संपादक, न्यूज़NORTH
काफी समय से UPI और RuPay कार्ड के माध्यम से किए जाने वाले लेनदेन पर लगने वाले बैंक चार्ज के समाप्त होने को लेकर कई अटकलें लगाई जा रही थीं।
लेकिन अब इंडियन बैंक्स एसोसिएशन और नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने एक फैसले के तहत अपने ऐलान के जरिये इन अटकलों पर विराम लगा दिया है।
दरसल बैंक अब Merchant Discount Rate (MDR) जीरो होने की स्थिति में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) और RuPay कार्ड लेनदेन पर कोई चार्ज नहीं करेंगें। बता दें ऐसा कहा जाता है कि वार्षिक राजस्व में जीरो MDR के चलते 1,800 करोड़ रूपये तक का नुकसान हो सकता है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक NPCI की संचालन समिति की बैठक में, IBA और NPCI जीरो इंटरचेंज शुल्क पर सहमत हुए हैं, हालांकि यह जरुर है कि यह दोनों अभी भी भुगतान सेवा प्रदाता (PSP) शुल्क, इंटरचेंज शुल्क और स्विचिंग शुल्क जैसे कई अन्य शुल्क की समीक्षा कर रहे हैं।
मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) आमतौर पर लगभग 1% से 3% होता है, जो एक व्यापारी से डेबिट और क्रेडिट कार्ड लेनदेन पर पेमेंट प्रोसेसिंग सेवाओं के लिए लिया जाता है।
आपको बता दें पिछले ही महीनें सरकार ने 1 जनवरी 2020 से RuPay और UPI प्लेटफार्मों के माध्यम से डिजिटल लेनदेन पर MDR शुल्क को हटाने का ऐलान कर दिया था।
दरसल इससे उन बैंकों को फायदा होगा जो डिजिटल भुगतान में वृद्धि के बाद भी लागत को कम करने की कोशिशें कर रहें हैं। वहीँ एक सच यह भी है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बड़े बैंक स्विचिंग शुल्क और इंटरचेंज शुल्क का विरोध करते रहे हैं क्योंकि उन्हें फिर अन्य बैंकों को अधिक भुगतान करना पड़ता है।
एक आँकलन यह भी है कि इन फीसों को हटाने से UPI ऐप्स और फिनटेक स्टार्टअप्स के राजस्व में गिरावट आ सकती है, जिसमें हाल ही में जबरदस्त वृद्धि देखी गई है। UPI ने अक्टूबर 2019 से दिसंबर 2019 तक प्रति माह 1 बिलियन से अधिक लेनदेन दर्ज किये हैं।
आपको बता दें लॉन्च के सिर्फ़ तीन साल के भीतर ही सरकार समर्थित UPI प्लेटफॉर्म 100 मिलियन से अधिक उपयोगकर्ताओं के होने का दावा करतें हैं, जिससे इसकी वृद्धि दर साफ़ तौर पर जाहिर होती है, वह भी न सिर्फ़ देश में, बल्कि देश के बाहर भी।