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यूपी में हलाल सर्टिफिकेशन वाले उत्‍पादों को तत्काल प्रभाव से किया गया बैन

यूपी में हलाल सर्टिफिकेशन वाले उत्‍पादों को तत्काल प्रभाव से किया गया बैन

  • शिकायत के आधार पर धोखाधड़ी, साजिश रचने, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने, आपसी सौहार्द बिगाड़ने के प्रयास जैसी धाराओं में एफआईआर दर्ज ।
  • शिकायतकर्ता ने आतंकवादी संगठनों और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को फंडिंग की आशंका व्यक्त की।
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UP Govt Ban Halal Certified Product: देश में हलाल सर्टिफिकेशन देने वाली कंपनियां के उत्पादों के ऊपर आतंकवादी संगठन को फंडिंग पैसा मुहैया करवाने जैसे आरोप लगाए गए हैं। मामला उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ से प्रकाश में आया है, जहां ऐशबाग निवासी शैलेंद्र कुमार शर्मा ने खाद्य और सौंदर्य उत्पादों में जारी होने वाले हलाल प्रमाण पत्र को लेकर चार कंपनियों सहित कुछ संगठनों के खिलाफ पुलिस के पास मामला दर्ज कराया है।

जानकारी के अनुसार हजरतगंज थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (आपराधिक षड्यंत्र का अपराध), 153ए (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्यता को बढ़ावा देने), 298 (धार्मिक भावनाएं आहत करने के इरादे से शब्द आदि कहना), 384 (फिरौती), 420 (धोखाधड़ी), 471 (फर्जी दस्तावेज को असली जैसा उपयोग करना) और 505 (लोगों को बेवकूफ बनाने वाले बयान) के तहत केस दर्ज किया गया है।

UP Govt On Halal Product

शिकायतकर्ता शैलेंद्र कुमार शर्मा के अनुसार हलाल सार्टिफिकेट के माध्यम से कुछ कंपनियां आम लोगों की धार्मिक भावना का फ़ायदा उठाकर अपने उत्पादों की बिक्री बढ़ाने के लिए ऐसा काम कर रही हैं। हलाल सार्टिफिकेट का उपयोग सिर्फ़ आर्थिक फ़ायदे के लिए किया जा रहा है। ये कंपनिया ऐसे प्रोडक्ट में हलाला सार्टिफिकेट जारी कर रही है, जिसमें इसके उपयोग की जरूरत भी नहीं है।

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वह शाकाहारी उत्पादों में इस प्रकार के प्रमाण पत्र पत्र जारी करने वाली कंपनियों के खिलाफ बोल रहे थे। लखनऊ पुलिस ने इस पूरे मामले में हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड चेन्नई, जमीयत उलेमा हिंद हलाल ट्रस्ट दिल्ली, हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया मुंबई, जमीयत उलेमा महाराष्ट्र मुंबई के खिलाफ FIR दर्ज की है।

शिकायकर्ता ने उक्त कंपनियों के ऊपर आतंकी गतिविधियों के लिए पैसे जुटाने की आशंका भी जताई

एफआईआर में शैलेंद्र कुमार शर्मा ने लिखित शिकायत के माध्यम से आशंका व्यक्त कि है कि इस अनुचित लाभ को समाज विरोधी /राष्ट्र विरोधी तत्वों को पहुंचाया जा रहा है। यह एक प्रकार से समाज विरोधी षड्यन्त्र, एक समुदाय विशेष एवं उनके उत्पादों के विरुद्ध किया जा रहा है। देश में सरकार की कोई भी संस्था ऐसे किसी भी प्रकार के प्रमाण पत्र जारी नही करती है।

गौरतलब है, हलाल प्रमाणपत्र एक प्रकार की मुहर है, जो इस बात के लिए निश्चिंत कर देती है कि संबंधित प्रोडक्ट का उत्पादन शरिया कानूनों के तहत किया गया है और उसमें ऐसी कोई भी चीज की मिलावट नहीं है, जो खाना इस्लाम में वर्जित है। हालाकि सरकार की ओर से इस प्रकार का कोई प्रमाण पत्र नही बांटा जाता है ये एक प्रकार का थर्ड पार्टी सर्टिफिकेट है, जो कुछ इस्लामिक संस्था मुहैया करवाती है।

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कुछ समय पूर्व ‘ हलाल इंडिया’ जैसी संस्था का नाम प्रकाश में आया था जो इस प्रकार के प्रमाण पत्र उत्पादों के लिए प्रदान करती है।

राज्य में हलाल (Halal) सर्टिफिकेट से जुड़े फूड उत्पाद पर प्रतिबंध

अब इस पूरे मामले में शिकायत के बाद राज्य में योगी आदित्यनाथ सरकार ने गंभीरता से विचार के बाद, सरकार की ओर से सख्त कार्रवाई की गई है, इस प्रकार के उत्पादों की बिक्री में रोक लगाई जा चुकी हैं। शनिवार ( 18 नवम्बर) को अपर मुख्य सचिव, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन  आयुक्त अनीता सिंह की ओर से एक आदेश जारी कर सूचना दी गई है कि  ‘ राज्य में हलाल प्रमाणन युक्त खानपान की वस्तुएं ,औषधि, चिकित्सा के लिए प्रयुक्त अन्य सामग्री व प्रसाधन सामग्रियों के विनिर्माण, भंडारण, वितरण एवं क्रय-विक्रय करते हुए पाए जाने पर विधिक कार्रवाई की जायेंगी।’

 

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