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Tata-Wistron Deal: iPhone बनाने वाली पहली भारतीय कंपनी बनने के करीब Tata Group

Tata-Wistron Deal: iPhone बनाने वाली पहली भारतीय कंपनी बनने के करीब Tata Group

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Tata Group close to taking over iPhone maker’s plant: भारत की देश की सबसे बड़ी और पुराने औद्योगिक समूहों में से एक टाटा ग्रुप (Tata Group) जल्द ही टेक दिग्गज Apple के लिए देश में ही iPhones का उत्पादन करता नजर आ सकता है।

हम ऐसा इसलिय कह रहे हैं क्योंकि सामने आई सामने मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार Tata Group जल्द ही भारत में Apple के तीन टॉप वेंडर्स में से एक, विस्ट्रॉन (Wistron) की कर्नाटक स्थिति मैनुफैक्चरिंग यूनिट को खरीदने की प्रक्रिया को पूरा कर सकता है।

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हमनें आपको पिछले साल नवंबर में ही यह बताया था कि Tata Group लगभग ₹4,000 करोड़ से ₹5,000 करोड़ में Wistron की इस मैनुफैक्चरिंग यूनिट को खरीदने की योजना बना रहा है। जानकारों के अनुसार, इस मैनुफैक्चरिंग यूनिट में मुख्य रूप से Apple iPhones का उत्पादन होता है।

तब सामने आई रिपोर्ट्स के मुताबिक़ इस डील के साथ Tata Group के मालिकाना हक वाली टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड (‘Tata Electronics Pvt. Ltd.’ या ‘TEPL’) अपनी इंजीनियरिंग मैनुफैक्चरिंग क्षमताओं को बढ़ाना चाहती है। गौर करने वाली बात ये है कि TEPL पहले से ही Apple के iPhones आदि के लिए एक कॉम्पोनेंट्स विक्रेता के तौर पर सेवाएँ देता है।

Tata Group-Wistron deal to taking over iPhone manufacturing plant

और अब Bloomberg की एक हालिया रिपोर्ट यह बताती है कि टाटा ग्रुप (Tata Group) – जो महीनों से ताईवान आधारित कंपनी विस्ट्रॉन (Wistron) के साथ इस डील को लेकर बातचीत कर रहा था – 31 मार्च 2023 से पहले इस डील को पूरा कर लेना चाहता है।

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रिपोर्ट की मानें तो दोनों ही कंपनियों ने बीते कई दिनों में सभी संभावित साझेदारी को लेकर चर्चा कर ली है, लेकिन अब यह डील कई मायनों में Tata पर केंद्रित होती नजर आ रही है।

ऐसा इसलिए भी है क्योंकि Tata और Wistron के बीच इस संभावित जॉइंट वेंचर में बहुमत हिस्सेदारी Tata के पास ही होगी। अब तक सामने आई जानकारी के मुताबिक, इस डील के पूरा होने के बाद भी Wistron भारत में iPhones के लिए सर्विस पार्टनर के रूप में काम करता रहेगा।

रिपोर्ट के अनुसार, टाटा ग्रुप मौजूदा वित्त वर्ष यानि 31 मार्च 2023 तक इस डील को पूरा करने पर इसलिए ज़ोर दे रहा है ताकि कंपनी सरकारी प्रोत्साहन प्रदान करने वाली एक स्कीम में औपचारिक रूप से Wistron की जगह ले सके।

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रिपोर्ट में सूत्रों का ये भी कहना है कि अगर Wistron मौजूदा वित्तीय वर्ष में अपेक्षित सरकारी प्रोत्साहन पाने की सभी ज़रूरतों को पूरा करता है, तो अधिग्रहण के समय भारत में Wistron के एकमात्र iPhone मैन्युफ़ैक्चरिंग संचालन का मूल्यांकन (वैल्यूएशन) लगभग $600 मिलियन तक आँकी जा सकती है।

वैसे Wistron के जिस प्लांट के अधिग्रहण की बात हो रही है वह 22 लाख वर्ग फुट में फैला है और बेंगलुरु से महज 50 किलोमीटर दूर स्थित है।

वैसे साफ कर दें कि इस विषय पर दोनों कंपनियों की ओर से अब तक आधिकारिक रूप से कोई जानकारी साझा नहीं की गई है।

जाहिर है अगर ये डील हो जाती है तो मौजूदा समय की स्थितियों को देखते हुए ये चीन के लिए भी बहुत बड़ा झटका साबित होगा, क्योंकि भारत पीएलआई (PLI) और मेक-इन-इंडिया जैसी स्कीमों के साथ तेजी से वैश्विक कंपनियों को भारत में मैन्युफ़ैक्चरिंग के लिए प्रोत्साहित कर रहा है।

और टेक दिग्गज Apple अपने iPhone निर्माण के लिए फिलहाल मुख्यतः Wistron और Foxconn जैसी ताइवानी मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों पर निर्भर है। ऐस में Tata Group का भी इस ओर कदम बढ़ाना भारत के लिहाज से बेहद सफल कदम कहा जाएगा।

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