असुरक्षित’ है।
ऐसे में सभी निवासियों को 7 दिनों में (25 दिसंबर, 2023) तक अपने-अपने फ्लैट खाली करने के लिए कहा गया है। इसका संबंध में एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के हवाले से सामने आया है कि लोगों को यह नोटिस 18 दिसंबर को दिए गए थे।
Delhi 12 Dangerous Towers: क्या है मामला?
सामने आ रही जानकारी के मुताबिक, 2007 से 2009 में बीच ‘मध्यम आय समूह (एमआईजी) और उच्च आय समूह (एचआईजी) के 336 फ्लैटों के साथ निर्मित इस अपार्टमेंट परिसर को लेकर निवासियों द्वारा खराब गुणवत्ता वाले निर्माण संबंधित शिकायतों के बाद डीडीए द्वारा इसकी जाँच करवाई गई थी।
डीडीए ने इसके समाधान के उपाय से जुड़े सुझावों के लिए नेशनल काउंसिल ऑफ सीमेंट एंड बिल्डिंग मटेरियल (NCCBM)) की मदद ली थी। इसकी सिफारिशों पर आईआईटी-दिल्ली के संरचनात्मक सलाहकार को नियुक्त किया गया। जबकि इमारत के निर्माण सामग्री के नमूनों का परीक्षण दिल्ली के श्रीराम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल रिसर्च (SLR) में करवाया गया।
इन तमाम जाँच के बाद ही प्राप्त सलाह के आधार पर दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) ने इन इमारतों को ध्वस्त करने का फैसला किया है। नोटिस में यह कहा गया है कि सोसायटी के टावर A, B, C, D, E, F, G, H, I, J, K L के फ्लैट सुरक्षित हैं। इनमें रहना या आसपास से गुजरना खतरनाक हो सकता है।
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इस बीच समझौते के मुताबिक, DDA मौजूदा फ्लैट मालिकों के 336 फ्लैट के साथ ही साथ 168 नए फ्लैट भी बनाएगा। वहीं रिपोर्ट के अनुसार, नोटिस को लेकर फ़्लैट निवासियों की ओर से रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) ने कहा कि वह सभी सोसाइटी खाली करने के लिए तैयार हैं, लेकिन उनकी एक माँग यह भी है कि नए फ्लैटों के निर्माण तक उन्हें प्राधिकरण द्वारा किराए का भुगतान किया जाए।