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दुनिया भर में ‘क्रिप्टोकरेंसी’ को अपनाने के मामले में भारत ‘दूसरे स्थान’ पर – रिपोर्ट

दुनिया भर में ‘क्रिप्टोकरेंसी’ को अपनाने के मामले में भारत ‘दूसरे स्थान’ पर – रिपोर्ट

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India ranks second in crypto adoption: भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर भले अभी तक कोई स्पष्ट रेग्युलेशन (नियम) ना सामने आए हों, लेकिन इसके बावजूद देश में बिटकॉइन (Bitcoin) सहित अनेकों क्रिप्टोकरेंसी की ओर लोगों का रुझान तेज़ी से बढ़ रहा है। और अब इस बात पर मोहर लगाई है ब्लॉकचेन डेटा प्लेटफॉर्म Chainalysis की एक हालिया रिपोर्ट ने।

जी हाँ! असल में इस रिपोर्ट की मानें तो इस साल वैश्विक स्तर पर क्रिप्टोकरेंसी को अपनाने के मामले में भारत ने दूसरा स्थान हासिल किया है।

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154 देशों की रैंकिंग वाली ये रिपोर्ट बताती है कि पिछले साल दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) अपनाने की दर में 881% से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है।

वहीं अगर साल 2019 की तीसरी तिमाही के बाद से अब तक देखें तो वैश्विक रूप से क्रिप्टो अपनाने की दर में 2300% से अधिक की वृद्धि हुई है।

दिलचस्प रूप से इस रिपोर्ट से ये भी आंदाज़ा लगता है कि पीयर-टू-पीयर प्लेटफॉर्म ट्रेडिंग के चलते दुनिया के कई उभरते बाजार क्रिप्टो को अपनाने के संबंध में अमेरिका और यूरोपीय देशों से भी आगे नज़र आते हैं।

Crypto Adoption Ranking List: (India ranks second in the same)

आप सोच रहें होंगें कि अगर भारत इस रैंकिंग में दूसरे स्थान पर है तो भला पहले नंबर पर कौन सा देश है? तो आपके इस सवाल का जवाब है – ‘वियतनाम’

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Credits: Chainalysis Report

असल में दुनिया भर के देशों की ये रैंकिंग ‘प्राप्त कुल क्रिप्टोकरेंसी’, ‘$10,000 से कम के क्रिप्टो लेनदेन’, ‘P2P ट्रेड वॉल्यूम’, ‘प्रति व्यक्ति Purchasing Power Parity (PPP)’ आदि कुछ आधार पर तय की गई।

भारत में क्रिप्टोकरेंसी ने कब शुरू किया अपना पैर-पसारना?

देश में क्रिप्टो की मुख्य लहर मार्च 2020 में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के बाद से देखने को मिली, जिस फ़ैसले के तहत सर्वोच्च अदालत ने भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अप्रैल 2018 को बैंकों व वित्त कंपनियों के वर्चूअल करेंसी में डील करने को प्रतिबंधित करने वाले निर्देश को ख़त्म कर कर दिया था।

इस फ़ैसले के आने के बाद से ही देश में टॉप क्रिप्टो एक्सचेंजों ने लोगों को क्रिप्टो के प्रति जागरूक करने और अन्य क्रिप्टो विज्ञापनों में भारी निवेश किया।

और इसी का असर है कि आज 25 साल से कम उम्र के निवेशकों के बीच भी क्रिप्टो देश में लगातार लोकप्रिय हो रहा है। वहीं अब तो क्रिप्टोकरेंसी धीरे-धीरे 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों के बीच भी निवेश का एक विकल्प बनता दिखाई पड़ रहा है।

फ़िलहाल भारत में टॉप क्रिप्टो एक्सचेंज और प्लेटफॉर्म सीमित बैंकिंग सुविधाओं के साथ ही अपना संचालन कर रहें हैं। इसलिए ये इंडस्ट्री अब बेसब्री से सरकार द्वारा प्रस्तावित क्रिप्टोकरेंसी बिल का इंतजार कर रही है।

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इसको लेकर एक बड़ा अपडेट भी हाल ही में आया है जब देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharama) ने ये साफ़ किया कि क्रिप्टो बिल को कैबिनेट के सामने पेश कर दिया गया है और अब इसको लेकर मंजूरी मिलने का इंतज़ार किया जा रहा है।

ग़ौर करने वाली बात ये है कि मार्च 2020 के बाद से WazirX जैसे क्रिप्टो एक्सचेंजों पर यूज़र साइन-अप में 4937% की वृद्धि देखी गई है। वहीं इसी दौरान भारत का पहला क्रिप्टो स्टार्टअप यूनिकॉर्न बना CoinDCX भी अपने उपयोगकर्ता आधार में लगभग 700% की वृद्धि का दावा करता है।

इतना ही नहीं बल्कि इस रैंकिंग लिस्ट में भारत के बाद पाकिस्तान, यूक्रेन, केन्या और नाइजीरिया जैसे देशों का नाम आता है।

रिपोर्ट का एक पहलू ये भी है कि उभरते बाजारों में लोग मुद्रा अवमूल्यन (Currency Devalution) से डर रहें हैं और इसलिए अपनी बचत को सुरक्षित करने के लिए वे क्रिप्टो का रुख़ कर रहें हैं।

वैसे इस रैंकिंग में कई परिपक्व बाजारों जैसे अमेरिका को 8वाँ स्थान और चीन को 13वाँ स्थान मिला। इन बड़े अर्थव्यवस्था वाले देशों में क्रिप्टोकरेंसी अपनाने की दर में आई गिरावट का कारण इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाली आबादी के द्वारा कम मात्रा में P2P ट्रेड करने को बताया गया है।

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