संपादक, न्यूज़NORTH
Xiaomi India Layoffs: भारत के स्मार्टफोन बाजार में – खासकर बजट सेगमेंट में – काफी नाम कमाने वाली चीनी कंपनी, शाओमी इंडिया (Xiaomi India) बीते कुछ समय से देश में कई चुनौतियों का सामना कर रही है।
असल में एक ओर कंपनी की बाजार हिस्सेदारी में आती गिरावट एक बड़ी परेशानी का सबब बनी हुई है, वहीं दूसरी ओर भारत सरकार की एजेंसियों द्वारा की जा रही सख्ती के चलते भी कंपनी के सामने एक बड़ा संकट खड़ा होता नजर आ रहा है।
शायद इन्हीं वजहों के चलते कंपनी ने अब देश के भीतर बड़े संगठनात्मक बदलाव करने का मन बनाया है, जिसके तहत कर्मचारियों की कुल संख्या में भी कटौती का फैसला लिया गया है। बता दें, इसका खुलासा इकोनॉमिक टाइम्स (ईटी) की एक हालिया रिपोर्ट में किया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, पिछली दो तिमाहियों के आँकड़ो पर गौर करने तो भारत में कंपनी का मार्केट शेयर लगातार घटता नजर आता है। यह वही वक्त है जब देश में सरकारी एजेंसियाँ कंपनी पर लगे ‘वित्तीय अनियमितताओं’ संबंधित आरोपों की भी जाँच कर रही हैं। इन चीजों का असर अब छंटनी के रूप में देखा जा रहा है।
यह भी सामने आया है कि Xiaomi India पहले ही बीतें कुछ दिनों में करीब 30 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा चुकी है। और अपनी संगठनात्मक पुनर्गठन की योजना के तहत, कंपनी का इरादा देश में कुल कर्मचारियों की संख्या को 1,000 से भी कम करने का है।
माना जाता है कि इस साल की शुरुआत तक भारत में Xiaomi के पास कुल 1400-1500 फुल-टाइम कर्मचारी थे। ऐसे में अगर कर्मचारी संख्या को 1,000 से कम करने की बात सही साबित होती है, तो यह स्पष्ट रूप से 30% से ज्यादा की कटौती होगी।
इस बीच रिपोर्ट के हवाले से कंपनी की ओर से यह कहा गया कि कर्मचारियों की संख्या को कम करने का फैसला पूरी तरह से देश के बाजार में कंपनी की स्थिति पर निर्भर करता है, जब जैसी जरूरत होगी, उस अनुसार छंटनी या फिर नई भर्तियों पर फैसला किया जा सकता है।
Xiaomi India Layoffs: क्या हो सकती है वजह?
हम सब जानते हैं कि भारतीय स्मार्टफोन बाजार में बजट सेगमेंट की बात करें तो इसमें लम्बें समय तक Xiaomi व इससे संबंधित ब्रांड्स का दबदबा रहा है, जो आज भी इतना कम नहीं हुआ है। लेकिन सैमसंग (Samsung), मोटोरोला (Motorola) जैसे तमाम ब्रांड भी अब इस सेगमेंट में कड़ी टक्कर देने के लिए कमर कस चुके हैं और ऐसे में कंपनी के लिए चुनौती बढ़ गई है।
साथ ही हाल के वर्षों में भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए भी, सरकार चीनी ऐप्स के बाद मोबाइल कंपनियों पर भी सख्त रूख अपनाते नजर आ रही हैं। ऐसे में जाहिर है कंपनी देश में अपने भविष्य को लेकर थोड़ी चिंतित हो और फिलहाल खर्चो में कटौती करते हुए, संचालन की दृष्टि से एक स्थिर बने रहने की कोशिशें करें।