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बांग्लादेशी छात्रों पर AMU पर पढ़ने पर लगाई गई रोक, विवादित टिपण्णी के बाद कार्रवाई

बांग्लादेशी छात्रों पर AMU पर पढ़ने पर लगाई गई रोक, विवादित टिपण्णी के बाद कार्रवाई

  • बांग्लादेशी छात्रों को विवादित पोस्ट करना पड़ा महंगा.
  • AMU ने बांग्लादेशी छात्रों को ब्लैक लिस्टेड कर दिया है.

AMU action Bangladeshi students: उत्तरप्रदेश में स्थित सेंटल यूनिवर्सिटी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी ने बांग्लादेश के कुछ छात्रों के ऊपर विश्विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने पर पूर्णता पाबंदी लगा दी है। बांग्लादेशी छात्रों के ऊपर उक्त कार्रवाई इस्कॉन और भारतीय महिलाओं को लेकर सोशल मीडिया पर विवादित पोस्ट करने के आरोप में दोषी पाए जाने के बाद की गई है। दअरसल पिछले दिनों बांग्लादेश से AMU (अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी) में शिक्षा प्राप्त करने वाले एक छात्र ने इस्कॉन समूह के ऊपर तो वही दो अन्य छात्रों ने भारतीय महिलाओं के ऊपर गलत टिप्पणी की थी, उक्त मामलों में विश्विद्यालय के छात्रों ने शिकायत की थी। जांच उपरांत दोषी पाए जाने के बाद बांग्लादेशी छात्रों के ऊपर कार्रवाई की गई हैं।

यूनिवर्सिटी ने छात्रों को किया (AMU action Bangladeshi students) ब्लैकलिस्ट

दो आरोपी छात्रों महमूद हसन और मोहम्मद शमी उल इस्लाम को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया और एक छात्र मोहम्मद आरिफ उल इस्लाम रफत को नोटिस जारी कर अगली कक्षा में दाखिला न लेने का अल्टीमेटम दिया गया है। बता दे, तीनों छात्रों के बारे में बांग्लादेश दूतावास में भी जानकारी भेज दी गई है। इसमें एक छात्र वर्तमान में बीए इकॉनोमिक्स अंतिम वर्ष का छात्र रिफत रहमान को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। उसने माफीनामा दिया था। उसे चेतावनी जारी की है। बीए करने के बाद उसके आगे की कोर्स में दाखिले पर रोक लगा दी है।

इसके अलावा एक अन्य छात्र समीउल इस्लाम को ईमेल के जरिए नोटिस दिया गया है। वह एसएस नॉर्थ में रहता था। एमए करने के बाद वह बांग्लादेश चला गया। भविष्य में उसके एएमयू में प्रवेश पर रोक लगा दी है। तीसरा आरोपित छात्र महमूद हसन है। उसने दाखिला लिया था, लेकिन कभी पढ़ने नहीं आया। नवंबर में उसका दाखिला रद्द किया गया था। उसके भी भविष्य में प्रवेश पर रोक लगा दी है।

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एएमयू में बांग्लादेश के 36 छात्र पढ़ रहे हैं

भारत में AMU का इतिहास 1875 से शुरू होता है, जब सर सैयद अहमद खान ने मदरसा-ए-तुलुम की शक्ल में इस विश्वविद्यालय की नींव रखी, उस समय निजी विश्वविद्यालयों की अनुमति नहीं थी, इसलिए इसे स्कूल के रूप में शुरू किया गया। वर्तमान में एएमयू में शिक्षा प्राप्त करने के लिए अफ्रीका, पश्चिम एशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया से छात्र आते है। भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश से भी वर्तमान में 36 छात्र AMU में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।

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