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Amazon की हाईकोर्ट में दलील; CCI ने बिना किसी सबूत के लगाए कंपनी पर आरोप

Amazon की हाईकोर्ट में दलील; CCI ने बिना किसी सबूत के लगाए कंपनी पर आरोप

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हाल ही में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) द्वारा Amazon पर लगाए गये गलत ढंग से व्यापार करने और अन्य आरोपों को लेकर अब Amazon ने कर्नाटक हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि CCI के पास कंपनी के खिलाफ़ कोई प्राथमिक सबूत नहीं है।

आपको बता दें विचाराधीन आरोपों में से एक है CCI द्वारा Amazon और Walmart के मालिकाना हक़ वाले Flipkart पर स्मार्टफोन निर्माताओं के साथ विशेष बिक्री संबंधी साझेदारी करने का आरोप।

लेकिन अदालत में खुद का बचाव करते हुए Amazon ने CCI द्वारा पेश किये गये सबूतों पर सवाल उठाया। उदाहरण के लिए, CCI ने ब्रांड्स द्वारा ग्राहकों को द्वारा भेजे गए SMSs को सबूत के तौर पर पेश किया है। लेकिन इस पर Amazon ने यह कहकर आपत्ति जताई है कि कंपनी और इन ब्रांडों के बीच किसी प्रकार का कोई औपचारिक समझौता नहीं हुआ है। और इसके लिए CCI भी कोई सबूत पेश करने में विफल रहा है।

इस बीच CCI और स्थानीय ट्रेड यूनियनों द्वारा Amazon पर भारी छूट देने का भी आरोप लगाया गया है। इस पर भी कंपनी ने स्पष्ट किया कि ये आरोप झूठे हैं और Amazon जो छूट प्रदान करता है, वह बाजार शुल्क छूट द्वारा ही भरी जाती है।

वैसे क्यूंकि कंपनी कभी-कभी 50-60% तक की भी छूट ऑफर करते नज़र आती है, तो ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या Amazon वाकई अदालत में इस विषय को लेकर अपना पूरा बचाव कर पायेगा या नहीं?

दरसल Amazon Seller Services और Flipkart Internet के खिलाफ CCI का आदेश, जो कि धारा 26 (1) के तहत दायर किया गया है, वह गैर-अपील योग्य है। लेकिन Amazon ने Star India और Bharti Airtel के आदेशों का उदाहरण पेश करते हुए उनका हवाला दिया, और बताया कि कैसे उन कंपनियों के खिलाफ़ भी CCI की कुछ ऐसी ही जांच और आरोपों को अदालत ने खारिज कर दिया था।

दरसल यह पूरा मसला भारत में स्थानीय खुदरा विक्रेताओं द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन से जन्मा है। इन खुदरा विक्रेताओं का कहना है कि Amazon भारी छूट प्रदान करता है और उपभोक्ताओं को अपने ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म पर आकर्षित करने के लिए इसका इस्तेमाल करता है।

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इसके अलावा खुदरा विक्रेताओं का यह भी आरोप है कि Amazon और Flipkart जैसे ऑनलाइन मार्केटप्लेस स्मार्टफोन और इलेक्ट्रॉनिक्स ब्रांडों के साथ विशेष साझेदारी कर सामान बेंच रहें हैं, और ऑनलाइन और ऑफलाइन कीमतों में भारी अंतर के चलते उनके व्यापार को काफी नुकसान हो रहा है।

वहीँ Amazon ने इन आरोपों को भी निराधार बताते हुए खारिज कर दिया है।

इस बीच कम समय के चलते अदालत ने आज तक के लिए इस कार्यवाई को स्थगित कर दिया है और आगे की कार्यवाही गुरुवार को की जाएगी।

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