संपादक, न्यूज़NORTH
एक तरफ जहाँ पूरी दुनिया भर में सरकारें फैली महामारी को लेकर अपने अपने स्तर पर प्रयास और संघर्ष करती नज़र आ रहीं हैं, वहीँ एक बार फिर से मौजूदा हालातों में भी इंटरनेट के दोनों पहलु सामनें आ रहें हैं।
जी हाँ! एक ओर जहाँ इंटरनेट ऐसे वक़्त में बेशक कई मोर्चों पर मददगार साबित हो रहा है, लेकिन वहीँ दूसरी ओर फेंक ख़बरों और जानकरियों को फ़ैलाने का यह फिर से एक बड़ा माध्यम बनता दिख रहा है। और हमेशा की तरह इसमें सबसे अहम भूमिका निभा रहा है दुनिया का सबसे लोकप्रिय मैसेजिंग प्लेटफार्म WhatsApp भी।
लेकिन तमाम आलोचनाओं के बाद WhatsApp ने इन फेंक जानकरियों के प्रसार पर रोक लगाने के प्रयास भी किये हैं। दिलचस्प यह है कि इन प्रयासों के सकारात्मक परिणाम भी अब नजर आने लगे हैं।
दरसल इस महीने की शुरुआत में WhatsApp ने अपने Forwards फीचर में लिमिट लगाने का ऐलान किया था ताकि किसी भी फ़ेंक खबर को आगे फ़ैलाने से रोका जा सके।
नए फीचर के तहत अब WhatsApp पर के समय में सिर्फ एक कांटेक्ट को ही कोई मैसेज फॉरवर्ड करने की सुविधा दी गयी है। और अब इस फीचर की घोषणा के करीब एक महीने बाद Facebook के मालिकाना हक वाले प्लेटफार्म WhatsApp ने दावा किया है कि प्लेटफार्म पर वायरल मैसेज के प्रसार में 70% तक की गिरावट दर्ज की गयी है।
हाँ! सुनने में यह काफी चौंका देने वाले परिणाम लगते हैं, लेकिन आपको बता दें WhatsApp किसी मैसेज को एक समय में पांच या अधिक कांटेक्ट को भेजने पर प्लेटफार्म उसको “अत्यधिक फॉरवर्ड किये गये मैसेज” या ‘वायरल मैसेज’ की श्रेणी में डाल देता है।
दरसल भले WhatsApp के दावे के अनुसार कंपनी अपने ऐप के एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन के चलते किसी मैसेज को पढ़ नहीं सकती है, लेकिन कंपनी उस मैसेज के प्लेटफार्म पर प्रसार संबंधी मेटाडेटा का उपयोग कर इसका विश्लेषण करती है।
आपको याद दिला दें WhatsApp द्वारा फ़ेंक ख़बरों के लड़ने की शुरुआत 2018 में हुई थी जब इस मैसेजिंग ऐप ने Forwards की लिमिट को केवल पांच संपर्कों तक ही सीमित कर दिया था।
और तब वायरल मैसेज के प्रसार में 25% तक की कमी दर्ज की गयी थी। इसके साथ ही 2019 में WhatsApp ने ऐसे मैसेज Forword को ‘Forwarded’ टैग के साथ लेबल करना भी शुरू कर दिया था, ताकि लोगों को यह साफ़ साफ़ पता चल सकें कि कौन सा मैसेज उन्हें सीधे Forward किये गया है।
लेकिन कंपनी यहीं नहीं रुकने वाली दरसल कई अटकलें ऐसी भी हैं कि WhatsApp जल्द ही उपयोगकर्ताओं को Google के जरिये प्राप्त मैसेजों को सत्यापित करने की सहूलियत भी दे सकता है।
यह एक बेहद जरूरी कदम है जो मौजूदा महामारी के हालातों में WhatsApp ने फेंक ख़बरों से लड़ने के लिए उठाया है। इतना ही नहीं कंपनी यह भी सुनिश्चित करना चाहती है कि WhatsApp का इस्तेमाल सकारात्मक रूप से फ्रंट लाइन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं आदि के समर्थन में हो।
साथ ही साथ आपको बता दें WhatsApp ने भारत सहित कई देशों में सरकारों के साथ भागीदारी कर लोगों तक सत्यापित जानकारी पहुँचाने का भी बीड़ा उठाया है।