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बिहार सरकार ने की आरक्षण का दायरा 50% से बढ़ाकर 75% करने की तैयारी

बिहार सरकार ने की आरक्षण का दायरा 50% से बढ़ाकर 75% करने की तैयारी

  • नीतीश कुमार की कैबिनेट में आज आरक्षण बढ़ाए जाने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है।
  • नीतीश सरकार 9 नवंबर को बिहार विधानसभा में आरक्षण बढ़ाए जाने का बिल लाएगी।
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Bihar Government Hikes Reservation?: बिहार सरकार की जाति आधारित जनगणना के बाद बिहार सरकार का एक और बड़ा फैसला देश में चर्चा में बना हुआ है। आज (7 नवंबर 2023 ) बिहार के मुख्यमंत्री ने विधानमंडल में बड़ा ऐलान किया, सीएम ने बिहार में आरक्षण का दायरा बढ़ाकर 50 से 65 करने का प्रस्ताव रखा है। ईडब्ल्यूएस के 10 फीसदी को मिलाकर कुल आरक्षण 75 फीसदी करने का प्रस्ताव बिहार में है।

सीएम नीतीश कुमार ने अपने प्रस्ताव में बताया सरकार आरक्षण का दायरा बढ़ाने में विचार कर रही है, इसमें SC को फिलहाल 16 फीसदी आरक्षण को बढ़ाकर 20 फीसदी किया जाएगा ST को एक फीसदी से बढ़ाकर 2%, EBC (अत्यंत पिछड़ा) और OBC को मिलाकर 43 फ़ीसदी आरक्षण देने में विचार किया जा रहा है।

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उन्होंने बताया कि सवर्ण गरीबों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण यथावत रहेगा। पिछड़े वर्ग को मिलने वाला तीन प्रतिशत आरक्षण पिछड़ों के लिए पहले से जारी आरक्षण में समायोजित कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री के अनुसार ऐसा इसलिए क्योंकि राज्य सरकार पहले से ही महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दे रही है। मुख्यमंत्री के प्रस्ताव को यदि लागू किया जाता है तो पिछड़ों-अति पिछड़ों को 27 के बदले 43 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा।

Bihar Reservation: बिहार में पहला जातिगत आर्थिक सर्वे पेश

बिहार विधानमंडल में मंगलवार (7 नवंबर) को देश का पहला जातिगत आर्थिक सर्वे पेश किया गया, इस रिपोर्ट में बताया गया है कि किस वर्ग और किस जाति में कितनी गरीबी है। रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार में पिछड़ा वर्ग के 33.16%, सामान्य वर्ग में 25.09%, अत्यंत पिछड़ा वर्ग में 33.58%, SC के 42.93% और ST 42.7% गरीब परिवार हैं।

राज्य के सीएम नीतीश कुमार ने बिहार के आर्थिक रूप से पिछड़े होने और विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर फिर कहा, केंद्र सरकार अगर बिहार को विशेष दर्जा दे तो गरीबी जल्द दूर हो जाएगी।

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गौरतलब है बिहार सरकार ने राज्य में जातिगत जनगणना को 2019 में विधानमंडल ने सर्वे कराने का प्रस्ताव पारित किया इसके बाद 2 जून 2022 को बिहार मंत्री परिषद ने जाति आधारित जनगणना कराने का फ़ैसला किया।

दो चरणों में की गई जाति आधारित जनगणना में पहले मकानों का नंबरीकरण किया गया एक लिस्ट तैयार की गई उसके बाद व्यक्तियों की जनगणना की गई। 2023 में सारे आंकड़ों को तैयार करके उसे मोबाइल ऐप की मदद से जमा कर दिया गया। 2 अक्टूबर 2023 में बिहार जाति आधारित जनगणना करवाने वाला पहला राज्य बन गया।

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