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प्रधानमंत्री मोदी ने मौजूदा राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन को ‘3 मई’ तक बढ़ाने का किया ऐलान

प्रधानमंत्री मोदी ने मौजूदा राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन को ‘3 मई’ तक बढ़ाने का किया ऐलान

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कोरोना वायरस महामारी के चलते मौजूदा लॉकडाउन को बढ़ाने की सुगबुगाहट लगभग देशभर में अधिकांश लोगों को थी। और आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस खबर पर मोहर भी लगा दी।

जी हाँ! दरसल आज देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने चल रहे लॉकडाउन को 3 मई तक और बढ़ाने का ऐलान कर दिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बातचीत करने पर उनके द्वारा किये गये लॉकडाउन के विस्तार संबंधी अनुरोध पर विचार करने के बाद यह फैसला किया गया है।

अपने इस आज के संबोधन में प्रधानमंत्री ने उन तैयारियों का भी जिक्र किया जो भारत काफी तेजी से इस संक्रमण रुपी फैली महामारी से लड़ने के लिए कर रहा है। उन्होंने बताया कि देश में COVID-19 की टेस्टिंग की क्षमता को बढ़ा दिया गया है, फ़िलहाल 220 से अधिक लैब्स के जरिये अब देश भर में कोरोना वायरस के नमूनों की टेस्टिंग की जा रही है।

वहीँ आँकड़ों पर गौर करें तो भारत की औसत टेस्टिंग पिछले सप्ताह से प्रति दिन लगभग 15,000 नमूनों तक पहुँच गयी है, जो अधिकांश अन्य देशों की क्षमता से मेल खाती है।

साथ ही देश में अब 1,00,000 से अधिक कोरोना वायरस समर्पित हॉस्पिटल बेड हैं। दिलचस्प रूप से इस संबोधन में प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि वैश्विक मानकों के अनुसार किसी देश में 10,000 संक्रमण पाएं जाने पर 1500-1600 बेड़ों की आवश्यकता होती है।

वहीँ भारत में भी अब COVID-19 संक्रमितों की संख्या 10,000 को पार कर चुकी है, और इसलिए भारत की केंद्र और राज्य सरकारें दावा कर रहीं हैं कि मौजूदा समय में पहले से ही 1,00,000 बेड़ों की व्यवस्था की जा चुकी है।

वहीँ इस बीच प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि कोरोनो वायरस संक्रमितों के उपचार के लिए 600 से अधिक समर्पित अस्पताल चिन्हित किये गये हैं।

साथ ही दवाओं की आपूर्ति और अन्य आवश्यक चीज़ों के संदर्भ में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की दीर्घकालिक मांग को पूरा करने के लिए देश के पास पर्याप्त आपूर्ति और भंडार है।

लेकिन आज के संबोधन में जो सबसे खास बात रही वह यह कि प्रधानमंत्री ने देश के सामने एक रोडमैप दिया कि कुछ जिलों में कैसे आगामी दिनों में थोड़ी राहत दी जा सकती है। दरसल प्रधानमंत्री के अनुसार सरकार ने लाल, नारंगी और हरे रंग के साथ जिलों को चिह्नित करने की योजना बनायीं है, जिससे मुख्यतः उस जिले में संक्रमण के स्तर को दर्शायेंगे।

बता दें इस संदर्भ में कल अधिक विस्तृत तरीके से इस दिशा में सरकार के दिशा-निर्देशों की घोषणा की जाएगी, जिससे देश भर के कुछ जिलों में आर्थिक गतिविधियों पर प्रतिबंध हटने की उम्मीद भी की जाने लगी है। आपको बता दें भारत में 400 से अधिक जिलों में कोई भी संक्रमण की खबर नहीं आई है, और माना जा रहा है कि ऐसे इलाकों में प्रतिबंधों में थोड़ी राहत दी जा सकती है।

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इस बीच विशेषज्ञों का भी सुझाव है कि भले ही भारत में टेस्टिंग आदि संबंधी स्वास्थ्य सुविधाओं की हालत उतनी अच्छी नहीं है, लेकिन समय पर लॉकडाउन जैसे उपायों के चलते देश को इस संक्रमण से लड़ने में खासी मदद मिली है।

दरसल इस बात में कोई शक नहीं है कि 1.2 बिलियन से अधिक की घनी आबादी वाला देश होने के बावजूद भारत में इस संक्रमण के आँकड़े अपेक्षाकृत कम है, जो देश भर के लिए एक राहत का विषय है। ऐसा इसलिए भी क्यूंकि मौजूदा समय में अमेरिका और कई यूरोप के विकसित देशों के हालातों को देखते हुए स्थिति काफी भयावह ही दिखाई पड़ती है।

आपको बता दें अमेरिका में अब तक करीब आधे मिलियन से अधिक संक्रमण के मामले सामने आ चुकें हैं, और दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि वहां इसके कम होने के भी कोई संकेत फ़िलहाल नज़र नहीं आ रहें हैं, और मामलों में लगातार वृद्धि देखी जा रही है।

इस बीच भारत में लॉकडाउन में मिल सकने वाली सभी आगामी राहत और दिशा-निर्देशों की जानकारी के लिए आप हमारे साथ बने रहें!

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