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WhatsApp का सप्रीम कोर्ट में बयान; पेमेंट सुविधा के लिए अब RBI के सभी नियमों का हो रहा है पालन

WhatsApp का सप्रीम कोर्ट में बयान; पेमेंट सुविधा के लिए अब RBI के सभी नियमों का हो रहा है पालन

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Facebook के मालिकाना हक़ वाले WhatsApp ने अब अपनी पेमेंट सेवा को देश में शुरू करने को लेकर एक अहम क़दम उठाया है।

दरसल ईटी में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार WhatsApp ने अब सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि यह मैसेजिंग एप्लिकेशन अब अपनी पेमेंट सुविधा को शुरू करने को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के डेटा स्थानीयकरण मानदंडों सहित अन्य सभी नियमों का भी पूरी तरह से पालन करने लगा है।

आपको बता दें WhatsApp की पेमेंट सेवा WhatsApp Pay दो साल से अधिक समय से कोर्ट में ट्रायल स्टेज में फँसी हुई है।

आपको बता दें भारत में 400 मिलियन से अधिक मासिक सक्रिय उपयोगकर्ताओं वाले WhatsApp ने असल में शीर्ष अदालत द्वारा “डेटा स्थानीयकरण के पांच एलिमेंट” को लेकर पूछे गये सवाल के जवाब में यह प्रतिक्रिया दी है। असल में इन्हीं मुद्दों को लेकर बैंकिंग नियामक RBI ने WhatsApp Pay के लॉंच पर रोक लगा रखी है।

यह इसलिए भी दिलचस्प है क्योंकि ऐसा पहली बार है जब WhatsApp ने अधिकारिक रूप से RBI के नियमों का पालन करने का दावा कोर्ट में किया है। और यह ख़ास इसलिए भी बन जाता है क्योंकि अभी कुछ ही दिन फले WhatsApp ने ब्राजील में अपनी पेमेंट सुविधा की शुरुआत कर दी है। वहीं भारत में अभी भी इसकी यह सुविधा अभी बीटा टेस्टिंग स्टेज पर ही है।

इतना ज़रूर बता दें कि इस पेमेंट सुविधा के लॉंच होने में कई परेशनियाँ थीं, लेकिन WhatsApp के लिए डेटा स्थानीयकरण का मुद्दा सबसे अहम था, जिसके चलते कम्पनी को डेटा भारत में भी स्टोर करने को कहा गया है।

इसका एक पहलू और भी है, दरसल WhatsApp की पैरेंट कम्पनी Facebook ने अप्रैल में Jio Platforms में $5.7 बिलियन का निवेश किया है और इस डील में शामिल JioMart को भी WhatsApp की अधिकांश सेवा से जोड़ कर देखा जा रहा है।

रिपोर्ट के अनुसार RBI का कहना यह रहा है कि जब कोई ग्राहक विवाद उठाता है, तो WhatsApp एक ग्राहक द्वारा अपलोड किए गए क्वेरी स्क्रीनशॉट और उपभोक्ता ईमेल संदेश को हैदराबाद में स्थित सपोर्ट टीम के साथ साझा करता है। यह डेटा अमेरिका में ही 90 दिनों की अवधि के लिए स्टोर किया जाता आही।

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लेकिन जब बात पेमेंट सुविधा की आती है तो UPI का देश में प्रबंधन करने वाले दोनों संस्थाएँ, RBI और NPCI यह चाहती दोनों कि ऐसे सेवा प्रदाता देश के भीतर ही ग्राहकों का डेटा स्टोर करें।

वहीं इस बीच भले WhatsApp ने कोर्ट में 100% अनुपालन का दावा किया है, लेकिन अब वह NPCI से पूर्ण रूप से पेमेंट सुविधा शुरू करने के लिए हरी झंडी मिलने का इंतज़ार कर रहा है।

वहीं WhatsApp की भारी उपयोगकर्ता संख्या को देखते हुए यह पेमेंट सुविधा लोगों के बीच एक हॉट टॉपिक बन चुकी है और साथ ही साथ इसको Google Pay, PhonePe आदि कम्पनियों को कड़ी टक्कर देने की क्षमता रखने वाले प्रतिद्वंदी के रूप में देखा जाने लगा है।

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