संपादक, न्यूज़NORTH
Startup Funding – Beco: देखते ही देखते दुनिया भर के साथ-साथ भारत में भी ईको-फ्रेंडली प्रोडक्ट्स का एक व्यापक बाजार उभरता नजर आने लगा है, और कई स्टार्टअप इससे जुड़ी तमाम संभावनाओं को तलाशने का प्रयास भी कर रहे हैं।
इसी क्रम में डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर ईको-फ्रेंडली प्रोडक्ट ब्रांड Beco ने सीरीज-ए फंडिंग राउंड में $3 मिलियन (लगभग ₹23 करोड़) का निवेश हासिल किया है।
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कंपनी के लिए इस निवेश दौर का नेतृत्व Rukam Capital ने किया, जिसमें Priyavrata Mafatlal, Better Capital, Prashant Pittie और Titan Capital ने भी भागीदारी दर्ज करवाई।
इसके साथ ही Kolte-Patil Family Ventures, Exceed Entertainment, बिमल पारेख, श्वेता अमरीश राव, अर्जुन पुरकायस्थ, हरीश नारायणन, शांतनु देशपांडे, कोल्टे-पाटिल फैमिली वेंचर्स, गौरव अरोड़ा आदि ने भी इस निवेश दौर में हिस्सा लिया।
कंपनी के अनुसार, प्राप्त की गई इस पूँजी का इस्तेमाल रिसर्च एंड डेवलपमेंट संबंधित गतिविधियों, मार्केटिंग और सप्लाई चेन को मजबूत करने तथा नई प्रतिभाओं को कंपनी में शामिल करने के लिए किया जाएगा।
मुंबई आधारित Beco की शुरुआत साल 2019 में आदित्य रुइया (Aditya Ruia), अक्षय वर्मा (Akshay Varma) और अनुज रुइया (Anuj Ruia) ने मिलकर की थी।
यह स्टार्टअप मुख्य रूप से बतौर ईको-फ्रेंडली (सस्टेनेबल) किचन, होम और पर्सनल केयर ब्रांड है। यह टिश्यू रोल, बैम्बू फेशियल टिश्यू, डिशवॉशिंग लिक्विड से लेकर बैम्बू टूथब्रश और बायोडिग्रेडेबल कचरा बैग सहित कई अन्य उत्पादों की एक विस्तृत कैटेगॉरी की पेशकश करता है। कंपनी का दावा है कि इसने सभी उत्पाद बायोडिग्रेडेबल हैं।
Beco की मानें तो वर्तमान में भारत के भीतर लगभग 67% शहरी युवा सस्टेनेबल प्रोडक्ट्स को चुनना पसंद करते हैं और इनमें से 25% से भी कम ही स्थानीय स्तर पर उपलब्ध समाधानों पर स्विच करने में कामयाब रहे हैं।
इसलिए कंपनी का मकसद है कि भारतीय युवाओं को उनकी पसंद के अनुसार चीजें मिल सकें और इसके लिए कंपनी सस्टेनेबल प्रोडक्ट्स उत्पादों तक लोगों की पहुंच के बीच मौजूदा भारी अंतर को भरने का काम कर रही है।
पिछले वित्तीय वर्ष में यह स्टार्टअप कई प्रोडक्ट्स और कैटेगॉरी लॉन्च के साथ ही राजस्व में पांच गुना वृद्धि का भी गवाह बना है।
कंपनी के सह-संस्थापक, आदित्य रुइया ने कहा;
“हमने (यह महसूस किया कि इस क्षेत्र में न सिर्फ एक स्थायी डी2सी ब्रांड की जरूरत है, बल्कि उपभोक्ता व्यवहार पैटर्न को बदलना और इन स्थायी समाधानों के बारे में लोगों को जागरूक करने की भी आवश्यकता है, जिससे वह इन प्रोडक्ट्स को सहजता से अपनाएं।”