Now Reading
“भारत में क्रिप्टोकरेंसी वैध है या नहीं?, नियमों को स्पष्ट करे केंद्र सरकार” – सुप्रीम कोर्ट

“भारत में क्रिप्टोकरेंसी वैध है या नहीं?, नियमों को स्पष्ट करे केंद्र सरकार” – सुप्रीम कोर्ट

supreme-court-asks-indian-government-is-crypto-bitcoin-legal-in-india-or-not

Supreme Court on Cryptocurrency (Bitcoin): इस साल बजट 2022 के बाद से ही देश में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर तमाम अटकलें और आशंकाओं के दौर शुरू हो चुके हैं। और अब देश की सर्वोच्च अदालत (सुप्रीम कोर्ट) ने भारत सरकार से क्रिप्टोकरेंसी पर अपना रुख़ स्पष्ट रूप से देश के सामने पेश करने के लिए कहा है।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा शुक्रवार को केंद्र सरकार को निर्देश दिए गए कि वह ये साफ़ करे कि बिटकॉइन (Bitcoin) भारत में वैध है या नहीं?

ऐसी तमाम ख़बरें सबसे पहले पाने के लिए जुड़ें हमारे टेलीग्राम चैनल से!: (टेलीग्राम चैनल लिंक)

बता दें जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्य कांत की पीठ ने बिटकॉइन में कारोबार से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार को ये निर्देश दिए और भारत सरकार से इस मामले में एक हलफनामा दायर करने को कहा है।

इतना ही नहीं सरकार से ये भी कहा गया है कि वह अपने हलफ़नामे में क्रिप्टोकरेंसी (जैसे बिटकॉइन आदि) कारोबार से जुड़े नियमों के बारे में भी पूरी जानकारी साझा करे।

Supreme Court on Cryptocurrency: अदालत में क्या है मामला?

सुप्रीम कोर्ट ने ये सुनवाई अजय भारद्वाज और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ़ निवेशको को ज्यादा रिटर्न का लालच देकर बिटकॉइन (Bitcoin) के कारोबार से जोड़ने से संबंधित मामले को लेकर की है। असल में इस मामले में कथित आरोपियों ने अपने खिलाफ दर्ज कई आईएफ़आर को निरस्त करने की अपील की है।

इस पर सरकार की तरफ से पेश हुई अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने बताया कि देश भर में आरोपी के खिलाफ 47 FIR दर्ज हैं, लेकिन इसके बाद भी वह जाँच में सहयोग नहीं कर रहा है।

दिलचस्प रूप से तमाम मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ शुरू में इस घोटाले का आकार ₹2000 करोड़ तक अनुमानित था, जो बिटकॉइन के वर्तमान मूल्य के हिसाब से अब ₹20,000 करोड़ का हो गया है। सामने ये आया है कि यह मामला असल में 87,000 Bitcoins से सम्बंधित है।

वैसे इस बीच सरकार को दिए गए निर्देश को लेकर अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट को ये आश्वासन दिया कि सरकार जल्द क्रिप्टोकरेंसी कारोबार की वैधता पर एक हलफनामा दायर करेंगी।

Supreme Court on Cryptocurrency (Bitcoin): क्यों सुर्ख़ियों में है क्रिप्टोकरेंसी?

ग़ौर करने वाली बात ये है कि इस बार के बजट 2022 में जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने भारत में किसी भी वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के ट्रांसफ़र (लेनदेन) आदि से होने वाली आय पर 30% टैक्स लगाने का ऐलान किया तो देश में डिजिटल एसेट्स के क़ानूनी भविष्य को लेकर अटकलें तेज कर दी थीं।

ये कहा जाने लगा था कि सरकार इसको क़ानूनी मान्यता देने का मन बना रही है। लेकिन इसके बाद ख़ुद वित्त मंत्री की ओर से इन अटकलों का खंडन कर दिया गया, और बताया गया कि टैक्स लगाने का ये मतलब बिल्कुल नहीं है कि सरकार इसको आधिकारिक रूप से मान्यता दे रही है।

इसके साथ ही कुछ ही दिनों पहले, भारत के वित्त सचिव, टीवी सोमनाथन (TV Somanathan) ने अपने बयान में कहा कि बिटकॉइन (Bitcoin) और इथीरियम (Ethereum) या नॉन फंजीबल टोकन (NFTs) को भारत में कभी भी वैध मुद्रा (लीगल टेंडर) घोषित नहीं किया जा सकता।

See Also
whatsapp-new-reminder-for-status-feature

asci-crypto-nft-ads-guidelines-for-india

और हाल में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांता दास (Shaktikanta Das) ने भी निजी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को देश की वित्तीय और व्यापक आर्थिक स्थिरता के लिए एक बड़ा ख़तरा बताया था।

ऐसे में भारत में क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य को लेकर अभी भी कुछ साफ़ तौर पर कह पाना मुश्किल सा ही नज़र आ रहा है, लेकिन इतना ज़रूर है कि इसको अभी तक पूरी तरह से नकारा भी नहीं गया है।

साथ ही आपको बता दें कि कुछ ही दिनों पहले एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड काउंसिल ऑफ इंडिया (ASCI) ने वर्चुअल डिजिटल एसेट (Virtual Digital Asset) जैसे – क्रिप्टोकरेंसी, एनएफ़टी आदि से संबंधित विज्ञापनों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है।

जानकारो के अनुसार, केंद्र सरकार भारत में क्रिप्टकरेंसी और अन्य डिजिटल एसेट्स को रेगुलेट करने के लिए बिल के प्रावधानों को तैयार कर रही है।

©प्रतिलिप्यधिकार (Copyright) 2014-2023 Blue Box Media Private Limited (India). सर्वाधिकार सुरक्षित.