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इलेक्ट्रिक मोबिलिटी स्टार्टअप Yulu ने US DFC से हासिल किए लगभग ₹73 करोड़

इलेक्ट्रिक मोबिलिटी स्टार्टअप Yulu ने US DFC से हासिल किए लगभग ₹73 करोड़

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Startup Funding – Yulu: भारत दुनिया के अन्य देशों की तरह इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। यही वजह भी है कि अब देश का ईवी (इलेक्ट्रिक वाहन) क्षेत्र पारंपरिक संसाधनों के साथ ही, नए दौर की सेवाओं का स्वरूप भी हासिल कर रहा है, जिसके लेकर ‘स्टार्टअप्स’ और ‘उनके ग्राहकों’ के साथ ही साथ निवेशक भी बेहद उत्साहित नजर आते रहे हैं।

इसी क्रम में अब बजाज ऑटो (Bajaj Auto) समर्थित शेयर्ड इलेक्ट्रिक मोबिलिटी स्टार्टअप बाइक Yulu ने अब अमेरिकी सरकार के अंतर्राष्ट्रीय विकास वित्त निगम (DFC) से $9 मिलियन (लगभग ₹73 करोड़) हासिल किए हैं। कंपनी को यह निवेश बतौर ग्रीन लोन मिला है।

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इस धनराशि के जरिए असल में Yulu अपने लास्ट-मील ग्रीन मोबिलिटी के व्यापक विस्तार के लक्ष्य को पाने की दिशा में और तेजी से बढ़ सकेगी।

साल 2017 में अमित गुप्ता (Amit Gupta), आरके मिश्रा (RK Misra), नवीन दाचुरी (Naveen Dachuri), हेमंत गुप्ता (Hemant Gupta) द्वारा शुरू किया गया Yulu अपनी इलेक्ट्रिक बाइक के जरिए लोगों को लास्ट-मील कनेक्टिविटी सेवा प्रदान करता है।

Yulu gets $9 million green loan nod from US government arm

कंपनी फिलहाल बेंगलुरु, मुंबई और दिल्ली-एनसीआर में अर्बन मोबिलिटी-एज-ए-सर्विस सेवा प्रदान कर रही है।इतना ही नहीं बल्कि यह ईवी चार्जिंग और बैटरी स्वैपिंग नेटवर्क हेतु आर्टिफ़िशल इंटेलिजेन्स (एआई) सक्षम पावर्ड बैटरी-एज-ए-सर्विस प्लेटफॉर्म, Yulu Energy का संचालन भी करती है।

कंपनी ने बताया कि इस प्लेटफॉर्म के जरिए अब तक 3.5 मिलियन से अधिक बैटरी स्वैप पूरे किए जा चुके हैं।

कंपनी की मानें तो अपनी शुरुआत से लेकर अब तक यह अपने इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल करते हुए 75 मिलियन से अधिक ग्रीन डिलीवरी कर चुकी है। साथ ही अब तक कंपनी लगभग 15000 मीट्रिक टन कार्बन डाईऑक्साइड उत्सर्जन को कम करने में सफल रही है।

Yulu

इस बीच निवेश को लेकर कंपनी के मुख्य वित्तीय अधिकारी, अनुज तिवारी (Anuj Tewari) ने कहा,

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“DFC के तौर पर एक दूरदर्शी संस्थान से यह निवेश प्राप्त करना कंपनी के दृष्टिकोण और बड़े पैमाने पर संचालन क्षमता को प्रमाणित करता है। हमारी सेवाएँ ना सिर्फ ग्रीन मोबिलिटी विकल्प तक सीमित हैं, बल्कि आजीविका कमाने में भी लोगों की मदद करते हुए, प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर प्रदान कर रही हैं। इसे लेकर हम काफी उत्साहित हैं।”

“इलेक्ट्रिक मोबिलिटी क्षेत्र में बतौर एक अग्रणी कंपनी, Yulu ने लाखों उपयोगकर्ताओं की फर्स्ट व लास्ट-मील मोबिलिटी जरूरतों को पूरा किया है। साथ ही कंपनी संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों में से 6 को पूरा करती है।”

आपको बता दें इसके पहले सितंबर में कंपनी ने कनाडा की Magna के नेतृत्व में निवेशकों से लगभग $82 मिलियन का निवेश हासिल किया था, जिसमें बजाज ऑटो सहित कुछ मौजूदा निवेशकों ने भी भागीदारी दर्ज करवाई थी।

कंपनी ने राष्ट्रव्यापी बैटरी चार्जिंग और स्वैपिंग इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने के मकसद के तहत Magna के साथ मिलकर ही Yulu Energy नामक नई इकाई का निर्माण किया है।

असल में कंपनी के बनाए इस इंफ्रास्ट्रक्चर के चलते, ईवी की खरीद संबंधित अग्रिम लागत कम होने की उम्मीद है, जिससे जाहिर तौर पर भारत में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को अपनाने में तेजी आ सकती है।

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