Pine Labs और PharmEasy के वैल्यूएशन में भी हुई कटौती – रिपोर्ट

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Pine Labs, PharmEasy face Valuation Markdowns: ऐसा लगने लगा है कि भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में “मूल्यांकन (वैल्यूएशन) में कटौती” एक नए ट्रेंड के तौर पर शुरू हो चुका है। पहले से ही फंडिंग की कमी और छंटनी जैसे हालातों से परेशान स्टार्टअप्स को अब अपने निवेशकों द्वारा “वैल्यूएशन घटाए जाने” जैसी मार भी झेलनी पड़ रही है।

इस कड़ी में अब 2 नए नाम जुड़े हैं, जिनमें से एक है फिनटेक दिग्गज ‘Pine Labs‘ और दूसरा नाम ईफार्मेसी यूनिकॉर्न ‘PharmEasy‘ का है।

जी हाँ! अमेरिका आधारित जानी मानी निवेशक फर्म – Neuberger Berman ने अपने निवेश पोर्टफोलियो में शामिल इन दो प्रमुख भारतीय कंपनियों की वैल्यूएशन में भारी कटौती की है। इसका खुलासा सबसे पहले ET की एक हालिया रिपोर्ट से हुआ।

रिपोर्ट की मानें तो अमेरिका के सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) में दायर फाइलिंग के अनुसार, Neuberger Berman ने Pine Labs के मूल्यांकन (वैल्यूएशन) में लगभग 38% की कटौती की है और इसको $5 बिलियन से घटाकर $3.1 बिलियन कर दिया है।

वहीं इस निवेशक फर्म ने PharmEasy की पैरेंट कंपनी API Holdings की वैल्यूएशन को भी करीब 21% तक कम करते हुए, इसे $5.6 बिलियन से $4.4 बिलियन कर दिया है।

बताते चलें नोएडा आधारित मर्चेंट कॉमर्स प्लेटफॉर्म Pine Labs ने पिछले साल ही $5 बिलियन से अधिक की वैल्यूएशन पर Alpha Wave Global से $150 मिलियन का निवेश हासिल किया था।

Pine Labs

वहीं मुंबई आधारित ई-फार्मेसी कंपनी PharmEasy ने अक्टूबर 2021 में लगभग $5.6 बिलियन की वैल्यूएशन पर कई नए निवेशकों से प्री-आईपीओ दौर के तहत $350 मिलियन की राशि जुटाई थी।

PharmEasy

कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय में कंपनी द्वारा दायर RoC फाइलिंग के मुताबिक, API Holdings ने वित्त वर्ष 2020-21 में ₹641 करोड़ के मुकाबले वित्त वर्ष 2022 में ₹3,992 करोड़ का शुद्ध घाटा दर्ज किया था। भारत में API Holdings के मुख्य प्रतिद्वंदियो में 1mg, Netmeds आदि को गिना जाता है।

बताते चलें कि PharmEasy और Pine Labs के पहले भी Swiggy, Ola और BYJU’S जैसे दिग्गज भारतीय स्टार्टअप्स भी मूल्यांकन (वैल्यूएशन) में कटौती का सामना कर चुके हैं।

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हाल में ही अमेरिकी निवेशक Invesco दो बार फूड डिलीवरी स्टार्टअप Swiggy की वैल्यूएशन को घटाते हुए, लगभग $10.7 बिलियन से $5.5 बिलियन कर चुका है।

इसी बीच अमेरिका आधारित इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट कंपनी Vanguard Group ने कैब सेवा प्रदाता Ola की पैरेंट कंपनी ANI Technologies की वैल्यूएशन को करीब 35% तक कम करते हुए $7.4 बिलियन से $4.8 बिलियन कर दिया है।

इसके पहले BlackRock ने भी एडटेक स्टार्टअप BYJU’S के मूल्यांकन में लगभग 50% तक की कटौती करते हुए, इसे करीब $22 बिलियन से कम करते हुए $11.5 बिलियन कर दिया।

क्यों हो रही है स्टार्टअप्स की वैल्यूएशन में कटौती?

जानकार मानते हैं कि स्टार्टअप्स के मूल्यांकन (वैल्यूएशन) में हो रही कटौती के पीछे मौजूदा नाज़ुक वैश्विक आर्थिक हालत जिम्मेदार हैं, जिनके चलते भारत समेत तमाम देशों में स्टार्टअप्स फंडिंग में कमी – या जिसे ‘फंडिंग विंटर’ का भी नाम दिया गया है – का सामना कर रहे हैं।

आँकड़ो के मुताबिक, भारत में साल 2021 के दौरान रिकॉर्ड फंडिंग हासिल करने के बाद साल 2022 में भारतीय स्टार्टअप्स ने निवेश डील में लगभग 40-42 प्रतिशत तक की कमी दर्ज की।

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