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“केंद्र सरकार द्वारा ब्लॉक करने के लिए कहे गए 50-60% Tweets नहीं थे हानिकारक” – Twitter

“केंद्र सरकार द्वारा ब्लॉक करने के लिए कहे गए 50-60% Tweets नहीं थे हानिकारक” – Twitter

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Twitter India vs Centre Govt: देश में एक बार फिर भारत सरकार और माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म Twitter आमने-सामने नजर आ रहे हैं। ताजे मामले के तहत Twitter ने कर्नाटक हाईकोर्ट में यह जानकारी दी है कि भारत सरकार द्वारा ब्लॉक (हटवाए) गए 50-60% ट्वीट्स किसी भी प्रकार से हानिकारक नहीं कहे जा सकते हैं।

असल में Twitter ने कोर्ट में ये बात ऐसे वक्त में कही है जब केंद्र सरकार ने इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से कुछ अकाउंट्स, URLs और ट्वीट्स को ब्लॉक करने के लिए कहा था।

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आपको बता दें Twitter ने ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के उल्लंघन’ और कंपनी को नोटिस देने से पहले कथित उल्लंघनकर्ताओं को नोटिस जारी नहीं करने जैसे आधारों पर केंद्र सरकार के इस आदेश को चुनौती दी थी।

पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, कर्नाटक हाईकोर्ट सोमवार को केंद्र सरकार के आदेश के खिलाफ Twitter की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई की, जिस दौरान कंपनी की ओर से ये बातें सामने रखी गई।

इस मामले में भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने 1 सितंबर को Twitter द्वारा दायर की गई याचिका पर आपत्ति जताते हुए, कोर्ट में 101 पन्नों का बयान दायर किया था।

Twitter की वकील की ओर से न्यायालय को यह बताया गया कि केंद्र सरकार के ऐसे आदेशों से कंपनी प्रभावित हो रही है क्योंकि इसमें कथित उल्लंघनकर्ताओं को नोटिस जारी किए बिना सीधे Tweets, URLs और अकाउंट्स हटाने के लिए Twitter को आदेश जारी कर दिए जा रहे हैं।

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Twitter India vs Centre Govt:

Mint की रिपोर्ट के अनुसार, Twitter की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दातार ने कोर्ट में कहा;

“केंद्र सरकार थोक में अकाउंट्स को ब्लॉक करने के लिए कहती है, जिससे सीधे तौर पर कंपनी का कारोबार कारोबार प्रभावित होगा।”

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साथ ही उन्होंने कहा कि;

“अनुचित समझे जाने वाले Tweet को ब्लॉक करवाने के बजाय, राजनीतिक कंटेंट होने के कारण सीधे अकाउंट को ही ब्लॉक करने के लिए कहा जा रहा था।”

वरिष्ठ अधिवक्ता ने हाईकोर्ट में ये भी खुलासा किया कि दिल्ली में किसानों के विरोध के दौरान, समाचार पत्रों व मीडिया में प्रसारित होने वाले कंटेंट को भी Twitter पर ब्लॉक करने के लिए कहा गया था।

बता दें जाहिर तौर पर इस मामले में केंद्र सरकार को भी एक पक्षकार बनाया गया था। इस मामले में हाईकोर्ट ने सुनवाई को 17 अक्टूबर तक के लिए कर दिया है।

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