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TikTok प्राइवेसी मुद्दे को लेकर फ़िर विवादों में; हैकर्स द्वारा उपयोगकर्ता डेटा पर सेंध का शक

TikTok प्राइवेसी मुद्दे को लेकर फ़िर विवादों में; हैकर्स द्वारा उपयोगकर्ता डेटा पर सेंध का शक

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TikTok हाल ही में प्लेटफ़ॉर्म पर प्राइवेसी सुरक्षा के मुद्दों को लेकर कई दावे करता नज़र आया है, लेकिन अब एक बार फ़िर से ऐप में यूजर डेटा को लेकर कुछ नए विवाद सामने आए हैं।

जी हाँ! ऐप में फ़िर एक बार सुरक्षा ख़ामी नज़र आई है, जिसके चलते हैकर्स द्वारा यूजर डेटा पर सेंध लगाने का शक जताया जा रहा है।

Check Point Software Technologies Ltd. ने ऐसी कई सिलसिलेवार खामियों के बारे में रिपोर्ट सार्वजानिक करते हुए पहले भी यह बताया है कि कैसे हैकर्स द्वारा TikTok की ओर से उपयोगकर्ता के अकाउंट की सूचनाओं में हेरफेर की गई, उनके पर्सनल डेटा में सेंध लगाई गई और साथ ही उनके कुछ वीडियो भी डिलीट कर दिए गए।

हालाँकि TikTok की पैरेंट कंपनी Bytedance ने Check Point Software Technologies Ltd. द्वारा इन खामियों के बारे में बताए जाने पर यह कहा था कि इनको दूर कर लिया गया है और साथ ही प्लेटफ़ॉर्म पर उपयोगकर्ता डेटा की सुरक्षा को और पुख्ता करने के लिए फ़ायरवॉल को और मजबूत बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है।

लेकिन अब इस नई घटना के बाद TikTok के लिए अमेरिका में अपना संचालन जारी रखना और भी मुश्किल हो जाएगा, जहाँ कंपनी पहले ही काफी संघर्ष करती नज़र आ रही है।

लेकिन एक सच यह भी है कि इन तमाम विवादों और क़ानूनी लड़ाईयों के बाद भी कंपनी स्थानीय स्तर और विदेशों दोनों में ही एक बड़ा दर्शक वर्ग बनाने में कामयाब सी नज़र आती रही है।

इतना ही नहीं चीन के TikTok का वर्जन, Douyin जनवरी 2020 में अपने प्लेटफ़ॉर्म पर रोजाना 400 मिलियन दैनिक उपयोगकर्ताओं तक पहुंच बना लेने का दावा करता है।

दरसल TikTok आज के समय बाज़ार में नया Snapchat बन गया है, जो युवाओं के बीच काफी कूल समझा जाता है।

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आप भले कितना ही इसके कंटेंट का मजाक उठा लें, लेकिन इस बात से कोई इंकार नहीं कर सकता है कि इस ऐप की सफलता दिन प्रतिदिन बढ़ रही है।

लेकिन बढ़ती लोकप्रियता के साथ ही साथ कंपनी की परेशानी भी बढ़ने लगीं हैं, और अमेरिकी जमींन पर इसको जांच तक का सामना करना पड़ रहा है।

वहीँ अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते व्यापार तनाव को देखते हुए, ऐप को एक डर और सता रहा होगा और वह है अपने सबसे बड़े बाज़ारों में से एक यानी अमेरिका को खोने का डर।

दरसल आपको बता दें ऐप पर अमेरिकी उपयोगकर्ताओं के डेटा को चीन भेजने संबंधी आरोप लगते रहें हैं। और शायद यही कारण है कि अमेरिकी नौसेना ने अपने जवानों के लिए इस ऐप के इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।

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