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Trump के वोटों की चोरी संबंधी Tweet को Twitter ने किया ‘भ्रामक संदेश’ के तहत चिन्हित

Trump के वोटों की चोरी संबंधी Tweet को Twitter ने किया ‘भ्रामक संदेश’ के तहत चिन्हित

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कुछ राज्यों में प्रमुख जीत के अंदेशे के बाद भी भले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चुनाव की ही रात को ही अपनी जीत की नहीं की, हालाँकि इसको सोशल मीडिया का डर भी कहा जा सकता है। लेकिन उन्होंने बेहद आधारहीन रूप से मतदाता धोखाधड़ी को लेकर एक सवाल उठाया।

दरसल इस Tweet में उन्होंने लिखा

“हम भले बढ़त में हैं लेकिन वो चुनाव और पद को चुराने की कोशिश कर रहें हैं। लेकिन हम उनको ऐसा नहीं करने देंगें। मतदान बंद होने के बाद वोट नहीं डाला जा सकता है।”

लेकिन इस आधारहीन तर्क को पोस्ट करने के बाद ही Twitter ने मामले की गम्भीरता को समझते हुए इस Tweet के ख़िलाफ़ जल्दी से कार्रवाई करते हुए इस Tweet में को एक चेतावनी के साथ फ़्लैग कर दिया। दरसल कंपनी ने इस फ़्लैग में लिखा कि राष्ट्रपति के संदेश में “चुनाव के बारे में संभावित भ्रामक दावा किया गया है।”

https://twitter.com/TwitterSafety/status/1323868590047744000

लेकिन ये ज़रूर है कि भले ही ट्रम्प का ये दावा और उनके शब्द अटपटे नज़र आए। लेकिन इस Tweet ने एक बार फिर से वोट-बाय-मेल बैलेट पर ट्रम्प के अविश्वास को सामने ला दिया है। दरसल इन मेल पर आने वाले वोट के परिणाम कई राज्यों में धीरे-धीरे आने की उम्मीद के साथ। लेकिन अब ट्रम्प की इस चिंता ने एक बार फिर से इसको लेकर चर्चा का बाज़ार गर्म कर दिया है।

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दरसल इस बार महामारी को देखते हुए मेल-इन वोटिंग में भारी वृद्धि के कारण परिणाम को आने में थोड़ा वक़्त ज़रूर लग रहा है। और इसको लेकर अब सोशल मीडिया कंपनियों ने भी 2020 के चुनाव की असामान्य परिस्थितियों के लिए नई नीतियों को तैयार करना शुरू कर दिया।

इसी के चलते Twitter ने सितंबर में ही अपनी नीति की घोषणा करते हुए कहा था कि वह ऐसी किसी भी Tweet को हटा या लेबल कर देगा जो गैरकानूनी गतिविधि को उकसाए और “सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण” को चुनौती दे।

आपको बता दें Twitter के द्वारा प्रतिबंधित किए जाने वाले Tweet ऑनलाइन रहते हैं, लेकिन उन्हें चेतावनी संदेश के साथ छिपा कर पेश किया जाता है। और इसलिए अगर उपयोगकर्ता को वह देखना है वो उसको चेतावनी संदेश पढ़ने के बाद अपनी सहमति से उस पर क्लिक करना होगा।

इस बीच आपको बता दें जगह एक तरह Twitter ने इन चुनावों के दौरान काफ़ी कड़ाई से अपनी नीतियों को लागू किया वहीं Facebook के बारे में ये बात पूर्ण रूप से शायद ही सही हो। लेकिन Twitter पर ही किए गये इस रि-पोस्ट को Facebook ने भी चेतावनी के साथ मार्क किया है।

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