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Delhi Pollution: कृत्रिम बारिश के जरिए दिल्ली की हवा को साफ कर सकता है ‘IIT कानपुर’ – रिपोर्ट

Delhi Pollution: कृत्रिम बारिश के जरिए दिल्ली की हवा को साफ कर सकता है ‘IIT कानपुर’ – रिपोर्ट

  • दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद समेत अन्य नजदीकी इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 450 से 500 तक पहुँच गया है।
  • खबर ये है कि आईआईटी कानपुर दिल्ली की हवा को साफ करने के लिए कृत्रिम बारिश का इस्तेमाल करता नजर आ सकता है।
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IIT Kanpur Develops Artificial Rains To Tackle Air Pollution In Delhi: दिल्ली-एनसीआर और इसके आस-पास के अन्य इलाकों में लगातार बढ़ते वायु प्रदूषण के बीच, लोगों के लिए साँस लेना भी हो गया है। दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद, गाजियाबाद समेत अन्य नजदीकी इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 450 से 500 तक पहुँच गया है।

ऐसे में अब सामने आ रही खबरों के मुताबिक, इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को प्रदूषण से थोड़ी राहत प्रदान करने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर एक समाधान के साथ सामने आया है।

IIT Kanpur Proposes Solution For Delhi Pollution?

कथित तौर पर दिल्ली और उसके पड़ोसी क्षेत्रों में वायु प्रदूषण की समस्या के निजात दिलाने के लिए यह एक बेहतरीन संभावित समाधान साबित हो सकता है। असल में इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आईआईटी कानपुर ने दिल्ली की हवा से प्रदूषक कणों और धूल को साफ करने के लिए “कृत्रिम बारिश” (आर्टिफिशयल रेन) का इस्तेमाल करने का प्रस्ताव पेश किया है।

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रिपोर्ट की मानें तो आईआईटी (IIT) कानपुर लगभग पिछले पाँच सालों से “कृत्रिम वर्षा” के लिए आवश्यक परिस्थितियाँ तैयार करने संबंधी प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है और इस साल जुलाई में ही संस्थान ने इसका सफल परीक्षण भी किया था। इसके लिए प्रतिष्ठित संस्थान ‘क्लाउड सीडिंग’ तकनीक का उपयोग करता है।

यह भी जानकारी सामने आई है कि प्रोजेक्ट से जुड़े शोधकर्ताओं को दिल्ली व अन्य पड़ोसी इलाकों में क्लाउड सीडिंग के लिए तमाम संबंधित विभागों से अनुमति भी लेनी होती है। इसके लिए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA), गृह मंत्रालय और प्रधानमंत्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी निभानें वाले विशेष सुरक्षा समूह (SPG) की मंजूरी जरूरी होती है।

इन तमाम विभागों की मंजूरी के साथ ही साथ कृत्रिम वर्षा करवाने के लिए ‘पर्याप्त नमी वाले बादलों की मौजूदगी’ और ‘उचित हवाओं’ समेत ‘विशिष्ट मौसम हालातों’ की भी आवश्यकता होती है।

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जानकारों के अनुसार कृत्रिम वर्षा दिल्लीवासियों को प्रदूषण से बचाते हुए, अच्छी गुणवत्ता वाली हवा प्रदान करने का एक अस्थाई विकल्प है, लेकिन इससे लगभग एक हफ्ते तक लोगों को ज़हरीली हवा से निजात मिल सकती है।

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दिल्ली में GRAP-4 लागू

पूरी दिल्ली जहरीले स्मॉग की चपेट में है, जिसके चलते एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमिशन ने राष्ट्रीय राजधानी में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP-4) लागू कर दिया है। इसके तहत सिर्फ आवश्यक सेवाओं में इस्तेमाल होने वाले या सभी सीएनजी या इलेक्ट्रिक ट्रकों को ही दिल्ली में एंट्री मिलेगी। इतना ही नहीं बल्कि सार्वजनिक परियोजनाओं से संबंधित निर्माण कार्यों पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।

साथ ही सरकार ने प्राथमिक स्कूलों को भी 10 नवंबर तक के लिए बंद कर दिया है। दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने यह जानकारी दी कि बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए, सभी स्कूलों में 6वीं से 12वीं तक की कक्षाएँ ऑनलाइन ही संचालित की जाएँगी।

बता दें, ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के कुल 4 चरण (फेज) हैं, जिनमें जब AQI का स्तर 201 और 300 के बीच होता है तो पहला फेज यानी GRAP-I लागू होता है। वहीं AQI का स्तर 301-400 के बीच होने पर GRAP-II लागू कर दिया जाता है। जबकि AQI का स्तर 401-450 के बीच होने पर GRAP-III और AQI 450-500 के बीच होने यानी ‘बेहद गंभीर स्थिति’ पैदा होने पर GRAP-IV लागू होता है।

फेज के लिए AQI का मानक 450-500 है। ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के अलग-अलग स्तरों में विभिन्न कई गतिविधियों पर प्रतिबंध व प्रदूषण कम करने व उससे बचाव संबंधित उपाय शामिल होते हैं।

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