NMC issued notice to all the medical colleges of the country: गुजरात के पाटन जिले के धारपुर में जीएमईआरएस मेडिकल कॉलेज के छात्र अनिल नटवरभाई मेथानिया को कथित तौर पर सीनियर्स द्वारा रैगिंग के बाद हुई मौत की घटना के बाद NMC (natsinoal medical council) ने देश के सभी मेडिकल कॉलेजों को एक नोटिस जारी किया है। जिसमें स्पष्ट रूप से चेतावनी देते हुए कॉलेजों से कहा गया है कि यदि वह अपने अपने कॉलेजों में प्रभावी एंटी-रैगिंग सिस्टम लागू करने में असफल रहे, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सीनियर ने रैगिंग के नाम पर तीन घंटे खड़ा रखा
जीएमईआरएस मेडिकल कॉलेज के एक जूनियर छात्र को कॉलेज के ही एक सीनियर छात्र ने रैगिंग के नाम पर तीन घंटे से अधिक समय तक खड़ा रखा, जिससे कथित रूप से छात्र की मौत हो गई। घटना के बाद से ही NMC (natsinoal medical council) ने सख्त रवैया अपनाते हुए स्पष्ट निर्देश दिए है कि किसी भी मेडिकल कॉलेज में रैगिंग स्वीकार्य नहीं है। इसके लिए मेडिकल कॉलेज प्रभावी एंटी रैगिंग सिस्टम लागू करे अन्यथा उनके ऊपर ही सख्त कार्रवाई की जाएगी।
रैगिंग के बारे में कई शिकायतें (NMC notice medical colleges) मिली
मेडिकल कॉलेज में रैगिंग के बाद छात्र की मौत को लेकर एक बार फिर से मेडिकल कॉलेजों में एंट्री रैगिंग नियमों के अनुपालन में खामियों की बात NMC द्वारा उल्लेखित किए गए है। कॉलेजों को जारी पत्र में लिखा गया है कि, अपर्याप्त निगरानी तंत्र, एंटी-रैगिंग दस्तों की अनुपस्थिति, वार्षिक एंटी-रैगिंग रिपोर्ट जमा करने में विफलता और रैगिंग को प्रभावी तरीके से समाप्त करने के लिए पर्याप्त कदम न उठाने की वजह से ऐसी घटनाओं अंजाम दिया जा रहा है।
National Medical Commission reiterates its commitment to eradicating ragging in medical colleges. Stakeholders are urged to comply with the guidelines outlined in Public Notice NMC/23(1)25/2021/Med.
LINK: https://t.co/cHgR3sIxro#StopRagging #NMC #MedicalEducation pic.twitter.com/St4NygrKgj
— National Medical Commission (@NMC_BHARAT) December 9, 2024
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क्या कहता भारत का रैगिंग कानून?
रैगिंग विरोधी कानून की बात की जाए तो किसी भी कॉलेज में रैगिंग एक बड़ा अपराध है। रैगिंग का दोष साबित होने छात्रों को तो सजा मिलेगी ही, साथ ही संबद्ध कॉलेज पर भी कार्रवाई होगी और उस पर आर्थिक दंड भी लगाया जाएगा। इनमें छात्राओं खासकर नई छात्राओं को अजीबोगरीब नियमों के तहत परेशान करना या अपमान जनक टास्क देने से लेकर कई प्रकार की बातों की बाध्यता है लेकिन इसके बावजूद भी रैगिंग के मामले शिक्षण संस्थानों में रुकने का नाम नहीं ले रहें हैं।