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वैश्विक भुखमरी सूचकांक 2023 में भारत 111वें स्थान पर, जानें क्या है मायनें?

वैश्विक भुखमरी सूचकांक 2023 में भारत 111वें स्थान पर, जानें क्या है मायनें?

  • Global Hunger Index 2023 के तहत 125 देशों में भारत को 111वां स्थान दिया गया है।
  • भारत सरकार ने वैश्विक भूख सूचकांक को खारिज करते हुए कहा कि यह वास्तविक स्थिति को नहीं दर्शाता।
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Global Hunger Index 2023: हर साल कंसर्न वर्ल्डवाइड (Concern Worldwide) और वेल्थुंगरहिल्फ (Welthungerhilfe) नामक एनजीओ द्वारा संयुक्त रूप से प्रकाशित किए जाने वाले ‘वैश्विक भुखमरी सूचकांक’ (ग्लोबल हंगर इंडेक्स या GHI) के इस साल के संस्करण में भारत का प्रदर्शन और खराब होता दिखाई दिया है। वैश्विक भुखमरी सूचकांक 2023 में भारत को 125 देशों की सूची में 111वें स्थान पर रखा गया है।

वैश्विक भुखमरी सूचकांक को मुख्य रूप से अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय और स्थानीय स्तर पर लोगों के बीच भूखमरी की स्थिति को व्यापक रूप से मापने और समय-दर-समय ट्रैक करने से संबंधित एक उपयोगी टूल के रूप में देखा जाता है। पिछले साल यानी 2022 में इस सूचकांक में भारत 107वें स्थान पर था, जिससे यह कहा जा सकता है कि भुखमरी के मामले में देश की स्थिति और अधिक खराब हो गई है।

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Global Hunger Index 2023: क्या कहता है सूचकांक?

भुखमरी सूचकांक 2023 के मुताबिक, भारत में ‘चाइल्ड वेस्टिंग’ दर सबसे अधिक लगभग 18.7 प्रतिशत रही। बता दें, ‘चाइल्ड वेस्टिंग’ दर का मतलब ‘बच्चों में कुपोषण की दर’ से है। यह एक तरीके से बच्चों में उनकी लंबाई के मुकाबले अधिक दुबला-पतला या कम वजन होने की स्थिति होती है।

आसान भाषा में समझनें का प्रयास करें तो रिपोर्ट के अनुसार,भारत में बच्चों के कुपोषण की दर दुनिया में सबसे अधिक पाई गई। इतना ही नहीं बल्कि भुखमरी सूचकांक 2023 में भारत का स्कोर 28.7 रहा, जो यह दर्शाता है कि देश में ‘भूख और भुखमरी’ की स्थिति बेहद गंभीर है।

रिपोर्ट में भारत में अल्पपोषण की दर 16.6 प्रतिशत बताई गई है। साथ ही देश में पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर 3.1 प्रतिशत आँकी गई है। भारत में 15 से 24 साल की उम्र वाली महिलाओं में एनीमिया की व्यापकता दर लगभग 58.1 प्रतिशत बताई गई है।

वैश्विक भुखमरी सूचकांक का आधार

आपको बता दें, वैश्विक भुखमरी सूचकांक (GHI) के तहत दुनिया भर में ‘भूख और भुखमरी’ की गणना चार संकेतकों के आधार पर की जाती है, जिनमें ‘अल्पपोषण’, ‘चाइल्ड वेस्टिंग’, ‘चाइल्ड स्टंटिंग’ और ‘बाल मृत्यु दर’ शामिल है। यह सूचकांक 100 की स्केल पर भुखमरी की गंभीरता का आँकलन करता है, जिसमें 0 को सबसे अच्छा स्कोर माना जाता है, जिसका मतलब होता है ‘भूख या भुखमरी जैसी कोई स्थिति ना होना’, वहीं 100 को सबसे खराब स्कोर माना जाता है।

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अन्य देशों की स्थिति

गौर करने वाली बात ये भी है कि सूचकांक में भारत से बेहतर स्थिति इसके पड़ोसी देशों की है। वैश्विक भुखमरी सूचकांक 2023 में पाकिस्तान को 102वां, बांग्लादेश को 81वां, नेपाल को 69वां और श्रीलंका को 60वां स्थान मिला है।

वैसे दक्षिण एशिया, अफ्रीका के सहारा क्षेत्र के दक्षिणी हिस्से में भुखमरी की स्थिति सबसे भयावह बताई गई है, यहाँ GHI स्कोर 27 रहा, जो ‘भुखमरी की गंभीर’ स्थिति को दर्शाता है। वहीं बेलारूस, बोस्निया और हर्जेगोविना, चिली और चीन जैसे देशों में स्थिति को बेहतर बताया गया है।

भारत सरकार की प्रतिक्रिया

इस सूचकांक में भारत की स्थिति सामने आने के बाद, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने एक बयान जारी करते हुए, इस सूचकांक को खारिज कर दिया है। मंत्रालय ने कहा कि यह सूचकांक गलत माप पर आधारित है और वास्तविक स्थिति को नहीं दर्शाता है।

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