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सरकार से मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स और MSMEs ‘जनवरी 2024’ तक मुफ्त में कर सकते हैं ‘5G टेस्ट बेड’ का इस्तेमाल

सरकार से मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स और MSMEs ‘जनवरी 2024’ तक मुफ्त में कर सकते हैं ‘5G टेस्ट बेड’ का इस्तेमाल

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Free 5G Test Bed Till Jan 2024: एक ओर जहाँ, पिछले साल दिसंबर से देश में 5G नेटवर्क सेवाओं के लॉन्च के बाद से ही, Jio और Airtel जैसी टेलीकॉम कंपनियाँ तेजी से हर रोज भारत के तमाम शहरों को 5G सेवाओं से जोड़ने का काम कर रहीं हैं। वहीं दूसरी ओर सरकार भी लगातार 5G तकनीक की क्षमताओं और संभावनाओं को तलाशने और उन्हें बढ़ावा देने के प्रयास में जुटी नजर आ रही है।

इसी कड़ी में अब सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। असल में भारत सरकार के दूरसंचार विभाग (DoT) सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स और MSMEs के लिए 5G टेस्ट बेड के मुफ्त उपयोग की सुविधा की अवधि को बढ़ाते हुए इसे जनवरी 2024 तक कर दिया है।

इसका सीधा सा मतलब ये है कि अब जनवरी 2024 तक सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स व MSMEs मुफ्त में 5G टेस्ट बेड सेवाओं का इस्तेमाल करते रह सकते हैं।

विभाग द्वारा यह कहा गया है कि उद्योग, शिक्षा जगत, सेवा प्रदाताओं, अनुसंधान और विकास संस्थानों, सरकारी निकायों और उपकरण निर्माता आदि भी बहुत मामूली दर पर इस 5G सुविधा का उपयोग कर सकते हैं।

जाहिर है, मुफ्त इस्तेमाल की अवधि को बढ़ाने का यह कदम साफ तौर पर 5G टेस्ट बेड के उपयोग को लेकर स्टार्टअप्स व MSMEs को प्रोत्साहित करेगा।

इतना ही नहीं बल्कि इन सभी स्टार्टअप्स व MSMEs द्वारा बनाए गए स्वदेशी तकनीकी उत्पादों व सेवाओं के चलते, सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण को भी बल मिलेगा।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि कई स्टार्ट-अप और कंपनियां पहले से ही अपने उत्पादों और सेवाओं के परीक्षण के लिए टेस्ट बेड का उपयोग कर रही हैं।

क्या है 5G Test Bed? 

आपको बता दें, मार्च 2018 में भारत में तमाम अहम जरूरतों, 5G प्रोजेक्ट्स से जुड़ी संभावनाओं और आगामी तकनीकी के दौर में दुनिया के साथ कदम से कदम मिला कर चल सकने के मकसद के साथ, दूरसंचार विभाग ने लगभग ₹224 करोड़ की कुल लागत के साथ ‘स्वदेशी 5G टेस्ट बेड’ स्थापित करने के लिए वित्तीय अनुदान को मंजूरी दी थी।

5G Test Bed

आपको बता दें ये 5G टेस्ट बेड कई संस्थानों के सहयोग से स्थापित किए गए। इस प्रोजेक्ट में शामिल आठ सहयोगी संस्थानों में IIT मद्रास, IIT दिल्ली, IIT हैदराबाद, IIT बॉम्बे, IIT कानपुर, IISc बैंगलोर, सोसाइटी फॉर एप्लाइड माइक्रोवेव इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग एंड रिसर्च (SAMEER) और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन वायरलेस टेक्नोलॉजी (CEWiT) शामिल रहे।

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इसके बाद इस प्रोजेक्ट का काम पूरा करते हुए, मई 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन स्वदेशी 5G टेस्टिंग बेड को राष्ट्र को समर्पित किया था।

आप 5G टेस्टबेड को कुछ ऐसे समझिए कि यह एक ऐसी जगह है, जहाँ स्टार्टअप्स व अन्य भारतीय इंडस्ट्री से जुड़ी कंपनियाँ अपने प्रोडक्‍ट्स, प्रोटोटाइप, सॉल्‍यूशन और एल्गोरिदम आदि को 5G नेटवर्क पर आजमाने के लिए 5G कनेक्टिविटी प्राप्त करती हैं।

इन टेस्टिंग बेड पर 5G नेटवर्क से संबंधित सभी टूल मौजूद होते हैं, और रिपोर्ट्स के अनुसार यहाँ 40 Gbps तक की इंटरनेट स्पीड हासिल की जा सकती है।

साफ है आने वाला दौर 5G का ही है, और ऐसे में अगर देश के स्टार्टअप्स व MSMEs को इसके लिए तैयार होने और मौजूदा संभावनाओं को तलाश सकने में सरकार मदद प्रदान करती है, तो आने वाले समय में भारत तकनीकी क्षेत्र में अग्रणी भूमिका में नजर आ सकता है।

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