संपादक, न्यूज़NORTH
इस वक़्त हर कंपनी भारत के टियर-2 और टियर-3 इलाक़ों की ओर रूख कर रही है, ज़ाहिर हैं वहाँ अभी भी माँग बहुत ज़्यादा है और प्रतिस्पर्धा तुलनात्मक रूप से काफ़ी कम।
और अब इसी कड़ी में Flipkart ने भी बुधवार को तीन और स्थानीय भाषाओं का समर्थन अपनी ऐप में जोड़ा और भारतीय ई-कॉमर्स दिग्गज ने देश भर के छोटे शहरों और कस्बों में अपनी पैठ की कोशिशें तेज कर दीं, जहां कम लोग ही अंग्रेजी और हिंदी बोलते हैं।
जी हाँ! असल में Walmart के मालिकाना हक़ वाली Flipkart की ऐप और प्लेटफ़ोर्म पर अब आपको तमिल, तेलुगु, और कन्नड़ में भी तीन इंटरफेस देखने को मिलेंगें, जो भारत में लगभग 200 मिलियन लोगों द्वारा बोली जानें वाली भाषाएँ हैं।
आपको बता दें पिछले ही साल Flipkart ने अपनी वेबसाइट और ऐप पर हिंदी भाषा में अपना इंटरफ़ेस लॉंच किया था। इसके फले देश में Flipkart के अहम प्रतिद्वंद्वी Amazon ने भी 2018 में हिंदी भाषा के समर्थन प्लेटफ़ॉर्म में शुरू कर दिया था, हालाँकि Amazon फ़िलहाल हिंदी के अन्य किस भाषाओं का समर्थन नहीं कर रहा है।
आपको बता दें Flipkart ने इन तीनो स्थानीय भाषाओं में 5.4 मिलियन से अधिक शब्दों को अपने प्रोडक्ट पेज, बैनरों और पेमेंट पेज में ट्रांसलेट किया है।
दरसल ज़ाहिर है कि Amazon और Flipkart दोनो ही अब ई-कामर्स क्षेत्र में स्थानीय भाषाओं की अहमियत समझते हैं और यही कारण है कि दोनों कंपनियाँ जान रही है कि भारत में अभी भी बहुत सी संभावनाएँ अंछुई सी ही हैं। आँकड़ों की बात करें तो अभी भी भारत में कुल खुदरा बिक्री का लगभग 3% ही ऑनलाइन शॉपिंग के ज़रिए होने का अनुमान लगाया जाता है।
इतना ही नहीं अभी हाल ही में ही Flipkart ने नए ग्राहकों को खुश करने के लिए वॉयस असिस्टेंट, शॉर्ट-फॉर्म वीडियो जैसी सुविधाओं को भी प्लेटफ़ोर्म में शामिल किया है और साथ ही साथ मुफ्त ऑन-डिमांड वीडियो स्ट्रीमिंग सेवा प्रदान की है।
आपको बता दें भारत, दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा इंटरनेट बाजार है, जो अमेरिकी और चीनी टेक दिग्गजों के लिए सबसे बड़ा बाज़ार माना जाता है। Amazon जहाँ देश में अपने इस महीने से अपने सात साल पूरे कर लेगा, वहीं 13 साल से देश में कार्यरत Flipkart ई-कॉमर्स बाजार में टॉप पर होने के दावे करता रहा है।
कुछ रिपोर्ट्स की मानें तो Amazon India की ऐप पर पिछले महीने जहाँ 140 मिलियन मासिक सक्रिय उपयोगकर्ता दर्ज किए गये वहीं Flipkart में यही आँकड़ा 108 मिलियन से थोड़ा अधिक ही था।