Government fell due to no-confidence motion in France: फ्रांस के इतिहास में 4 दिसंबर का दिन राजनीतिकी रूप से ऐतिहासिक दिन रहा क्योंकि फ्रांस के 60 सालों के इतिहास में पहली बार किसी सरकार को अविश्वास प्रस्ताव के जरिए गिराया गया। जी हां! वामपंथी The New Popular Front (एनएफपी) गठबंधन द्वारा पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 331 सांसदों ने मतदान करके फ्रांस में मिशेल बार्नियर की सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया गया। अब फ्रांस में राजनीतिक संकट गहरा गया है। फ्रांस के सांसदों ने 1962 के बाद पहली बार अविश्वास प्रस्ताव पारित प्रधानमंत्री को सत्ता से बेदखल किया हैं।
बार्नियर सरकार सत्ता (no-confidence motion France) में केवल तीन महीने
फ्रांस में जुलाई में हुए आम चुनावों में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिल पाया था, राष्ट्रपति मैक्रों ने सितंबर में मिशेल बार्नियर के नेतृत्व में अल्पमत सरकार का गठन किया। 73 वर्षीय बार्नियर बहुमत न होने के बावजूद गठबंधन में सरकार चलाने का प्रयास कर रहे थे।
Où est le respect envers les 11 millions d’électeurs du RN dans le texte de cette motion de censure ? pic.twitter.com/h3feRJJeBJ
— Michel Barnier (@MichelBarnier) December 3, 2024
लेकिन उनकी कोशिशों को झटका देते हुए वामपंथी The New Popular Front (एनएफपी) गठबंधन द्वारा पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव को 331 सांसदों समर्थन देते हुए बार्नियर सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया, जो सरकार गिराने के लिए बहुमत संख्या 288 से कई अधिक थी। 73 वर्षीय बार्नियर की नई सरकार फ्रांस की सत्ता में केवल तीन महीने ही रही।
नया सामाजिक सुरक्षा बजट ने बार्नियर सरकार की नैय्या डुबोया
जुलाई में हुए चुनावों में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत न मिलने की वजह से मिशेल बार्नियर ने जोड़ तोड़ गठबंधन करके फ्रांस में नई सरकार का गठन किया था, जिसमें उनका सहयोग राष्ट्रपति मैक्रों ने भी किया था। लेकिन तीन महीने की सरकार चलाने के बाद हाल ही में प्रस्तुत किया गया सामाजिक सुरक्षा बजट जिसमें टैक्स बढ़ाने और खर्चों में कटौती का फैसला लिया गया था, उसका जमकर वामपंथी और दक्षिणपंथी दलों ने विरोध किया। लेकिन विरोध के बावजूद भी सरकार ने इस बजट को बिना संसद की वोटिंग के पास कराने का फैसला लिया, जिसने स्थिति को और तनावपूर्ण बना दिया।
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इसके बाद विपक्षी दलों ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की घोषणा की, जिससे बार्नियर सरकार को अंततः हार का सामना करना पड़ा। अब मिशेल बार्नियर को और राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को अपना (Government fell due to no-confidence motion in France) इस्तीफा सौंपना होगा।