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डेटा चोरी के लिए ‘कोरोनवायरस’ मॉलवेयर का उपयोग कर रहें हैं हैकर्स: साइबर पुलिस

डेटा चोरी के लिए ‘कोरोनवायरस’ मॉलवेयर का उपयोग कर रहें हैं हैकर्स: साइबर पुलिस

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एक तरह जहाँ लगातार देश भर में बढ़ते COVID-19 मामलों के चलते चिंता बढ़ती जा रही है। वहीँ अब महाराष्ट्र में साइबर धोखाधड़ी कर अहम डेटा चोरी करने के लिए “कोरोनावायरस मैप” नामक एक मॉलवेयर तैयार किया है, जिसके जरिये बैंक अकाउंट डिटेल और पासवर्ड तक चोरी किये जा रहें हैं।

आपको बता दें इकॉनोमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक धुले पुलिस अधीक्षक चिन्मय पंडित ने एक हफ्ते पहले ही इस मॉलवेयर के बारे में पता लगाया और एक आधिकारिक बयान जारी कर लोगों से सोशल मैसेजिंग ऐप पर प्रसारित किसी भी कोरोनोवायरस-संबंधित लिंक को न खोलने की अपील भी की।

इकॉनोमिक टाइम्स की इस रिपोर्ट में इस मामले से जानकार एक अधिकारी के हवाले से कहा गया कि,

“साइबर अपराधी कोरोनोवायरस मैप नामक मॉलवेयर का उपयोग कर रहे हैं, जो आपके गोपनीय डेटा को लीक कर उन तक पहुंचा सकता है।”

अधिकारी के मुताबिक पुलिस इस अनधिकृत लिंक के बारे में जागरूकता फैलाकर एहतियाती कदम उठा रही है। लेकिन इस इस बीच WhatsApp जैसे मैसेजिंग ऐप पर व्यापक रूप से साझा किए जा रहे इस मॉलवेयर लिंक में अक्सर यह दावा किया जाता है कि इसमें कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के तरीकों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी है और इसलिए इसको खोलने के लिए भी मैसेज में कहा जाता है।

और इसलिए अगर कोई लिंक क्लिक करता है, तो यह जासूसी सॉफ्टवेर बैंक खाता डिटेल्स, पासवर्ड और अन्य व्यक्तिगत डेटा चोरी कर सकने में सक्षम हो जाता है।

इस बीच महाराष्ट्र पुलिस साइबर अपराध के पुलिस अधीक्षक बाल्सिंग राजपूत ने भी बताया कि फ़िलहाल अभी तक किसी ने भी साइबर पुलिस से इस तरह के मामलों की कोई शिकायत नहीं की गयी है।

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इस दौरान आपको बता दें दुर्भाग्यपूर्ण रूप से महाराष्ट्र में अब तक पांच कोरोनो वायरस से संबंधित मौतों की पुष्टि हो चुकी है और वहीँ 130 लोग इस संक्रमण के शिकार पाएं गये हैं।

इस बीच साइबर पुलिस की यह अपील है कि जो भी लोग COVID-19 से जुड़ी इस महामारी पर इंटरनेट के जरिये अपडेट प्राप्त करनें की कोशिश करते हैं वह सोशल मीडिया पर भेजे गए किसी भी लिंक पर क्लिक करने से पहले दो बार जरुर सोचें।

साथ ही यह भी कहा गया कि राज्य और केंद्र सरकार इस महामारी को लेकर समय-समय पर अधिकारिक वेबसाइटो के जरिये जानकारी और डेटा साझा कर रहीं हैं, इसलिए लोगों को अनधिकृत लिंक खोलने से बचना चाहिए।

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