Yogi Govt New Rules For Teachers Amid Low Attendance : उत्तरप्रदेश सरकार राज्य में शिक्षा व्यवस्था के सुधार के लिए तमाम तरह के प्रयास कर रही है इसी क्रम में अब राज्य के परिषदीय विद्यालयों में छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए एक फैसला लिया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अब स्कूल में कम होती छात्रों की उपस्थिति की वजह जानने और बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए अनुपस्थित छात्रों के घर में फोन लगाकर इसके पीछे के कारण जानने की ज़िम्मेदारी स्कूली टीचरों को दी गई है।
दरअसल अब तीन दिन तक लगातार नही आने वाले छात्रों के घर फ़ोन लगाकर स्कूल के शिक्षक को इसके पीछे के कारण जानने और उन छात्रों के परिजनों को समझाइश देने के साथ ही लगातार 6 दिन या उससे अधिक दिन तक अनुपस्थित रहने वाले छात्रों के घर सीधे जाकर उनके परिजनों से मिलने और बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करने का आदेश बीएसए ( बेसिक शिक्षा अधिकारी) कार्यालय ने जारी किया है।
विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए भी अहम फैसले
मीडिया रिपोर्ट्स के जरिये सामने आई जानकारी के अनुसार, बीते दिनों में राज्य के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों के लिए डिजिटल अटेंडेंस लगाने की गाइडलाइन जारी की गई थी। साथ ही राज्य के कुछ जिलों में कम उपस्थिति वाले स्कूली कर्मचारियों और शिक्षकों की वेतन रोकने जैसी कार्रवाई भी की गई थी। स्कूल शिक्षा के महानिदेशक और राज्य परियोजना निदेशक विजय किरन आनंद ने राज्य के विद्यालयों में छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने के उद्देश्य से सभी जिलों के बीएसए को निर्देश दिया हैं।
गौरतलब है, उत्तर प्रदेश राज्य में तमाम तरह की सुविधाओं ( पाठ्य पुस्तकें, यूनीफार्म, जूता-मोजा, बैग, मिड-डे मील आदि निशुल्क वस्तुएं) उपलब्ध करवाने के बाद प्रतिदिन छात्रों की उपस्थिति दर 60% से अधिक नही है ऐसे में राज्य का शिक्षा विभाग ने एक सर्वे में जानकारी जुटाने के बाद स्कूल शिक्षा में सुधार के लिए कुछ फैसले लिए है।
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सर्वे में स्कूल में बच्चों की अनुपस्थिति के कारणों का पता लगाया गया था , जिसमें बच्चो की अनुपस्थिति के लिए शिक्षकों का समय से विद्यालय न पहुंचना, छोटे भाई-बहनों का ध्यान रखने के लिए बच्चों का घर पर रहना, खेती के काम में माता-पिता की मदद करना व घर के अन्य कार्यों में व्यस्त रहना जैसी वजहों का होना पाया गया था। अब राज्य का शिक्षा विभाग इन परिस्थितियों से निपटने के लिय स्कूली शिक्षा सुधार कार्य में लगा हुआ है।