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एडटेक स्टार्टअप AdmitKard ने हासिल किया ₹50 करोड़ का निवेश

एडटेक स्टार्टअप AdmitKard ने हासिल किया ₹50 करोड़ का निवेश

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Startup Funding – AdmitKard: भारत का एडटेक सेगमेंट हमेशा से निवेशकों के लिहाज से एक आकर्षक क्षेत्र रहा है। दिलचस्प ये है कि इस सेगमेंट ने सिर्फ पारंपरिक सीमाओं में न बंधते हुए, तमाम व्यापक स्वरूपों में अपना विस्तार किया है, जो सफल भी साबित हो रहा है।

और अब नोएडा आधारित एडटेक स्टार्टअप AdmitKard ने अपने सीरीज ए फंडिंग राउंड के तहत ₹50 करोड़ का निवेश हासिल किया है। कंपनी के लिए इस निवेश दौर का नेतृत्व GSV Ventures ने किया, जिसमें अन्य निवेशकों ने भी अपनी भागीदारी दर्ज करवाई।

कंपनी के मुताबिक, प्राप्त की गई इस नई धनराशि के साथ, यह अपनी तेज वृद्धि को जारी रखने और एडटेक क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में अपनी स्थिति को अधिक मजबूत बनाने की दिशा में काम करेगी।

इसके लिए कंपनी नए उत्पादों की पेशकश, अपनी टीम का विस्तार, नई तकनीक और उत्पादों को बेहतर बनाने में निवेश और अपनी भौगोलिक उपस्थिति का विस्तार करने की योजना बना रही है।

AdmitKard की शुरुआत साल 2016 में पीयूष भारतीय (Piyush Bhartiya) और रचित अग्रवाल (Rachit Agrawal) ने मिलकर की थी। यह स्टार्टअप अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे दुनिया भर के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में एडमिशन लेने की इच्छा रखने वाले छात्रों की मदद करता है।

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यह स्टार्टअप उन्नत तकनीक और डेटा साइंस आदि का लाभ उठाते हुए, छात्रों को अपने करियर के लक्ष्यों को प्राप्त करने और दुनिया भर के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों, पाठ्यक्रमों को खोजने के लिए व्यक्तिगत मार्गदर्शन प्रदान करता है।

इतना ही नहीं बल्कि इसकी वेबसाइट के अनुसार, कंपनी टेस्ट की तैयारी, स्टूडेंट लोन, आवास आदि जैसी सहूलियतें भी प्रदान करती है।

यह दावा करता है कि इसने हजारों छात्रों को कॉलेजों में एडमिशन पाने में मदद की है, और फिलहाल यह 20 से अधिक देशों के 3,000 से अधिक विश्वविद्यालयों तक पहुंच प्रदान करने का काम करता है। वर्तमान में, भारत के 70 से अधिक शहरों के छात्र इसके जरिए कॉलेज प्रवेश आदि के लिए आवेदन करते हैं।

इस बीच कंपनी के सह-संस्थापक, पीयूष भारतीय ने कहा;

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“हम अलग-अलग तरीकों से बाजार में अपनी सेवाओं के विस्तार की कोशिशें कर रहे हैं। फिलहाल भारत के 250 से अधिक शहरों के छात्र पढ़ाई के लिए विदेश जा रहे हैं।”

यह स्टार्टअप एक फ्रीमियम मॉडल के तहत अपना संचालन कर रहा है, जिसमें कुछ प्राथमिक सेवाएं सभी छात्रों को उपलब्ध कराई जाती हैं। साथ ही, कंपनी के मुताबिक, शिक्षण संस्थान भी प्रचार (मार्केटिंग) आदि के लिए इसको रॉयल्टी शुल्क भी देते हैं।

कंपनी में फिलहाल लगभग 200 कर्मचारी काम करते हैं, लेकिन आने वाले 12 से 18 महीनों में इसका इरादा मौजूदा कर्मचारियों के आँकड़े को दोगुना करने का है।

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