संपादक, न्यूज़NORTH
ChatGPT’s Sam Altman Visits India: भारत हमेशा से ही एक व्यापक बाजार के रूप में दुनिया की तमाम दिग्गज कंपनियों को आकर्षित करता रहा है। इसी के ताजे उदाहरण के रूप में अब ChatGPT बनाने वाली कंपनी OpenAI के सीईओ, सैम ऑल्टमैन ने अपनी भारत यात्रा के दौरान, गुरुवार (8 जून) को भारतीय स्टार्टअप्स में निवेश की इच्छा व्यक्त की।
मौजूदा समय में दुनिया का सबसे चर्चित चैटबॉट बनाने वाली कंपनी के सीईओ ने कहा कि भारतीय स्टार्टअप्स में निवेश व उनको सपोर्ट करना इस समय भारत में एक ऑफिस खोलने की तुलना में अधिक प्राथमिक लक्ष्य है।
सैम ऑल्टमैन ने इंद्रप्रस्थ इंस्टिट्यूट ऑफ़ इनफर्मेशन टेक्नोलॉजी (IIIT) दिल्ली में एक वार्ता सत्र के दौरान कहा;
“हम भारतीय स्टार्टअप्स की क्वॉलिटी को देखते हुए हैरान हैं। यहाँ स्टार्टअप्स की ऊर्जा को देखते हुए, हम इस बात को लेकर बेहद उत्साहित हैं कि आखिर कैसे हम उन्हें सपोर्ट कर सकते हैं।
“कल भारतीय स्टार्टअप्स के साथ हमारी कुछ बातचीत भी हुई, और हम भारतीय स्टार्टअप्स में निवेश भी करना चाहते हैं।”
जाहिर है भारत OpenAI के लिए एक बड़ा बाजार साबित हो सकता है, ऐसे में सैम सभी तरह की संभावनाओं को तलाशने का प्रयास करते नजर आ रहे हैं। आर्टिफ़िशल इंटेलिजेंस (एआई) को लेकर कुछ मतभेदों व चर्चाओं के बावजूद, देश में कई भारतीय कंपनियाँ तेजी से एआई तकनीक को अपनाने का काम कर रही हैं।
दिलचस्प ये है कि सैम ऑल्टमैन का भारतीय स्टार्टअप्स में निवेश को लेकर यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब इस साल फरवरी में ही चेन्नई आधारित कन्वर्सेशनल एआई स्टार्टअप Uniphore ने करीब $2.5 बिलियन की वैल्यूएशन पर लगभग $400 मिलियन का निवेश हासिल किया है, जो अब तक किसी भारतीय एआई स्टार्टअप द्वारा हासिल सबसे बड़ी डील में से एक है।
Sam Altman in India: PM Modi से हुई मुलाकात
सत्र के दौरान OpenAI के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई उनकी मुलाकात का भी जिक्र किया। सैम ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के साथ मुलाकात काफी अच्छी रही, वो भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक को लेकर उत्साहित नजर आए।
इतना ही नहीं बल्कि ऑल्टमैन के अनुसार, उन्होंने पीएम मोदी से एआई तकनीक से जुड़ी संभावनाओं और रेग्युलेशन को लेकर भी बातचीत की। गौर करने वाली बात ये है कि प्रधानमंत्री और ChatGPT निर्माता सैम ऑल्टमैन की ये मुलाकात ऐसे समय में हुई, जब सरकार देश में एआई चैटबॉट की स्थिति का आँकलन करते हुए, इसे रेग्युलेट करने जैसे मुद्दों पर विचार कर रही है।
एआई रेग्युलेशन को लेकर Sam Altman ने क्या कहा?
रेग्युलेशन को लेकर अपना मत रखते हुए, सैम ऑल्टमैन ने कहा;
“सेल्फ-रेग्युलेशन काफी अहम है, और यह ऐसा कुछ है जिसको लेकर हम भी व्यापक प्रयास कर रहे हैं। लेकिन मेरा मानना है कि सिर्फ तकनीक की क्षमताओं व ताकत को देखत हुए, दुनिया को पूरी तरह से कंपनियों के हाथों में नहीं छोड़ा जा सकता।”
इसके साथ ही पर्यावरण को लेकर सैम ने कहा कि OpenAI में हम जल्द से जल्द ‘नेट-जीरो’ हासिल करना चाहते हैं, और हम कूलिंग तकनीक को लेकर भी नए प्रयास कर रहे हैं, जिससे ताजे पानी की खपत को कम से कम किया जा सके।
आपको बता दें, कुछ समय पहले ‘यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास आर्लिंगटन’ तथा ‘यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो रिवरसाइड’ के शोधकर्ताओं की ओर से जारी किए गए “मेकिंग एआई लेस थर्स्टी” शीर्षक वाले प्री-प्रिंट पेपर में कुछ हैरान करने वाली बातें सामने रखी गई थीं।
यह बताया गया था कि OpenAI और Google जैसी कंपनियों द्वारा डेटा प्रोसेसिंग सेंटर्स को ठंडा करने के लिए कितने पानी की जरूरत होती है। शोधकर्ताओं ने पाया था कि केवल GPT-3 की ट्रेनिंग में ही OpenAI के भागीदार Microsoft ने 185,000 गैलन पानी का इस्तेमाल किया।
शोध में यह भी अनुमान जताया गया कि ChatGPT नामक यह एआई चैटबॉट लगभग 20-50 प्रश्नों का जवाब देने के लिए ही लगभग आधा लीटर पानी का इस्तेमाल कर लेता है।