Now Reading
2025 में गायब हो जाएंगे शनि ग्रह के छल्ले, सौरमंडल की बड़ी खगोलीय घटना

2025 में गायब हो जाएंगे शनि ग्रह के छल्ले, सौरमंडल की बड़ी खगोलीय घटना

  • 2025 में एक ऑप्टिकल इल्यूजन की वजह से शनि के छल्ले नजरों से दिखाई नहीं देंगे।
  • शनि ग्रह के छल्ले करोड़ों पत्थरों और बर्फीले पिंडों से बने हैं।
saturns-rings-to-disappear-by-2025

Saturn’s Rings To ‘Disappear’ By 2025: सौरमंडल का दूसरा सबसे बड़ा ग्रह शनि अपने चारो ओर बनने वाले छल्लो के लिए विख्यात है। शनि के आसपास बनने वाले ये छल्ले (Ring) नुमा आकृति को पृथ्वी से भी टेलिस्कोप की सहायता से आसानी से देखा जा सकता है। शनि (Saturn)सौरमंडल में बृहस्पति (Jupiter) के बाद दूसरा सबसे बड़ा ग्रह है। पृथ्वी से 9 गुना अधिक बड़ा ग्रह शनि (Saturn) को लेकर एक रिपोर्ट में बड़ा दावा हुआ है।

रिपोर्ट के अनुसार कहा गया है, शनि ग्रह के आसपास बनने वाले सुंदर छल्ले अब गायब हो जायेंगे, 2025 तक पृथ्वी से इनका दीदार करना मुश्किल हो जाएगा। शनि के चारों ओर बनने वाले इन छल्ले की वजह से शनि (Saturn) ग्रह सौरमंडल में अन्य ग्रहों की अपेक्षा बेहद ही खूबसूरत नज़र आता है। इसी वजह से सदियों से इसने खगोलविदों और अंतरिक्ष प्रेमियों को अपनी ओर आकर्षित किया हुआ हैं।

न्यूज़North अब WhatsApp पर, सबसे तेज अपडेट्स पानें के लिए अभी जुड़ें!

Saturn’s Rings To ‘Disappear’ By 2025: ऑप्टिकल इल्यूजन है वजह?

अब शनि के पास बनने वाले इन छल्लों को लेकर एक अध्यन में पता चला है की ये 2025 के बाद लोगों को देखने को नही मिलेंगे, इसके पीछे सौरमंडल की एक बड़ी खगोलीय घटना का हाथ है।

दरअसल शनि पृथ्वी के साथ पूर्ण संरेखण में नहीं है, यह लगभग 9 डिग्री के कोण पर झुका हुआ है, साल 2024 तक कोण घटकर लगभग 3.7 डिग्री रह जाएगा। एक साल बाद, पृथ्वी से दूर जाने के कारण, शनि की धुरी अपनी वर्तमान झुकी हुई स्थिति से सीधी स्थिति ग्रहण कर लेगी, जिससे छल्ले पृथ्वी के समानांतर एक पतली क्षैतिज पट्टी की तरह दिखेंगे. इससे ये संरचनाएं देखने में बहुत पतली हो जाएंगी।

इस स्थिति में पृथ्वी से देखने में शनि ग्रह के वह सुंदर छल्ले नज़र नहीं आयेंगे। यह एक प्रकार के ऑप्टिकल इल्यूजन की वजह से होंगा। यह अपनी जगह मौजूद रहेंगे, लेकिन इन्हें देखना मुश्किल होगा।

See Also
vivek-ramaswamy-quits-2024-us-presidential-election-race

 2032 में देखने को मिलेंगे शनि के आसपास मौजूद छल्ले

रिपोर्ट में कहा गया है, 2032 तक ये खगोलीय घटना चलेंगी। उसके बाद फिर शनि के छल्ले पृथ्वी से रात में देखें जाने लगेंगे। पहले भी 2009 और 1996 में इस तरह की घटना सौरमंडल में घटित हुई थी, जब शनि के छल्ले पृथ्वी से नज़र आना बंद हो गए।

शनि (Saturn) के आस पास बनने वाले छल्लों की वजह

शनि के आस पास बनने वाले छल्ले को लेकर वैज्ञानिक धारणा के अनुसार, छल्लों को धूमकेतुओं और क्षुद्रग्रहों के टुकड़े माना जाता है, जो ग्रह पर पहुंचने से पहले ही इसके शक्तिशाली गुरुत्वाकर्षण के कारण टूट गए। वे धूल जैसी अन्य सामग्रियों से लिपटे बर्फ और चट्टान के अरबों छोटे टुकड़ों से बने हैं, शनि के यह छल्ले ग्रह से 282,000 किलोमीटर तक फैली हुए हैं।

©प्रतिलिप्यधिकार (Copyright) 2014-2023 Blue Box Media Private Limited (India). सर्वाधिकार सुरक्षित.