Now Reading
Google Maps पर आया ‘ईको-फ्रेंडली’ नेविगेशन विकल्प, ऐसे कर सकेंगें इस्तेमाल?

Google Maps पर आया ‘ईको-फ्रेंडली’ नेविगेशन विकल्प, ऐसे कर सकेंगें इस्तेमाल?

google-maps-eco-friendly-navigation

Google Maps अब आपको ये भी बताएगा कि कौन सा रास्ता अधिक ईको-फ्रेंडली (Eco-Friendly) साबित होगा जी हाँ! इस कंपनी ने प्लेटफ़ॉर्म पर इस नई Eco-Friendly Navigation सुविधा की शुरुआत की है।

ज़ाहिर है ये क़दम हमारी धरती पर ख़तरनाक रूप से बढ़ रहे कार्बन उत्सर्जन को कम करने को लेकर टेक दिग्गज़ Google की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

कैसे काम करेगा Google Maps Eco-Friendly Navigation?

असल में इसको लेकर Google Maps में प्रोडक्ट उपाध्यक्ष, Dane Glasgow ने एक ब्लॉग पोस्ट में लिखा;

“जल्द ही, Google Maps सबसे कम कार्बन फुटप्रिंट वाले रास्ते को किसी अन्य समान ETA (पहुँचने में लगने वाले समय) वाले रास्ते की तुलना में पहले या डिफॉल्ट रूट दिखाएगा।”

वहीं अगर इको-फ्रेंडली (Eco-Friendly) रास्ता चुनने से यात्रा का समय बढ़ता नज़र आएगा तो Google Maps आपको दोनों विकल्प दिखाएगा, वह भी हर एक विकल्प के साथ “कार्बन फूटप्रिंट” का भी आँकड़ा दिखाया जाएगा।

eco-routing-google-maps-eco-friendly-navigation
Credit: Google Blog

इस ब्लॉग पोस्ट में लिखा गया कि Google यूज़र्स को इन इको-फ्रेंडली (Eco-Friendly) रास्ते का सुझाव देने के लिए नेशनल रिन्यूएबल एनर्जी लेबोरेटरी के अनुमानों, ट्रैफिक कंजेशन और रोड-फ़ुटप्रिंट अनुमानों आदि का इस्तेमाल करेगा।

इसके साथ ही Google Maps में पब्लिक ट्रांसपोर्ट और बाइकिंग जैसी विकल्पों की विज़िबिलिटी को भी बढ़ाया जाएग। साथ ही यूज़र्स को विकल्पों के बीच टॉगल करने के बजाय एक स्क्रीन पर किसी जगह तक जाने के लिए परिवहन विकल्पों को देखने और उनकी तुलना करने की सुविधा दी जाएगी।

See Also
aktu-free-ai-and-data-science-online-course

eco-routing-google-maps-eco-friendly
Credit: Google Blog

साथ ही Google Maps यूज़र्स को तब भी अलर्ट देगा जब वे कार उत्सर्जन प्रतिबंधित क्षेत्रों में प्रवेश करने वाले होंगें। असल में यूरोप भर के शहरों ने हाल ही में कम उत्सर्जन वाले क्षेत्रों (Low-Emission Zones) को चिन्हित किया गया है। ये ऐसे क्षेत्र हैं जहां सबसे अधिक प्रदूषण फैलाने वाले वाहन प्रतिबंधित हैं, और सिर्फ़ इलेक्ट्रिक कारों जैसे पर्यावरण के अनुकूल परिवहन विकल्पों को ही अनुमति है।

असल में इस बात से कोई इंकार नहीं कर सकता कि परिवहन हमेशा से ही कार्बन उत्सर्जन का सबसे बड़ा स्रोत रहे हैं। और इसको अगर कम करना है तो सबसे पहले वाहनों का इस्तेमाल करने वाले लोगों को जागरूक और आँकड़ो के साथ जानकरियाँ प्रदान करनी ज़रूरी हैं।

ज़ाहिर है! मौजूदा वक़्त में कैब सेवाओं के साथ ही साथ प्राइवेट वाहनों की संख्या में भी तेज़ी से इज़ाफ़ा हुआ है।और ऐसे में अधिकतर गाड़ियों में नेविगेशन के लिहाज़ से इस्तेमाल किए जाने वाला Google Maps ही अगर ऐसी सुविधाएँ पेश करेगा तो बेशक पर्यावरण को बचाने मीन मदद मिल सकेगी।

©प्रतिलिप्यधिकार (Copyright) 2014-2023 Blue Box Media Private Limited (India). सर्वाधिकार सुरक्षित.