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PM Modi launches ‘Digital India Bhashini’ & More: गुजरात के गांधीनगर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल इंडिया वीक 2022 (Digital India Week 2022) की शुरुआत करते हुए, देश में स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए कई नई डिजिटल पहलों को हरी झंडी दिखाई।
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने ‘डिजिटल इंडिया भाषिनी‘ (Digital India Bhashini), ‘डिजिटल इंडिया जेनेसिस‘ (Digital India Genesis), ‘इंडियास्टैक.ग्लोबल‘ (Indiastack.global) और MyScheme जैसी योजनाओं को लॉन्च किया।
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इन तमाम योजनाओं का लक्ष्य भारतीय स्टार्टअप ईकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए तकनीकी पहुँच का विस्तार करना और सर्विस वितरण को सुव्यवस्थित करने से संबंधित है।
इतना ही नहीं बल्कि प्रधानमंत्री ने 30 संस्थानों के उस पहले समूह का भी ऐलान किया, जिन्हें ‘चिप्स टू स्टार्टअप‘ [Chips to Startup (C2S)] प्रोग्राम के तहत समर्थन प्रदान किया जाएगा। तो आइए जानते हैं भारत की इन तमाम नई डिजिटल पहलों के बारें में विस्तार में!
डिजिटल इंडिया भाषिनी (Digital India Bhashini):
डिजिटल इंडिया भाषिनी को आप भारत के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित ‘भाषा अनुवाद मंच’ या ‘लैंग्विज ट्रांसलेशन प्लेटफ़ॉर्म’ के रूप में समझ सकते हैं।
इसका उद्देश्य ‘वॉयस-बेस्ड-एक्सेस’ सहित भारतीय भाषाओं में इंटरनेट और डिजिटल सेवाओं तक आसान पहुंच प्रदान करने का है, ताकि ग्लोबल सेवाओं को भी भारतीय भाषाओं में इस्तेमाल किया जा सके। इसके साथ यह भारतीय भाषाओं में कंटेंट बनाने और बहुभाषी डेटासेट के निर्माण का काम भी करेगा। यह प्लेटफॉर्म राष्ट्रीय भाषा अनुवाद मिशन का ही हिस्सा बताया जा रहा है।
सरकार के अनुसार, डिजिटल इंडिया भाषिनी योजना के तहत भाषा दान (Bhasha Daan) नामक क्राउडसोर्सिंग पहल के जरिए तमाम भाषाओं में डेटासेट का निर्माण किया जाएगा।
इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हुए, भाषाओं के लिहाज से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण (NLP) जैसी तकनीकों को MSME (मध्यम, लघु और सूक्ष्म उद्यम), स्टार्टअप और व्यक्तिगत इनोवेटर्स को सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराने का इरादा है।
डिजिटल इंडिया जेनेसिस (Digital India Genesis):
डिजिटल इंडिया जेनेसिस असल में जेन-नेक्स्ट सपोर्ट फ़ॉर इनोवेटिव स्टार्टअप्स (Gen-next Support for Innovative Startups) का ही संक्षिप्त रूप है।
इस योजना के तहत के टियर- II और टियर- III शहरों में स्टार्टअप्स को बढ़ावा देना का काम किया जाएगा। लगभग ₹750 करोड़ की इस योजना के लिए एक राष्ट्रीय डीप-टेक स्टार्टअप प्लेटफॉर्म भी बनाया जाएगा।
इंडियास्टैक.ग्लोबल (Indiastack.global)
दिलचस्प रूप से Indiastack.global असल में India Stack के तहत चल रही परियोजनाओं जैसे Aadhaar, UPI, Digilocker, Cowin वैक्सीनेशन प्लेटफॉर्म, गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (GeM), DIKSHA प्लेटफॉर्म और आयुष्मान भारत डिजिटल हेल्थ मिशन आदि के लिए एक वैश्विक भंडार के रूप में उपलब्ध होगा।
असल में भारत में बड़े पैमानें पर डिजिटल क्रांति लाने वाले ये तमाम प्रोजेक्ट्स को वैश्विक रूप से अन्य देशों को उपलब्ध करवाते हुए, भारत खुद को डिजिटल परिवर्तन के इस दौर में एक अग्रणी नेतृत्वकर्ता के रूप में स्थापित कर सकेगा।
साथ ही इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि भारत में निर्मित ये तमाम तकनीकी सुविधाएँ विश्व के कई देशों के लिए बहुत मददगार साबित हो सकती हैं।
MyScheme:
सरल भाषा में कहें तो MyScheme को वन-स्टॉप सर्च या डिस्कवरी पोर्टल के तौर पर पेश किया गया है, जो भारत सरकार की तमाम योजनाओं (स्कीमों) तक पात्र लोगों को पहुंच हासिल करने के लिए एक सर्च प्लेटफ़ॉर्म के तौर पर काम करेगा।
इसके साथ ही पीएम मोदी ने Meri Pehchaan का भी शुभारंभ किया। यह असल में नेशनल सिंगल साइन-ऑन (NSSO) के तहत दी जाने वाली एक उपयोगकर्ता प्रमाणीकरण सेवा है, जिसमें क्रेडेंशियल के एक सेट का इस्तेमाल करते हुए, कई ऑनलाइन एप्लिकेशन या सेवाओं तक पहुंच हासिल की जा सकेगी।
चिप्स टू स्टार्टअप [Chips to Startup (C2S)] प्रोग्राम:
जैसा हमनें आपको पहले ही बताया कि C2S प्रोग्राम के लिए पहले 30 संस्थानों के पहले समूह की घोषणा की गई है। इसके तहत संस्थानों को सेमीकंडक्टर डिजाइन के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएगी।
इस प्रोग्राम का लक्ष्य स्नातक, परास्नातक और अनुसंधान स्तरों पर सेमीकंडक्टर चिप्स के डिजाइन के क्षेत्र में लोगों को प्रशिक्षित करना और भारत में सेमीकंडक्टर डिजाइन के क्षेत्र में काम कर रहे स्टार्टअप्स को बढ़ावा देना है।
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह भी बताया कि डिजिटल इंडिया (Digital India) पहल ने सरकार को नागरिकों के दरवाजे और फोन तक तमाम सेवाओं को पहुँचाने में मदद की है।
पीएम मोदी के अनुसार, देश में लगभग 1.25 लाख से अधिक कॉमन सर्विस सेंटर (Common Service Centres) और ग्रामीण स्टोर (Grameen Stores) अब ई-कॉमर्स को ग्रामीण भारत में तेजी से लोकप्रिय बनाने की दिशा में काम कर रहें हैं।