यूपी में ‘ऐतिहासिक स्मारकों’ के पुनरुद्धार के लिए प्राइवेट जगत से ₹490 करोड़ के निवेश की उम्मीद

  • यूपी सरकार नौ ऐतिहासिक स्मारकों के संरक्षण और रखरखाव के लिए ₹490 करोड़ तक का 'निजी निवेश' प्राप्त करेगी।
  • लखनऊ के छत्तर मंजिल, मिर्ज़ापुर के चुनार किले और झाँसी के बरुआ सागर किले के लिए 100-100 करोड़ रुपये के निवेश की माँग की जाएगी।
up-seeks-rs-490-cr-from-pvt-sector-to-revamp-historic-monuments

Uttar Pradesh (UP) To Revamp Historic Monuments: कुछ समय पहले ही यह खबर सामने आई थी कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार, प्रदेश के तमाम ‘ऐतिहासिक स्मारकों’ व ‘विरासत भवनों’ को निजी क्षेत्र के सहयोग से पर्यटन के लिए विकसित करने की योजना बना रही है। उस वक्त यह भी सामने आया था कि सरकार की इस पहल को लेकर कई दिग्गज होटल कंपनियों ने दिलचस्पी भी जाहिर की है। और अब इस क्रम में एक नई अपडेट सामने आ रही है।

असल में हालिया अपडेट के अनुसार, उत्तर प्रदेश (यूपी) सरकार प्रदेश के नौ ऐतिहासिक स्मारकों के संरक्षण और रखरखाव के लिए ₹490 करोड़ तक का ‘निजी निवेश’ हासिल करने हेतु आमंत्रण भेजनें की तैयारी में है।

न्यूज़North अब WhatsApp पर, सबसे तेज अपडेट्स पानें के लिए अभी जुड़ें!

मीडिया रिपोर्ट्स में प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता के हवाले से यह कहा गया कि प्रदेश भर से चयनित नौ स्मारकों को ‘लक्जरी होटल’ और ‘रेस्तरां’ में बदलने का काम किया जाएगा।

UP To Revamp Historic Monuments: ये हैं वो नौ ऐतिहासिक स्मारकों

सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक, योजना के तहत लखनऊ के छत्तर मंजिल, मिर्ज़ापुर के चुनार किले और झाँसी के बरुआ सागर किले के लिए 100 – 100 करोड़ रुपये के निवेश की माँग की जाएगी।

इसके अलावा लखनऊ स्थित ‘कोठी गुलिस्तान-ए-आलम’, ‘कोठी दर्शन विलास’ और ‘कोठी रौशन-उद-दौला’ में से प्रत्येक के लिए ₹50 करोड़ का निजी निवेश आमंत्रित किया जाएगा।

See Also
apple-to-make-iphone-camera-modules-in-india-with-titan-murugappa

वहीं प्रदेश में ऐतिहासिक महत्व के शेष तीन चयनित स्मारकों या भवनों में मथुरा के बरसाना का ‘जल महल’, कानपुर देहात का ‘शुक्ला तालाब’ और कानपुर नगर का ‘टिकैतराय बारादरी’ शामिल हैं। इनमें से हर एक के लिए निजी एजेंसियों द्वारा ₹30 करोड़ का निवेश किया जाएगा।

बताया जा रहा है कि सरकार की ओर से इस दिशा में एक कार्य योजना तैयार की जा चुकी है। साथ ही उस योजना का क्रियान्वयन भी शुरू हो चुका है। इसके तहत प्रदेश के पर्यटन विभाग को इस प्रोजेक्ट का प्रभारी बनाया गया है। पर्यटन विभाग की ओर से इसके कार्यान्वयन संबंधी एजेंसियों की तलाश/पहचान की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।

पर्यटक बंगलों के लिए भी होगी निजी भागीदारी

इतना ही नहीं बल्कि राज्य पर्यटन विभाग 10 राही पर्यटक बंगलों के संचालन और रखरखाव को लेकर भी निजी निवेश की तलाश करेगा। इसके तहत पर्यटन विभाग ‘पर्यटक बंगलों’ के विकास और संचालन की जिम्मेदारी पट्टे पर देकर उनके पुनरुद्धार हेतु निजी क्षेत्र के साथ भागीदारी के अवसर तलाशेगा। इन योजना में बाराबंकी का देवा शरीफ, सीतापुर का हरगांव, शामली का कंथला, बदांयू का कछला, मीरजापुर का चुनार और प्रतापगढ़ का भुपिया मऊ शामिल हैं।

©प्रतिलिप्यधिकार (Copyright) 2014-2023 Blue Box Media Private Limited (India). सर्वाधिकार सुरक्षित.