संपादक, न्यूज़NORTH
Vodafone Idea Denies Report Of Acquisition: सोमवार को अचानक भारत की तीसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) लिमिटेड के शेयरों की कीमत में भारी उछाल के बाद अचानक गिरावट दर्ज की जाने लगी। दिलचस्प रूप से इसके पीछे की वजह कंपनी द्वारा जारी एक बयान ही बना।
असल में हुआ ये कि ऐसी खबरें सामने आने लगी कि कई दिग्गज कंपनियाँ जैसे वेरिजॉन (Verizon), अमेज़ॅन (Amazon) या स्टारलिंक (Starlink) फिलहाल वोडाफोन आइडिया (Vi) का अधिग्रहण करने को लेकर, कंपनी के साथ बीतचीत कर रही हैं।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि वोडाफोन आइडिया लिमिटेड के प्रतिनिधि अमेरिका की इन तमाम दिग्गज टेलीकॉम कंपनियों के साथ अधिग्रहण को लेकर चर्चा कर रहे हैं। फिर क्या था, यह खबर फैलते ही काफी समय से ठंडे बस्ते से पड़े वोडाफोन आइडिया के शेयर मानों आसमान छूने लगे और सोमवार सुबह ₹12.20 तक के आँकड़े तक जा पहुँचे।
Vodafone Idea Denies Report Of Acquisition
लेकिन शेयर में आई ये बढ़त बहुत समय तक बरकरार नहीं रह सकी, क्योंकि वोडाफोन आइडिया ने एक नियामक फाइलिंग में अधिग्रहण संबंधित सभी रिपोर्टों का खंडन करते हुए, इन अटकलों से इंकार किया। कंपनी ने नियामक फाइलिंग ने बताया,
“हम यह सूचित करना चाहते हैं कि अधिग्रहण संबंधित अटकलों को लेकर सामने आ रही किसी भी प्रकार की खबरें गलत हैं। कंपनी अधिग्रहण को लेक ऐसी किसी चर्चा का में शामिल नहीं है। खासकर रिपोर्ट्स में जिन कंपनियों का जिक्र किया गया है, हम उनके साथ किसी भी प्रकार की अधिग्रहण संबंधित बातचीत नहीं कर रहे हैं।”
वोडाफोन आइडिया की ओर से यह स्पष्टीकरण पेश किए जाने के बाद ही कंपनी की शेयर कीमतें लगातार गिरती दिखाई दीं। सोमवार को बाजार बंद होते समय कंपनी के शेयरों में लगभग 6% से अधिक की गिरावट दर्ज की गई और बीएसई पर कंपनी का शेयर ₹10.40 तक पहुँच गया।
क्यों शुरू हुई थी शेयर कीमतों में तेजी?
वैसे वोडाफोन आइडिया के शेयर कीमतों में आई क्षणिक तेजी के पीछे सिर्फ अधिग्रहण संबंधित ख़बरों को ही एकलौती वजह नहीं माना जाना चाहिए। असल में देश की तीसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम ऑपरेटर कंपनी ने हाल में यह जानकारी भी साझा करी कि पिछले सप्ताह ही कंपनी ने सरकार को ₹1701 करोड़की बकाया राशि अदा कर दी है। असल में साल 2022 के स्पेक्ट्रम आवंटन की किश्त के रूप में कंपनी ने टेलीकॉम विभाग को ₹1701 करोड़ की अदाएगी की है।
Vodafone Idea के बारे में!
अगर संयुक्त रूप से देखे तो यूके का वोडाफोन समूह (Vodafone Group) और भारत आधारित आदित्य बिड़ला समूह (Aditya Birla Group) फिलहाल लगभग 50.1% की हिस्सेदारी के साथ वोडाफोन आइडिया के प्रमुख शेयरधारक हैं। जबकि सरकार ने इसी साल फरवरी में समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) बकाया के एवज़ में अर्जित ब्याज को स्टॉक में बदलते हुए, कंपनी में 33.1% की हिस्सेदारी हासिल कर ली थी, और सबसे बड़ी हितधारक बन गई थी।
उस वक्त सामने आई जानकारी के अनुसार, कंपनी ने सरकार को ₹10 की फेस वैल्यू पर इक्विटी शेयर जारी किए थे। असल में ब्याज बकाए की कुल राशि, जो लगभग ₹16,133,18,48,990 (₹161.33 बिलियन या $1.96 बिलियन) थी, को तब ₹10 प्रति शेयर के हिसाब से इक्विटी शेयरों में बदला दिया गया, जो भारत सरकार को जारी किए गए।